अपने भाई से चूत फुटवाई

दोस्तो मेरा नाम रश्मि है और मेरी उम्र 22 साल है। पर यह मेरी सच्ची कहानी है। इसमें में आपको बताऊंगी मुझे मेरे सगे भाई ने चोदा था। मेरे बड़े भाई का नाम रवि है उनकी उम्र 24 साल है। ओर वे एक कंपनी में काम करते है। दोस्तो अब कहानी पर आटी हु।

यह कहानी आज से 2 साल पहले की है जब में 20 साल की थी ओर भैया 22 साल के थे। भैया ओर में बचपन से ही साथ सोते थे। और 17 साल की उम्र तक मे भैया के साथ ही सोई,

एक हि बिस्तर पर एक हि कम्बल में। लेकिन जब हमारे बीच मे ऐसा वैसा कुछ नही हुआ। हा लेकिन कभी कभार में अपने चुचो पर भैया का हाथ महसूस करती थी। भैया भी मुझसे बिल्कुल चिपक कर ही सोते थे।

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ओर वो अक्सर मेरे गालो पर किस करते रहते थे।

लेकिम ये सब भाई बहन का प्यार ही था लेकिन जब में 18 की हुई तो पापा ने हमे अलग अलग कमरे दे दिए।

ओर हम अलग अलग सोने लगे। और ऐसे ही 2 साल बीत गए और में 20 साल की जवान हो गयी। मेरी जवानी मेरे जिस्म से दिखने लगी थी चुचे ठीक ठाक साइज के थे। और गांड भी मीडियम ही थी।

पर भैया भी नोजवान मर्द बड़े हैंडसम थे।

ठंड का मौसम था। तो रात 11 बजे मेरे दरवाजे की डोर बजी तो शुरू में तो में डर गई लेकिन जब दरवाजा खोला तो देख भैया थे।

वे धीरे से कमरे में आ गये। ओर बोले कि रश्मि आज में तेरे पास सो जाऊ। तो मुझे भी कोई दिक्कत नही थी .. इसलिए मैंने भी है कर दी। ओर में ओर भैया एक ही कम्बल में सोने लगे।

थोड़ी देर बाद मुझे नींद आ गयी फिर करीब 1 बजे मुझे मेरे बदन पर लुक महसूस हुआ। जिससे मेरी नींद खुल गयी।

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लेकिन में उठी नही क्योंकि मुझे मालूम था कि ये भैया का हाथ है। बस इसी ही लेटी रही। में सीधी लेटी हुई थी भैया मुझसे बिल्कुल चिपके हुए थे और उनका कड़क लन्ड मेरी जांघो से टकरा रहा था। ओर उनके हाथ मेरी टी-शर्ट के ऊपर से मेरे चुचो को मसल रहे थे। मुझे तो बहुत मजा आ रहा था फिर थोड़ी देर बाद मेंने हरकत करते हुवे करवट बदल ली। जिससे मेरी गांड भैया की तरफ हो गयी।

भैया कुछ देर शांत रहे फिर वो मुझसे चिपक गए और उन्होंने मेरी गांड की दरारों में अपना लन्ड लगाने लगे।

जिससे मुझे एहसास हो गया कि भैया बिल्कुल नंगे थे।   मैंने भी लोअर ओर टी-शर्ट के अंदर कुछ नही पहना था।

फिर भैया ने रक हाथ मेरी टी-शर्ट के अंदर से ले जाते हुवे मेरे चुचो पर रख दिया हो और मेरे चुचो के साथ खेलने लगे।

कभी चुचो दबाते तो कभी निप्पल को उंगलियों से झंझोड़ते। मुझे तो बहुत मजा रहा था। फिर भैया अपने हाथ को नीचे ले जाते हुवे लोअर में से मेरी चुत पर रख दिया.. मुझे एक दम करंट सा लगा। मेरी चुत बिल्कुल गीली हो चुकी थी। अब तक भैया को भी पता चल गया था कि में जाग चुकी हु ओर मजे ले रही हु।

तो उन्होंने मुझे सीधा लेटाया ओर मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगे।

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में भी भैया का साथ देने लगी। हम दोनों किस कर रहे थे। इतने में भैया ने एक हाथ में चुत पर रखा और मसलने लगे।

