आपकी एक दिन की पत्नी

आपकी एक दिन की पत्नी

Antarvasna, hindi sex kahani: निकिता ने मुझे कहा कि आकाश मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है तुम नाश्ता कर लेना मैं अभी ऑफिस के लिए निकल रही हूं और यह कहते हुए निकिता चली गई मैंने भी किचन से सैंडविच के दो पीस लिए और साथ में चाय भी ले ली उसके बाद मैं ऑफिस के लिए निकल पड़ा। मम्मी अभी तक कोलकाता से वापस लौटी नहीं थी और मेरी बहन भी कुछ दिनों से अपने ऑफिस की मीटिंग के चलते मुंबई गई हुई थी पापा का देहांत भी कई वर्षों पहले हो गया था मां ने ही मेरी ओर सुहानी की देखभाल की। निकिता मुझे पहली बार कॉलेज में मिली थी जब कॉलेज में पहली बार निकिता मुझे दिखी तो वह मुझे बहुत ही अच्छी लगी और मैंने उससे शादी करने का निर्णय कर लिया था।
मेरे लिए सबसे बड़ी दुविधा तो यह थी कि क्या निकिता इस रिश्ते के लिए तैयार होगी क्योंकि उस वक्त हम दोनों के बीच सिर्फ अच्छी दोस्ती थी। जब निकिता मेरे साथ रिलेशन में थी तो मैंने उससे एक दिन शादी के लिए प्रपोज कर दिया मैं अपने आप को बहुत ही खुशनसीब समझता हूं कि निकिता से मैं शादी कर पाया क्योंकि मैं एक साधारण और सिंपल सा लड़का हूं लेकिन उसके बावजूद भी निकिता ने मुझसे शादी की मैं बैंक में नौकरी करता हूं। मैंने भी अब नाश्ता कर लिया था और उसके बाद मैं भी अपने काम पर चला गया मैं जब बैंक पहुंचा तो बैंक में सुरभि ने मुझे कहा कि सर आज आप बहुत अच्छे लग रहे हैं तो मैंने सुरभि से कहा क्यों मैं तो हमेशा ही अच्छा लगता हूं। सुरभि ने कुछ दिनों पहले ही बैंक में ज्वाइन किया था वह बड़ी ही नेक दिल और अच्छी लड़की है सुरभि को सब लोग बहुत पसंद करते हैं और वह ऑफिस की जान है। मैं और सुरभि जब लंच टाइम में साथ में बैठे हुए थे तो मैंने सुरभि से पूछा सुरभि तुम्हारी भी तो शादी की उम्र हो चुकी है तुम कब शादी करोगी तो वह कहने लगी कि सर अभी तो मैं अपनी जिंदगी जीना चाहती हूं अभी से मैं भला शादी के बारे में क्यों सोचूं।
सुरभि का यह जवाब सुनकर मैंने उसे कहा कि ऐसा तो कुछ भी नहीं है मैंने भी तो अपनी कॉलेज की पढ़ाई होने के बाद ही शादी कर ली थी। वह कहने लगी कि सर मुझे आपके बारे में तो पता है कि आप ने लव मैरिज की है लेकिन फिलहाल मेरा शादी का कोई इरादा नहीं है। मैं उस दिन जब अपने घर पहुंचा तो मैंने देखा निकिता घर पहुंच चुकी थी मैंने निकिता से कहा तुम काफी परेशान नजर आ रही हो निकिता मुझे कहने लगी कि आज मुझे मां का फोन आया था और वह मुझे कह रही थी कि तुम्हारे पापा की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं है। मैंने निकिता से कहा हम लोग कल ही तुम्हारे मम्मी पापा से मिल आते हैं निकिता कहने लगी हां मैं भी यही सोच रही थी पापा की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं है और मां भी काफी चिंतित रहती हैं भैया तो पता नहीं कितने वर्षों से घर ही नहीं आए हैं। निकिता के भैया विलायत में नौकरी करते हैं और वह साल में एक बार ही घर आ पाते हैं मैं और निकिता साथ में बैठे हुए थे तो मैंने निकिता से कहा कि निकिता मेरे लिए तुम चाय बना दो। निकिता मेरे लिए रसोई में चाय बनाने के लिए चली गई उसी वक्त मेरे एक पुराने दोस्त का फोन आया और उससे मैं बात करने लगा तभी