दीदी की मदमस्त गांड

नमस्ते.. अन्तर्वासना, कामुकता और हिंदी सेक्स स्टोरी की दुनिया में आपका स्वागत है.. मै मंजीत सिंह आप लोगो के सामने अपनी पहली कहानी लेकर हाजिर हूं । मै आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूं । ये कहानी मेरे और मेरी दीदी के साथ हुई सची घटना है।

पहले में आपको मेरी फैमिली के बारे में बता देता हूं। मेरे पापाजी और ताऊजी के बीच में 15 साल का गेप है। तो मेरे ताऊजी की लड़की यानी की मेरी दीदी की उम्र कोई 35-36 साल के आसपास है और मेरी उमर 21 साल है ।

मेरी दीदी के परिवार में मेरे जीजाजी और उनकी इकलौती बेटी जिसकी उम्र लगभग 19 साल है। मै और मेरी भांजी में बहुत अच्छी पटती है । बचपन में जब वो ननिहाल आती थी तो हम दोनों साथ ही खेलते थे और मुझे उसके साथ रहना अच्छा लगता था।

फिर धीरे धीरे वक्त गुजरता गया और एक बार में दीदी के गया हुआ था। वहां खाना वाना खाकर रात को जब सोने गए तो दीदी ने कहा कि तू और मीनू (में और मेरी भांजी) ऊपर वाले कमरे में सो जाओ।

Mastram sex stories in Hindi – मस्त भाभी और सामूहिक चुदाई

फिर मै और मीनू ऊपर सोने के लिए आ गए और खूब देर तक बारे करने के बाद सो गए। मेरे मन मै इससे पहले मेरी भांजी और दीदी के बारे में कोई ग़लत ख्याल नहीं था।

रात को कोई 2-3 बजे जब मेरी आंख खुली तो मैने हल्की दूधिया रोशनी में उसके शरीर को देखा तो मेरे मन में कुछ कुछ होने लगा और फिर में उसके साथ सटके सो गया। और उसके ऊपर से हाथ कर लिया और ये सब करके मुझे बहुत अच्छा लगा। में वहां 2-3 दिन रहा और इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ।

इसके बाद से मेरे मन में उसके बारे में ग़लत ग़लत खयाल आने लगे और उसे चोदने के सपने देखने लगा। और उस सोच कर ही मुठ मार लिया करता था। ये बाते तब की थी जब में 12 वीं कक्षा में था।

फिर उसके बाद में कॉलेज करने के लिए मेरी दीदी के साथ ही रहने लगा और उसने ब मेरी ही कॉलेज में एडमिशन ले लिया और हम दोनों स्कुटी पर जब साथ में कॉलेज जाते थे तो लोगो को लगता था कि वो मेरी गर्लफ्रेंड है ।

में और वो दोनों ये बात जानते थे और लोगो के सामने ऐसे ही रहते थे। में उसे चोदने के सपने देखता था लेकिन कुछ मोका ही नहीं मिला और ऐसे ही हम थर्ड ईयर में आ गए।

Mastram sex stories in Hindi – प्यार, इश्क़ और चुदाई

और ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था।

एक दिन वहां घर पर कुछ मेहमान आए हुए थे और मेरे जीजाजी भी घर पर नहीं थे तो मेहमानों की दिन भर हमने अच्छी खातिर दारी की ओर शाम को खाना खाने के बाद वो वहीं रुक गए और एक रूम में तो वो मेहमान लोग सो गए और दूसरे रूम में में मेरी दीदी और भांजी मीनू सो गए।

पहले में फिर मेरी दीदी और फिर मेरी भांजी सो हुए थे और ये मेरे लिए प्रॉब्लम हो गई क्योंकि में मेरी भांजी के चिपक कर सोता था और उसके शरीर की गर्मी से ही में खुश हो जाता था और मुठ मार के निकाल देता था। फिर में ये सोच कर कि चलो कोई ना आज ऐसे ही सो जाते ह पर मुझे नींद नहीं आई काफी देर तक।

तब तक सब लोग सो चुके थे और में धीरे से दीदी के पास खिसक गया पर फिर भी कुछ जगह थी बीच में और मैने मेरा हाथ दीदी के ऊपर रख लिया और कुछ देर के लिए ऐसा ही पड़े रहने दिया। और मेरी दीदी के शरीर की बनावट लगभग 36-34-38 होगी और मुझे अच्छा लगा उनके ऊपर हाथ रख कर।

फिर मेने हिम्मत करके मेरा हाथ उनकी छाती पर रख दिया और मेरी सांसें धीरे धीरे तेज होने लगी । मेने देखा कि काफी देर तक जब दीदी नहीं हिली तो मैने आगे बढ़ने की सोची और धीरे धीरे उनके बूब्स को उनके कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा ।

Mastram sex stories in Hindi – बीवियों की अदला बदली करके नंगी चुदाई

पहले जो मेरी दीदी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी अचानक ही पीठ के बल सीधे लेट गई जिससे मेरी एक बार तो गान्ड ही फट गई पर मेने मेरा हाथ नहीं हटाया और शायद एक बार तो वो जाग भी गई पर उन्होंने सोचा होगा कि नींद में ये सब हो रहा है और में भी काफी देर तक नहीं हिला।

फिर कई देर बाद मेरे अन्दर वापस हिम्मत आयी तो में वापस उनके बूब्स को दबाने लगा और मेरी सांसे तेज होने लगी। फिर में उनके पेट की सहलने लगा और धीरे से मेरा हाथ उनके टॉप में डाल दिया और धीरे धीरे में उनकी नाभी से होता हुआ उनके बूब्स की तरफ आने लगा और उनकी निप्पल से छेड़ छाड़ करने लगा ..

उनका एक हाथ मेने पकड़ कर मेरे अंडर वियर में डाल दिया जिससे मेरी सांसे बहुत तेज होने लगी और में जोश में आ गया और सोचा की अगर बेटा आज कर लिया तो ठीक है वरना फिर ऐसा मोका तो दीदी के साथ शायद ही मिले।

फिर धीरे धीरे मेने मेरे एक हाथ से उनके हाथ में लन्ड पकड़ा दिया और मेरा दूसरा हाथ उनके बूब्स से हटाता हुए उनकी चूत की तरफ बढ़ते हुए उनके पेंटी की स्ट्रिप को सहलाने लगा और मेरा हाथ उनकी पेंटी में डाल दिया ।

Mastram sex stories in Hindi – प्यासी बीवी, अधेड़ पति

मेरे ऐसा करते मेरे दीदी के शरीर में एक बार कंपन्न सा हुआ तो में वहीं रुक गया और थोड़ी ही देर में मने देखा कि दीदी जोर जोर से सांसे ले रही है और मेरे लंड पर पकड़ मजबूत करने लगी।

तब तक में समझ गया कि लोहा गरम हो चुका है और केवल हतोड़ा मारने की देरी है।

बाकी की कहानी अगले भाग में बताऊंगा और आपको अच्छी लगे तो प्लीज़ कॉन्टैक्ट मी, किसी बहन भाभी या आंटी को लं ड की जरूरत हो तो मुझसे कॉन्टैक्ट करे।