लंड चूत की जंग  | Savita Bhabhi

Antarvasna, savita bhabhi xxx: मेरी सहेली और मैं साथ में बैठे हुए थे हम दोनों आपस में बातें कर रहे थे। वह मुझसे कहने लगी मेरे पति मेरे तरफ देखते भी नहीं है। मैंने उसे कहा मेरे पति तो हर रोज मेरी लेते हैं। ललिता मुझे कहने लगी सविता तुम तो बड़ी ही कमाल की हो और तुम्हारा फिगर भी कितना मेंटेन है मैं भी चाहती हूं मैं तुम्हारी तरह बन सकू ताकि मेरे पति भी मेरे साथ हर रोज रोमांस कर सकें। मैंने ललिता से कहा देखो ललिता उसके लिए तुम्हें बड़ी मेहनत करनी पड़ेगी और तुम्हें अपनी सेक्स को लेकर रुचि भी दिखानी होगी तभी तुम्हें अपने पति के साथ मजा आएगा। ललिता कहने लगी मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूं। मैंने ललिता को कुछ टिप्स दिए और उसके बाद पति और उसके बीच संबंध अच्छे हो गए वह दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बनाने लगे। ललिता बहुत ज्यादा खुश थी एक दिन वह मेरे घर पर आई हुई थी। जब वह घर पर आई थी तो उस दिन मैंने ललिता को कहा कुछ दिनों के लिए मेरे पति बाहर जा रहे हैं मैं सोच रही थी क्यों ना मैं किसी नौजवान युवा के साथ इंजॉय करू। ललिता मुझे कहने लगी मेरा देवर एक नंबर का ठरकी है अगर तुम कहो तो मैं उससे तुम्हारी बात उस से करवा सकती हूं। मैंने ललिता को कहा तुम्हारे देवर का क्या नाम है?
उसने मुझे अपने देवर का नाम बताया उसका नाम सुभाष है। सुभाष दिखने में बड़ा ही हैंडसम है ललिता ने मुझे उससे मिलवाया तो मैं उससे मिलकर बड़ी खुशी हुई। सुभाष को मैंने अपनी अदाओं में इस कदर पागल कर दिया था कि वह भी मेरे पीछे-पीछे खिंचा चला आया और मैंने उसे अपने घर पर बुला लिया। जब वह घर पर आया तो मैं और वह साथ में बैठे हुए बात कर रहे थे। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे हम दोनों को ही अच्छा लग रहा था। मैंने सुभाष को कहा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? वह मुझे कहने लगा नहीं पहले मेरी गर्लफ्रेंड जरूर थी लेकिन अब मैं सिंगल हूं। मैंने उसे कहा तो फिर तुम अपनी इच्छाओं को पूरा कैसे करते हो। वह मुझे कहने लगा बस आप जैसी भाभीयो को देखकर ही अपनी इच्छा को पूरा कर लेता हूं। मैं उसकी बात पर मुस्कुराने लगी। मैंने उसे कहा तुम बातें तो बहुत अच्छी करते हो। वह मुझे कहने लगा मैं सिर्फ बाते ही नहीं करता उसके अलावा भी सारे काम अच्छे तरीके से कर लेता हूं। मैंने उसे कहा तुम्हारे कहने का क्या मतलब है? वह मुझे कहने लगा आपको बताने की जरूरत नहीं है आप खुद ही समझदार है।
मैंने उसे कहा हां यह तो बात सही है। वह मुझे कहने लगा चलिए फिर हम लोग बेडरूम में चलते हैं। मैंने उसे कहा नहीं मैं सोफे में ही ठीक हूं। वह मुझे कहने लगा भाभी जी आप तो बडी कमाल की हैं। मैंने उसे कहा तुम मुझे अपने लंड को दिखाओ। वह कहने लगा मै आपके बदन को भी देखना चाहता हूं। मैंने उसके सामने अपने कपड़े उतराने शुरू किए तो वह मेरी तरफ देखे जा रहा था। वह काफी ज्यादा उत्तेजित हो गया था उसने मेरे बदन को महसूस करना शुरू किया तो मैंने उसके लंड को बाहर निकालने के लिए कहा उसने भी अपने लंड को मुझे दिखाया। मैं उसके लंड को देख रही थी मैने उसके लंड को अपने हाथों में लिया और उसे हिलाना शुरू किया। मैंने उसके मोटे लंड को हिलाना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और उसको भी काफी ज्यादा मजा आने लगा था। मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लेना शुरू किया और मैंने धीरे धीरे उसके लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा लिया था और उसकी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था। उसकी गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी वह मुझे कहने लगा भाभी अब मैं आपके बिना एक पल भी रह नहीं पाऊंगा। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे लंड से तुम्हारे वीर्य को बाहर निकाल देती हूं।
