आदत पडी लंड लेने की

आदत पडी लंड लेने की

Antarvasna, hindi sex story: मैं अपने दोस्त की बहन की शादी में गया हुआ था उस शादी में मेरा दोस्त जो कि विदेश में रहता है वह मुझे काफी सालों बाद मिला और उसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि हम लोग करीब 3 वर्षों बाद एक दूसरे से मुलाकात कर रहे थे। उसने मुझे अपनी बहन की शादी में इनवाइट किया था और मैं उसकी बहन की शादी में गया तो वहां पर हम लोगों ने काफी देर तक बातें की हालांकि वह अपनी बहन की शादी के चलते मुझसे ज्यादा देर तक तो बात नहीं कर पाया था लेकिन उस दिन हम लोगों की काफी बात हुई। रोहन ने मुझे कहा कि हम लोग कुछ दिनों बाद मिलते हैं मैंने रोहन को कहा ठीक है हम लोग कुछ दिनों बाद मुलाकात करते हैं। थोड़े ही दिनों बाद रोहन और मैं एक दूसरे को मिले जब हम दोनों एक दूसरे से मिले तो मुझे रोहन कहने लगा कि मैंने अब मन बना लिया है कि मैं चंडीगढ़ में रहकर ही काम करूंगा। मैंने रोहन को कहा कि तुम अपने पापा के बिजनेस को क्यों नहीं संभाल लेते तो रोहन मुझे कहने लगा कि मनीष तुम तो जानते ही हो कि पापा के बिजनेस को मैं संभालना नहीं चाहता मैं अपना ही कोई बिजनेस शुरू करना चाहता हूं।
मैंने रोहन को कहा कि तुम्हारे पापा का बिजनेस काफी अच्छा चलता है और तुम्हें उसे ही संभालना चाहिए तो रोहन ने भी मेरी बात मान ली और उसके बाद वह अपने पापा का बिजनेस संभालने लगा। विदेश में वह काफी अच्छी नौकरी कर रहा था और उसकी सैलरी भी बहुत अच्छी थी लेकिन उसने अब चंडीगढ़ में ही रहने का फैसला कर लिया था। इसी बीच एक दिन मेरे पापा की तबीयत खराब हो गई मेरे पापा की तबीयत खराब हो जाने के बाद पापा के इलाज के लिए काफी पैसे लग चुके थे जिससे कि मेरी नौकरी पर भी काफी प्रभाव पड़ा था और मुझे अपनी नौकरी से रिजाइन देना पड़ा। मैं अपनी नौकरी छोड़कर घर पर ही बैठा था जब यह बात रोहन को पता चली तो वह मुझे कहने लगा कि तुमने मुझे यह बात क्यों नहीं बताई कि तुम घर पर ही हो। मैंने उसे कहा कि अब मैं तुम्हें इस बारे में क्या बताता पापा की तबीयत कुछ ठीक नहीं थी जिससे कि घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है अब मेरे पास नौकरी भी नहीं है और पापा के इलाज में भी काफी पैसा लग चुका है।
वह मुझे कहने लगा कि मनीष तुम मेरे अच्छे दोस्त हो भला मैं ऐसे वक्त में तुम्हारे काम नहीं आऊंगा तो कब तुम्हारे काम आऊंगा। रोहन चाहता था कि वह मेरी मदद करें और उसने मेरी मदद की, रोहन ने मेरी मदद की तो मैं अब काफी खुश था और रोहन भी इस बात से खुश था कि वह मेरी मदद कर पाया। रोहन ने मुझे अपने एक परिचित के यहां पर नौकरी दिलवा दी थी और फिर मैं नौकरी करने लगा था मैं अपनी नौकरी से काफी खुश था और सब कुछ ठीक चलने लगा था। मैंने जब रोहन से कहा कि मैं भी कोई बिजनेस शुरू करना चाहता हूं तो रोहन मुझे कहने लगा कि मनीष अगर तुम्हें कुछ पैसों की आवश्यकता है तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं। मैंने उससे कहा कि हां मुझे पैसों की जरूरत है और मैं अपना ही एक नया बिजनेस स्टार्ट करना चाहता हूं। रोहन ने हीं उसमें मेरी मदद की और मैंने एक गारमेंट शॉप खोल ली जो कि काफी बड़ी थी मेरी शॉप अच्छे से चलने लगी थी और मैं अपने काम से भी खुश था। मैं अपने काम से इतना खुश था कि मेरे घर की आर्थिक स्थिति भी अब पहले से बेहतर हो चुकी थी और पापा और मम्मी भी अब खुश थे। वह लोग मुझे कहने लगे कि बेटा अब तुम्हारे लिए हमें कोई लड़की देख लेनी चाहिए जिससे कि तुम शादी कर सको लेकिन मैंने साफ तौर पर मना कर दिया था और उन्हें कहा कि मैं अभी शादी नहीं करना चाहता हूं। मैं चाहता था कि थोड़े समय मैं काम कर के कुछ पैसे सेविंग कर लूँ उसके बाद ही