निकिता चाय ले आई थी और वह मुझे कहने लगी कि आकाश आप चाय पी लीजिए चाय ठंडी हो जाएगी। मैंने भी अपने दोस्त से कहा कि मैं तुमसे बाद में बात करता हूं और मैंने फोन रख दिया मैंने फोन रख दिया था और मै चाय पीने लगा चाय खत्म करने के बाद मैं और निकिता साथ में बैठे हुए थे तो निकिता ने मुझसे कहा कि मां जी कब लौट रही हैं। मैंने निकिता को कहा इसका तो मुझे भी नहीं पता लेकिन कल हम लोग तुम्हारे घर चलेंगे तो निकिता कहने लगी कि हां आकाश मैं भी यही चाहती हूं काफी दिनों से मैं बहुत ज्यादा परेशान भी हूं क्योंकि मां मुझे हर रोज फोन करती हैं और मैं उनसे बहुत समय से मिल भी नहीं पाई हूं। मैंने निकिता से कहा तुम बिल्कुल चिंता मत करो और अगले दिन हम लोग निकिता के घर चले गए जब हम दोनों निकिता के मम्मी पापा से मिले तो निकिता के पापा की तबीयत वाकई में बहुत ज्यादा खराब थी निकिता की मां रोते हुए कहने लगी कि बेटा ना जाने यह क्या हो गया यह अपने ऑफिस से घर लौटे ही थे और उनकी तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई। मैंने उन्हें कहा कि आप चिंता मत कीजिए सब कुछ ठीक हो जाएगा डॉक्टर ने उन्हें कहा था कि उनकी किडनी में किसी प्रकार की कोई समस्या हो गई है जिस वजह से उन्हें तकलीफ हो रही है इसीलिए निकिता की मां का काफी घबराई हुई थी।
मैंने उन्हें कहा आप बिल्कुल भी घबराइए मत सब कुछ ठीक हो जाएगा और उसके बाद निकिता के पिताजी का इलाज एक अच्छे अस्पताल से चल रहा था जिस वजह से उनकी तबीयत में भी अब सुधार होने लगा था। हम लोग उनसे मिलने के लिए अक्सर जाया करते थे मां भी अब लौट चुकी थी और मेरी बहन सुहानी भी घर लौट चुकी थी। उन दोनों के घर आने के बाद निकिता ज्यादा अपने मायके में ही रहती थी क्योंकि उसके पिताजी की तबीयत पूरी तरीके से ठीक नहीं हुई थी इसलिए उनकी देखभाल भी करनी पड़ती थी इससे निकिता की मां को सहारा मिल जाया करता था। कुछ दिन निकिता अपने मायके में ही थी तो उससे मेरी फोन पर ही बात होती थी जब मैं निकिता से बात कर रहा था तो उस वक्त मैं अपने बैंक में था और तभी सुरभि मेरे पीछे से आई। मैंने जैसे ही फोन रखा तो सुरभि मुझे कहने लगी सर आप किससे बात कर रहे थे मैं देख रही थी कि आप काफी देर से फोन पर बात कर रहे थे। मैंने सुरभि को बताया कि निकिता के पिताजी की तबीयत काफी दिनों से ठीक नहीं है इसलिए मैं उससे ही बात कर रहा था निकिता भी कुछ दिनों से घर पर नहीं है।
सुरभि कहने लगी सर लेकिन आपने इस बारे में बताया नहीं और उनके पिताजी को क्या हुआ है तो मैंने सुरभि से कहा कि उनकी किडनी में कुछ दिक्कत हो गई थी जिस वजह से उन्हें समस्या हो रही थी लेकिन अब वह पहले से बेहतर हैं और अपने आप को पहले से अच्छा महसूस कर रहे हैं। सुरभि और मैंने काफी देर तक एक दूसरे से बात की और फिर मैं शाम को घर लौट आया। सुरभि एक दिन सफेद  सूट पहनकर ऑफिस में आई हुई थी वह बहुत ही सुंदर लग रही थी। उस दिन उसका बदन ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं उसे उसी वक्त मसल कर अपना बना लूं। मैंने सुरभि के बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा था लेकिन उस उसकी सुंदरता पर उसके सफेद सूट में कुछ ज्यादा ही चार चांद लगा दिए थे। मैंने उस दिन सुरभि की तारीफ की तो वह