Antarvasna, savita bhabhi मेरा नाम सविता जैन है, मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं, मेरे माता पिता एक मध्यमवर्गीय परिवार से है। जिस प्रकार से उन लोगों ने मुझे संस्कार दिए थे मैंने कभी भी अपनी मर्यादाओं को लंघा नहीं, उन्होंने मेरी शादी पवन के साथ करवा दी। मैने बहुत ही सीमित संसाधनों में अपने जीवन को काटा है लेकिन जब मेरी शादी पवन से हुई तो उसके घर वाले बहुत ही दिखावा करते हैं और वह लोग मुझसे भी ऐसी ही उम्मीद रखते हैं कि मैं भी दिखावा करूं लेकिन मुझे दिखावा करने की आदत बिल्कुल भी नहीं है। मैं सिंपल सी साड़ी पहनती हूं और बहुत ही साधारण सी दिखती हू लेकिन उसके बावजूद भी सारे मोहल्ले वाले मुझे बडे घूर कर देखते हैं और सब लोग मेरे दीवाने हैं यदि मैं किसी के पास भी चली जाऊं तो वह मुझे खुश कर देगा मैं भी उसे संतुष्ट कर दूंगी लेकिन मैं अपनी मर्यादाओं में ही रहकर काम करती हू।
मेरे कॉलेज के कुछ आशिक थे वह कभी कभार मुझे फोन कर देते थे मैं उनसे ज्यादा बात नहीं करती थी क्योंकि मेरे पति मुझे संतुष्ट कर देते है इसलिए मुझे किसी की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। मेरी ननद का नाम प्रतिभा है, प्रतिभा कॉलेज में पढ़ती है और वह बहुत ही ज्यादा नखरे करती है लेकिन मेरी उससे कुछ ज्यादा नहीं बनती मैं सिर्फ उससे काम की ही बात करती हूं। उसे ऐसा लगता है जैसे उसका यौवन सबसे अच्छा है, वह अपने यौवन पर बहुत घमंड करती है। मैंने उसे कई बार समझाया लेकिन जब भी मैं उसे समझाती हू तो उसका मुंह बिगड़ जाता है इसलिए मैंने उसे बात करना ही कम कर दिया। मेरे पति पवन ने कई बार मुझे कहा कि तुम प्रतिभा से अच्छे से बात नहीं करती हो लेकिन मुझे भी प्रतिभा के साथ बात करने में कोई ज्यादा शौक नहीं था। एक दिन प्रतिभा ने मुझे कहा भाभी आप तो घर में ही रहते हैं और बिल्कुल ही पुराने ख्यालातो की है, आज मैं आपको अपने दोस्तों से मिलवाती हूं वह लोग कैसे रहते हैं थोड़ा बहुत आप को भी पता चल जाएगा। मुझे उसकी बात समझ आ रहा था कि वह मुझे नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है और मेरे सिंपल और साधारण होने का वह मजाक बना रही है।
मैने प्रतिभा से कहा पवन को आने दो मैं उनसे पूछ लेती हूं यदि वह मुझे तुम्हारे साथ जाने के लिए कहेंगे तो मैं तुम्हारे साथ चल पाऊंगी लेकिन मुझे उनसे पहले पूछना पड़ेगा। प्रतिभा कहने लगी कोई बात नहीं आप उनसे पूछ लीजिए यदि वह आपको परमिशन देते हैं तो ही आप मेरे साथ चलना। पवन जब अपने ऑफिस से आए तो वह बहुत ही थके हुए थे उन्होंने अपने बैग को सोफे के किनारे पर रख दिया और वह सोफे पर बैठे हुए थे। मैं उनके लिए पानी लेकर गई और जब मैंने उन्हें पानी दिया तो मैंने उन्हें पूछा आप बहुत ही थके हुए लग रहे हैं। उन्होंने मुझसे कहा नहीं आज ऑफिस में ज्यादा काम था इसलिए थकान सी महसूस हो रही है। मुझे उन्हें देखकर बहुत ही बुरा लग रहा था क्योंकि वह बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं और बहुत थक जाते हैं। मैंने उनके कानों में कहा कि आओ मैं आपके बदन को दबा देती हू। वह कहने लगे ठीक है तुम चलो मैं आता हूं। उन्होंने अपने जूते खोल लिए वह बेडरूम में आए तो मैंने उनकी शर्ट को खोल लिया। उस दिन मेरा बहुत मूड था तो मैंने उनके बदन की मालिश करनी शुरू कर दी और उनके पूरे बदन को मैं अपने हाथों से मालिश करती रही। जब मैं उनके कंधे को दबा रही थी और धीरे धीरे उनके कमर तक मैंने मलिश की तो उनके लंड पर दबाव पड़ रहा था जिससे कि उनका लंड खड़ा होने लगा। मैंने उनके पूरे बदन की मालिश कि मैंने उन्हें कहा आप अपनी पैंट खोल दीजिए मै अच्छे से आपके पूरे बदन की मालिश कर देती हूं। उन्होंने अपनी पैंट खोली तो मैंने उनके लंड को मुह मे ले लिया वह बड़े आराम से लेटे हुए थे। उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे मैं उनके लंड को मसाज दे रही हूं और वह बड़े आराम और सुकून से लेटे हुए थे। काफी देर तक मैंने उनके लंड को सकिंग किया जिससे कि वह उत्तेजित हो गए और कहने लगे आज तुम मूड में लग रही हो। उन्हें पता है कि मैं जब मूड में होती हू तो उनकी गांड फट जाती है और वह मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते। उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और उस दिन मैंने अंदर से नेट वाली पैंटी और ब्रा पहनी हुई थी जब उन्होंने मेरी पैंटी और ब्रा उतारी तो उन्होंने बड़े ही प्यार से मुझे बिस्तर पर लेटाया।
