पत्नी की चूत का सुख

पत्नी की चूत का सुख

Antarvasna, kamukta: कॉलेज में प्लेसमेंट के दौरान मेरा सिलेक्शन हो गया था और मेरे सेलेक्शन से मेरे माता-पिता बहुत ही ज्यादा खुश थे उन्होंने हमारी कॉलोनी में लड्डू भी बंटवाये थे। पापा इस बात से बड़े खुश थे मेरे पापा एक सरकारी विभाग में नौकरी करते हैं। अब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली ट्रेनिंग के लिए जाने वाला था दिल्ली में ही मेरी दीदी रहती हैं उनकी शादी को करीब दो साल हो गए हैं। मैंने जब इस बारे में दीदी को बताया तो दीदी मुझे कहने लगी कि यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम्हारा सिलेक्शन हो चुका है और अब तुम दिल्ली आ जाओगे कुछ समय तुम मेरे पास रहोगे तो मुझे भी बहुत अच्छा लगेगा। मैंने दीदी को कहा हां दीदी बस मैं आपके पास आ जाऊंगा और जब मैं दिल्ली गया तो उसके अगले दिन मुझे ऑफिस जाना था जहां पर मेरी ट्रेनिंग होनी थी। ट्रेनिंग के दौरान हीं मैं जब अपने ऑफिस में पहली बार शोभिता को मिला तो मुझे उससे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा।
शोभिता और मेरी दोस्ती हो गई थी वह दिल्ली की ही रहने वाली है उसकी और मेरी ट्रेनिंग साथ में हुई करीब 10 दिन की ट्रेनिंग के दौरान हम दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी। ट्रेनिंग के बाद मैं वापस लखनऊ लौट आया था लखनऊ लौट आने के बाद कुछ समय तक मुझे लखनऊ में ही जॉब करनी थी। इस बीच मेरी और शोभिता की हर रोज बात हुआ करती मैं जब भी शोभिता से बात करता तो मुझे बहुत अच्छा लगता। एक दिन शोभिता और मैं फोन पर बात कर रहे थे उस दिन मुझे शोभिता ने मुझे बताया कि उसके पिताजी ने उसकी सगाई करवा दी है। मैंने उसे कहा लेकिन क्या तुम्हें लड़का पसंद है तो शोभिता कहने लगी कि मैंने तो अभी तक लड़के को ढंग से देखा भी नहीं था और ना ही मेरी उससे बात हुई थी। मैंने शोभिता को कहा लेकिन तुम तो चाहती थी कि तुम अपने पसंद के लड़के से शादी करो शोभिता मुझे कहने लगी कि अविनाश तुम तो जानते ही हो कि यह सब बिल्कुल भी आसान नहीं है हम लोग जो बोलते हैं वह कभी होता नहीं है।
मैं और शोभिता एक दूसरे से बात कर रहे थे कि तभी अचानक से उसने फोन काट दिया मैंने उसके बाद उसे कई बार फोन किया लेकिन उसने मेरा फोन नहीं उठाया। मैंने शोभिता को मैसेज किया तो उसने मेरे मैसेज का रिप्लाई किया और कहा कि मैं तुमसे बाद में बात करती हूं अभी मेरे पास मम्मी बैठी हुई है। शोभिता की सगाई की खबर सुनकर मुझे बहुत ही बुरा लगा मैं तो अपने मन में कई ख्याल लेकर बैठा था कि मैं शोभिता से शादी करूंगा लेकिन शायद मेरी किस्मत में ही शोभिता नहीं थी। उसके बाद हम लोगों की फोन पर बात काफी कम होने लगी थी मुझे भी लगने लगा था कि शोभिता से अब दूरी बनाना ही मेरे लिए ठीक होगा लेकिन मैं गलत था मुझे नहीं मालूम था कि शोभिता भी मुझसे प्यार करने लगी है। वह मुझसे इतना ज्यादा प्यार करने लगी थी कि वह चाहती थी की मैं उससे शादी कर लूं लेकिन यह सब संभव नहीं था क्योंकि शोभिता की सगाई हो चुकी थी और मैं नहीं चाहता था कि उसके परिवार वाले उसे इस बारे में कुछ कहें लेकिन वह भी अपनी जिद पर अड़ी थी और वह चाहती थी कि किसी भी तरीके से हम दोनों की शादी हो जाए। मैंने शोभिता को कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह चाहती थी कि वह बस मेरे साथ ही अपना जीवन बिताये आखिरकार मुझे उसके पिताजी से बात करने के लिए दिल्ली जाना ही पड़ा। मैं जब दिल्ली गया तो मैंने शोभिता के पापा से बात की उन्होंने मुझे काफी डांटा और कहा कि तुम्हें पता है तुम क्या कह रहे हो। मैंने उन्हें कहा मैंने तो शोभिता को समझाया था लेकिन शोभिता मुझसे शादी करना चाहती है और हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। शोभिता के पिताजी इस बात के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे और उन्होंने शोभिता को घर की चारदीवारी में कैद कर के रख दिया था। मैं सोचने लगा कि मैं शोभिता से कैसे बात करूं लेकिन एक दिन चोरी छुपे शोभिता ने मुझसे फोन पर बात की और कहा कि अविनाश मैं तुम्हारे पास आ रही हूं।