कहने लगी सर क्या आज मैं इतनी अच्छी लग रही हूं मैंने सुरभि से कहा हां मैने तुम्हे कभी इस नजर से नहीं देखा था लेकिन आज तुम वाकई में बहुत ज्यादा सुंदर लग रही हो। मैंने उसे कहा अगर तुम मेरी पत्नी होती तो मैं तुम्हें बताता तुम आज कितनी सुंदर लग रही हो। वह मुस्कुराने लगी और कहने लगी अगर ऐसी बात है तो एक दिन के लिए ही मुझे अपनी पत्नी बना लीजिए। मैंने उसे कहा क्या तुम मेरी पत्नी बनने के लिए तैयार हो? उसने मुस्कुरा कर जवाब दिया हां क्यों नहीं। मैं इस बात से बहुत ही ज्यादा खुश था मै उसे एक होटल में ले गया वहां मैंने रूम की लाइट बुझा दी जिससे कि सुरभि और मैं एक दूसरे के साथ पूरी तरीके से रोमांस का मजा ले सके। मैं सुरभि के गुलाबी होठों का रसपान कर रहा था तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और वह भी बहुत खुश थी काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब सुरभि की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी तो उसने मेरे लंड को दबाना शुरू कर दिया। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे देखकर वह बोली आपका लंड तो बहुत ही मोटा है।
मैंने उसे कहा तुम इसे अपने मुंह में ले लो वह कहने लगी मैंने आज तक किसी के लंड को अपने मुंह में नहीं लिया है लेकिन मैंने सुरभि के मुंह मे लंड को घुसा दिया और मैंने उसे सकिंग करने के लिए कहा तो वह बड़े ही अच्छे से मेरे मोटे लंड को सकिंग कर रही थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। उसने मेरी आग को बढ़ा दिया था अब मैं अपने आपको बिल्कुल भी ना रोक सका। मैंने जब सुरभि के कपड़े उतारकर उसकी पैंटी को उतारा तो उसकी गुलाबी चूत को मैं अपनी जीभ से चाटने लगा। उसकी चूत से निकलता हुआ पानी बहुत अधिक होने लगा था इसलिए वह चाहती थी कि मैं उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दूं। मैंने अपने मोटे लंड को उसकी चूत पर लगाया जब मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगाया तो वह अपने पैरो को खोलने लगी।
वह बिल्कुल सील पैक माल थी इससे पहले उसकी चूत किसी ने नहीं मारी थी मैंने भी उसकी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलना शुरू किया हालांकि उसके लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी लेकिन मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर चला गया और वह बहुत जोर से चिल्लाई। जब वह चिल्लाई तो मैंने उससे कहा क्या हुआ? वह कहने लगी सर आपने मेरी सील तोड़ दी है मुझे भी उसकी चूत के टाइट होने का अहसास हो रहा था मैं धीरे-धीरे अपने धक्कों में बढ़ोतरी करता जा रहा था मेरे धक्के बढ़ते ही जा रहे थे और मेरी गति भी काफी तेज हो चुकी थी जिससे कि सुरभि मुझे कहने लगी कि सर और भी तेजी से मुझे चोदते रहो। मैंने उसे तेजी से धक्के देने शुरू किए वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी और मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी। जब वह अपने पैरों को खोलती तो मुझे और भी ज्यादा मजा आता मैं उसे अच्छे से चोद रहा था। जब मैंने अपने माल को उसकी चूत में गिराया तो वह खुश हो गई उसके बाद मैंने उसके साथ तीन बार और सेक्स के मज़े लिए उसके बाद मैं सुरभि को ना जाने कितनी बार चोद चुका हूं।