उन्हे मेरी चूत चाटने में बड़ा मजा आता है उन्होंने मेरी योनि को चाटा तो मेरी चूत का पानी का रिसाव तेज गति से हो रहा था। उन्होंने जब मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो मुझे बड़ा अच्छा अहसास हुआ। मैंने भी अपने दोनों पैर चौडे कर दिए और बड़ी तेज गति से वह मुझे चोद रहे थे उन्होंने मुझे 15 मिनट तक चोदा लेकिन मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई थी। उन्होंने मुझे उल्टा लेटा दिया और मेरी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया 10 मिनट तक उन्होंने मेरी गांड मारी मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हुआ। मैंने उनसे कहा प्रतिभा मुझे अपने दोस्तों से मिलना चाहती है। वह कहने लगे कोई बात नहीं तुम उनसे मिलने चली जाओ इसमें मुझसे पूछने की क्या जरूरत है वह थक चुके थे और सो गए। अगले दिन मैंने प्रतिभा को कहा ठीक है मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं। प्रतिभा ने उस दिन शॉर्ट ड्रेस पहन ली उसमें वह बहुत हॉट लग रही थी और मैंने भी अपनी काली साड़ी निकाल ली जिसमें कि मेरी गांड का उभार साफ दिखाई देता है और मेरे ब्लाउज के अंदर से मेरे स्तन बाहर की तरफ को दखाई देते हैं।
प्रतिभा कहने लगी भाभी आपने यह क्या पहन लिया मैंने उसे कहा मैं ठीक हूं तुम्हें यदि मेरे साथ चलना है तो मैं ऐसे ही चलूंगी। प्रतिभा मुझे एक क्लब में ले गई वहां पर उसने मुझे अपने दोस्तों से मिलवाया वह मुझे जानबूझकर नीचा दिखाने की कोशिश कर रही थी और सबसे यह कहती फिर रही थी कि भाभी तो बहुत ही सिंपल हैं और यह गांव की रहने वाली हैं। मुझे उसकी बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही थी उसके कॉलेज का जो सबसे हैंडसम लड़का था वह उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था वह मेरे पास आकर बैठा तो मुझे भी अपने हुस्न पर गर्व होने लगा। वह मुझसे बात करने लगा उसका नाम रमन है रमन मुझसे इतना चिपक रहा था कि जब उसे प्रतिभा ने अपने पास बुलाया तो वह उसके पास नहीं जा रहा था वह मेरे साथ ही बैठा हुआ था। प्रतिभा का मुंह देखने लायक था, वह बहुत ही शर्मिंदा महसूस कर रही थी उसे भी पता चल गया था सविता की जवानी आज भी बरकरार है। रमन मेरे पीछे अपनी लार टपकाते हुए आ रहा था मैंने भी सोचा कि रमन के साथ क्यों न सेक्स कर लिया जाए। रमन और मैं क्लब से बाहर एक सुनसान जगह पर चले गए रात भी काफी हो चुकी थी इसलिए वहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। रमन मुझे कहने लगा भाभी मैं आज आपके यौवन का रसपान करना चाहता हूं और जब मैंने उसे अपना बदन दिखाया तो वह पागल हो गया। उसने मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया उसने मुझे वही झाड़ियों में लेटा दिया। जब उसने मेरी काली साड़ी खोली तो मैं भी उत्तेजित हो गई थी वह मेरे स्तनों को इतना ज्यादा अच्छे तरीके से चूस रहा था कि जैसे पता नहीं कितने सालों से वह भूखा पड़ा हो मेरी योनि ने भी अब पानी छोड़ दिया था। मैंने उसे कहा अपने कड़क लंड को मेरी मुलायम योनि के अंदर डालकर मुझे भी अपने लंड का सुख दो। उसने जैसे ही मेरी योनि के अंदर अपने कड़क और मोटा लंड को डाला तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ। उसका लंड बड़ा ही मोटा और कड़क था वह जिस प्रकार से मुझे धक्के मारता मुझे बड़ा अच्छा महसूस होता। उसने काफी देर तक मुझे ऐसे ही धक्के दिए जिससे कि मेरी योनि गिली हो गई थी। वह कहने लगा सविता भाभी आपका यौवन तो बड़ा ही मजेदार है। जब उसने मेरी गांड को देखा तो वह पूरे जोश में आ गया, उसने अपने लंड को मेरी गांड के अंदर उतार दिया। वह इतनी तेजी से मेरी गांड मार रहा था कि मेरी गांड में दर्द होने लगा और उसका कडक और मोटा लंड मेरी गांड में जाता तो एक अलग अनुभूति होती। जब उसकी इच्छा पूरी हो गई थी तो हम दोनों ही क्लब में चले गए, प्रतिभा को समझ आ चुका था वह बहुत ही ज्यादा जल रही थी मैं उसकी गांड को जलता हुआ देखकर बहुत खुश हो रही थी।