मैंने उसके लंड से उसके वीर्य को बाहर निकाल दिया उसका माल मेरे मुंह के अंदर जा चुका था। उसने भी मेरी चूत पर अपनी उंगली को लगाकर सहलाना शुरू किया। जब वह अपनई उंगली को मेरी चूत पर लगा रहा था तो मुझे अच्छा लग रहा था और उसे भी मजा आने लगा था। वह मुझे कहने लगा भाभी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है मैंने उसे कहा मुझे भी बहुत मजा आ रहा है। मैंने उस से कहा तुम्हारे लंड को चूसने में मुझे बड़ा मजा आ रहा है अब वह मेरी चूत को चाटने लगा था। मेरी चूत को वह जिस प्रकार से चाटाता तो उसने मेरी योनि से पानी बाहर की तरफ को निकाल दिया था। मुझे बड़ा मजा आने लगा था वह मुझे कहने लगा भाभी आप बड़ी कमाल की हैं और आपकी चूत भी बहुत ज्यादा कमाल की है। मेरी चूत पर एक भी बाल नहीं था जब सुभाष ने मेरी चिकनी चूत पर अपने लंड को लगाकर रगडना शुरू किया तो मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। मेरी चूत ने पानी बाहर छोड़ना शुरू कर दिया था जिसके बाद मैं बहुत ज्यादा गरम होने लगी। सुभाष मुझे कहने लगा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है मैंने सुभाष को कहा मुझे भी बड़ा मजा आ रहा है तुम और भी तेजी से धक्के देते रहो। सुभाष ने मुझे बड़ी तेज गति से धक्के दिए। वह मुझे जिस प्रकार से चोद रहा था उससे मेरी गर्मागर्म सिसकारियां बाहर आ रही थी और मुझे उसके लंड को लेने में बड़ा आनंद आ रहा था। वह मुझे कहता भाभी आप मेरा साथ ऐसे ही देते जाइए। मैंने उसे कहा मैं तो तुम्हारा साथ दे रही हूं लेकिन तुम भी मुझे और तेजी से धक्के मारते रहो।
उसने मुझे काफी देर तक चोदा। सुभाष के लंड और मेरी चूत के बीच जंग जारी थी। हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे मेरी चूत से बहुत ही अधिक मात्रा में पानी बाहर निकलने लगा था लेकिन मैं अभी तक झडी नहीं थी परंतु एक समय ऐसा आया जब मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा था मैंने उसे कहा तुम मुझे तेजी से चोदो। सुभाष ने मेरी चूत के अंदर अपने माल को गिराकर अपनी इच्छा को पूरा कर दिया मैं बहुत ज्यादा खुश हो चुकी थी जिस प्रकार से सुभाष ने मेरा साथ दिया और उसके बाद भी हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेते रहे। मैंने सुभाष के सामने अपनी चूतडो को किया। जब सुभाष के सामने मेरी चूतडे थी तो मैंने सुभाष को कहा तुम मेरी चूत में अपने लंड को डाल दो। सुभाष ने अपने लंड पर तेल की मालिश करते हुए अपने मोटे लंड को पूरी तरीके से चिकना बना दिया था। सुभाष का लंड कडक हो चुका था सुभाष ने मेरी चूत में लंड को घुसाया तो मै जोर से चिल्ला कर बोली मुझे मजा आ गया। मैंने सुभाष को कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है सुभाष और मैं एक दूसरे के साथ बड़े ही अच्छे से सेक्स कर रहे थे। वह मेरी इच्छा को पूरा कर रहा था मैंने सुभाष से अपनी चूतड़ों को मिलाना शुरू कर दिया था। जब मैंने ऐसा करना शुरू किया तो सुभाष का लंड मेरी चूत की जड़ तक जाने लगा था।
कुछ देर तक तो सुभाष ने मुझे घोड़ी बनाकर चोदा लेकिन फिर उसने मुझे अपने ऊपर बैठने के लिए कहा तो मैं सुभाष के लंड के ऊपर बैठ गई और मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा। मैं और सुभाष एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेते रहे। हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और सुभाष को भी बड़ा अच्छा लग रहा था। वह मुझे कहता अभी आप मेरा साथ ऐसे ही देते रहिए लेकिन अब सुभाष का वीर्य भी उसके अंडकोषो से बाहर की तरफ आ चुका था। जब सुभाष ने मेरी चूत में अपने माल को गिराया तो उसके बाद मैंने सुभाष को कहा आज तुम्हारे साथ सेक्स करके अच्छा लगा। वह मुझे कहने लगा मुझे भी आपके साथ सेक्स कर के बड़ा ही मजा आया। मुझे बहुत अच्छा लगा जिस तरह से हम दोनों ने सेक्स संबंध बनाए। सुभाष उसके बाद घर जा चुका था और मेरी इच्छा भी पूरी हो चुकी थी।