ओर फिर अचानक से उन्होंने अपनी एक उंगली मेरी चुत में डाल दी। मुझे दर्द हुआ लेकिन भैया किस कर रहे थे तो कराह न सकी।

फिर भैया ने थोड़ी देर बाद अपनी एक ओर उंगली मेरी चुत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगे।

फिर 5 मैं बाद उन्होंने मेरे कपड़े निकाल दिए। और मेरे चुचो का रस पीने लगे। थोड़ी देर बाद भैया नीचे गए और मेरी चुत पे अपना मुंह रख दिया।

ओर मेरी चुत चाटने लगे। करीब 10 मिनट बाद में अपने हाथों से भैया का सिर मेरी चुत पे दबाने लगी। और मेरी सांसे तेज़ हो गयी।

ओर कुछ ही पलों में मैं भैया के मोह में झाड़ गयी। भैया ने सारा रस पी लिया और फिर वे मेरे पास आये और बोले रश्मि मजा आया।

तो मैने कहा भैया बहुत मजा आया। वाकई में दोस्तो वो मेरी लाइफ का बहुत सुखमय पल था। लेकिन वो खुशी कुछ पल की ही थी। अब दर्द सहने की बारी आने वाली थी।

फिर भैया बोले कि रश्मि अब ओर मजा आएगा लेकिन उससे पहले तुझर थोड़ा दर्द सहन पड़ेगा

तो मैने कहा भैया में तैयार हु ओर आपकी हु आप जो करना चाहते हो कर सकते हो।

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तो भैया ने मुझे किस किया और अपने लन्ड को मेरी चुत पर सेट करने लगे।

भैया ने अपने लन्ड पर थोड़ा थूक लगाया मेरी चुत तो गीली ही थी। और एक हाथ मेरे मुंह पर रखा और एक जोर से झटका मारा। जिससे उनका आधा लन्ड मेरी चुत में घुस गया।

मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और में छटपटाने लगी। मेरी आँखों से आंसू आगये।

लेकिन भैया ने कुछ देखा नही ओर एक ओर जोर से झटका मारा जिससे उनका 7 इंच का मोटा लन्ड मेरी चुत को चीरता हुआ पूरा अंदर घुस गया।

मेरी तो जान ही निकल गयी। भैया का हाथ मेरे मुह पर था जिसकी वजह से में चिल्ला न सकी।

में रोने लगी फिर भैया मेरे चुचो को चूसने लगे। थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हुआ और में कुछ ठीक महसूस करने लगी।

फिर भैया ने  धीरे धीरे अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगे।

मुझे हर झटके के साथ थोड़ा दर्द होता पर फिर कुछ ही पलों में वो दर्द मजे में बदल गया

ओर में भी अपनी गांड उछाल उछाल कर भैया का साथ देने लगी।

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थोड़ी देर बाद वो उठे और उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से एक ही झटके में पूरा लन्ड मेरी चुत में डाल दिया।

मुझे कुछ दर्द हुआ लेकिन मेने सहन कर लिया।

अब पूरे कमरे में छप छप की आवाज गूंज रही थी।

ओर करीब 20 मिनट बाद भैया मेरी चुत में ही झड़ गए।

ओर में ऐसी के ऐसी नंगी ही सो गई और फिर सुबह 8 बजे नींद खुली तो भैया जा चुके थे।

ओर मेरा बिस्तर पूरा खून से रंगा हुआ था। फिर में उठी बाथरूम में जाने लगी लेकिन मुझसे चला तक नही जा रहा था।

फिर जैसे तैसे में नहाने गयी। और थोड़ी देर बाद नीचे गयी।
नाश्ता किया तो भय्या मुझसे नज़रे नही मिला रहे थे।

फिर भय्या दो दिन बाद वापस रात कमरे कमरे में आये और उन्होंने मुझे गर्भ निरोधक गोली खिलाई ओर खून का बताया कि जब सील टूट ती है तो खून निकलता है।

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उसके बाद भी भय्या ने मेरी चुदाई की ओर गांड भी मारी ओर आज भी हम चुदाई करते है।

तो दोस्तो केसी लगी मेरी कहानी और इस कहानी का अगला भाग भी जल्दी लेकर आउंगी
तब तक के लिए अलविदा।।