मैंने उसे कहा कि लेकिन यहां बिल्कुल भी ठीक नहीं है उसने मुझसे पूछा कि तुम मुझसे प्यार करते हो या नहीं तो मैंने उसे कहा मैं तुमसे प्यार करता हूं लेकिन ऐसे ही तुम घर से भाग कर आ जाओगी तो क्या यह ठीक रहेगा। मुझे भी लगने लगा था कि अब मुझे शोभिता से शादी कर लेनी चाहिए और मैंने इस बारे में अपने घर पर बता दिया। जब मैंने अपने परिवार वालों को इस बारे में बताया तो वह लोग भी अब शोभिता के पिता से बात करने वाले थे। पहले शोभिता के पिता जी बिल्कुल भी इस बात के लिए तैयार नहीं थी लेकिन काफी समझाने के बाद वह मान ही गए और हम दोनों की शादी तय हो गई। शोभिता के पिता जी चाहते थे कि हम लोग कोर्ट में शादी करें तो मैंने और शोभिता ने कोर्ट में शादी की और हम दोनों की शादी हो जाने के बाद हम दोनों एक दूसरे को खुश रखना चाहते थे। शोभिता ने भी नौकरी से रिजाइन दे दिया था और वह मेरे साथ लखनऊ में ही रहने लगी।  शोभिता और मै लखनऊ में ही रहने लगे थे हम दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते हम दोनो के बीच हमेशा सेक्स संबंध बना करते लेकिन एक दिन जब मैं थक कर घर लौटा तो शोभिता ने मुझे कहा आज मैं आपके बदन की मालिश कर देती हूं।
वह मेरे बदन की मालिश करने लगी मुझे भी लगने लगा कि मुझे शोभित को चोदना चाहिए। मैने उसे बाहो मै लिया मैने जब उसके स्तनों को अपने हाथ से दबाना शुरू किया वह खुश थी मैं उसके स्तनों को अपने हाथों से बड़े अच्छे तरीके से दबाने लगा था उसे भी मजा आने लगा था। मैंने उसको बिस्तर पर लेटा दिया वह बिस्तर पर लेटी तो मैंने शोभिता के ब्लाउज को उतार दिया फिर कर उसकी ब्रा के हुक को खोलकर मै उसके स्तनों को चूसने लगा। उसके स्तनों को मै अपने मुंह में ले रहा था तो उसक निप्पल खडे होने लगे थे और मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था। उसन मेरे कपड़े उतार दिए मैने अपने लंड को शोभिता के पहांड जैसे स्तनों के बीच में रगडना शुरु किया तो उसे भी मजा आने लगा। वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी अब उसने मेरी गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने शोभिता की साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी चड्डी को उतार दिया। शोभिता की चूत से पानी बाहर की तरफ आने लगा था मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जब मैं उसकी चूत को चाटने लगा मुझे उसकी चूत को चाटने में बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसकी चूत को इतनी देर तक चाटा की वह पूरी तरीके से मचलने लगी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैं भी अब पूरी तरीके से गर्म हो चुका था मैंने अब अपने लंड पर थूक लगाकर उसकी योनि पर सटाकर अंदर की तरफ डालना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया। मेरा 9 इंच मोटा लंड उसकी टाइट चूत को फाडता हुआ अंदर की तरफ गया तो मुझे बहुत ही मजा आया। मेरे अंदर एक अलग ही आग पैदा हो गई थी जिससे कि मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगा। मुझे बड़ा मजा आ रहा था मैंने उसके स्तनों को काफी देर तक दबाया वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी मैंने अपने लंड को शोभिता की चूत के अंदर बाहर बड़ी तेजी से किया और अपने माल को गिरा दिया। अब मैंने उसे घोड़ी बनाया तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बड़े अच्छे से करना शुरू कर दिया था।
वह बहुत तड़प रही थी वह मुझसे अपनी चूतड़ों को बड़े अच्छे से टकराए जा रही थी उसको बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत ही अच्छा लग रहा था। उसकी चूतडो का रंग लाल हो गया था उसने मेरे अंदर की आग को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था। मुझे उसे तेजी से चोदने मै मजा आता अब वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा था मेरे लंड से भी बहुत पानी बाहर की तरफ को निकल आया था। अब मैंने उसे बहुत तेजी से चोदना शुरू कर दिया जिससे कि मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आना लगा वह बहुत ही ज्यादा चिल्लाने लगी वह बोलती तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो मैं समझ गया था अब मेरा माल जल्दी ही बाहर गिरने वाला है।
मैंने शोभिता की कमर को कस कर पकड़ लिया और उसे तेजी से धक्के देने लगा। मैं उसे जिस तरह से धक्के मार रहा था उससे मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था वह भी बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी। मुझे भी बड़ा मजा आने लगा था और उसे भी बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मेरे माल की पिचकारी उसकी चूत के अंदर गिरी तो वह खुश थी। मैंने अब अपने लंड को बाहर निकाला तो शोभिता ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी उसने मेरे लंड से मेरे माल को साफ कर दिया था। मैं और शोभिता साथ मे लेटे हुए थे लेकिन दोबारा से मेरा उसे चोदने का मन हुआ और मैंने उसके साथ 10 मिनट तक और संभोग का मजा लिया वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी। उस रात हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेट गए मेरी सारी थकान दूर हो चुकी थी और मैं बहुत ज्यादा खुश था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी थकान उसने पल भर में दूर कर दी हो।