मैं शादी करूं क्योंकि अभी मेरे काम को ज्यादा समय भी तो नहीं हुआ था इसलिए मैं अपने काम में पूरा ध्यान दे रहा था। एक दिन मेरी गारमेंट शॉप में ही एक लड़की आई वह दिखने में तो काफी सामान्य थी लेकिन उसके अंदर कुछ तो बात थी जिससे कि मैं उसकी तरफ खिंचा चला गया और मुझे उससे बात करना अच्छा लगने लगा। मुझे उससे बात करना अच्छा लगने लगा था और वह भी अक्सर मेरी शॉप में आया करती थी उसका नाम सुहानी है। सुहानी से मैं अब हर रोज मिलने लगा था सुहानी की फैमिली के बारे में भी मुझे पता चल चुका था और सुहानी के साथ मैं जब समय बिताता तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगता।
एक दिन हम दोनों साथ में ही एक कॉफी शॉप पर बैठे हुए थे तो सुहानी ने मुझे अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बताया और कहने लगी कि मैं पिछले  चार सालों से अपने बॉयफ्रेंड के साथ रिलेशन में थी। जब उसने मुझे इस बारे में बताया तो मैंने उससे कहा कि मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है, मैं उस दिन उसे अपने दिल की बात कह चुका था क्योंकि मैं चाहता था कि मैं सुहानी को अपने दिल की बात कह दूं और मैंने सुहानी को अपने दिल की बात कह दी। सुहानी बड़ी ही खुश थी कि अब हम दोनों एक दूसरे के साथ प्यार करने लगे हैं हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे थे और फोन पर भी हम दोनों एक दूसरे से काफी बातें करने लगे थे। सुहानी का साथ पाकर मैं बहुत खुश था और मेरे जीवन में जो अकेलापन था वह भी दूर हो चुका था मैंने इस बारे में रोहन को भी बताया। मैंने जब रोहन को सुहानी से मिलवाया तो वह सुहानी से मिलकर काफी खुश था और कहने लगा कि सुहानी एक बहुत ही अच्छी लड़की है तुम उससे शादी कर लो तुम्हारी जिंदगी सवर जाएगी।
मैंने भी सुहानी के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया सुहानी को भी भला क्या एतराज होता, उसने मुझे कहा कि मैं तो तुम्हारे साथ रिलेशन में बहुत ही खुश हूं और तुमसे मैं शादी भी करना चाहती हूं। अब हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था लेकिन जब हम लोगों ने शादी का फैसला किया तो उसी बीच एक दिन सुहानी के पापा का एक्सीडेंट हो गया जिससे कि उसके पापा को काफी चोट आई और कुछ समय बाद उसके पापा का देहांत हो गया इससे सुहानी काफी ज्यादा टूट चुकी थी। काफी दिनों तक तो हम लोगों की कोई बात हुई ही नहीं थी लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य होने लगा और मैं और सुहानी एक दूसरे से बातें करने लगे थे। दोबारा से हम दोनों का रिलेशन सही हो चुका था लेकिन अब सुहानी चाहती थी कि वह अपने घर की जिम्मेदारी उठाये और हम दोनों ने फिलहाल शादी करने का फैसला अपने दिमाग से निकाल दिया था। मैंने और सुहानी ने एक दूसरे से शादी करने का फैसला तो अपने दिमाग से निकाल दिया था लेकिन हम दोनों हर रोज एक दूसरे को मिला करते थे। एक दिन जब सुहानी मुझसे मिलने के लिए घर पर आई तो उस दिन घर पर कोई भी नहीं था। सुहानी और मेरे बीच फोन सेक्स तो कई बार हुआ था लेकिन अभी तक हम लोगों के बीच कभी सेक्स हुआ नहीं था। जब सुहानी मुझसे मिलने के लिए घर पर आई तो उस दिन सुहानी और मैं साथ में बैठे हुए थे। मैंने उस दिन सुहानी की जांघ पर हाथ लगा दिया उसने टाइट जींस पहनी हुई थी मैने जब सुहानी की जांघ को छूआ तो वह बहुत ही मचलने लगी। वह मेरी गोद में आकर बैठ गई। सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ चुदाई का मजा वाले थे। मैं सुहानी के होठों को चूमने लगा था मुझे सुहानी के होठों को चूम कर अच्छा लग रहा था और कहीं ना कहीं वह भी बड़ी खुश हो गई थी। अब मैंने और सुहानी ने एक दूसरे के साथ सेक्स करने का पूरा फैसला कर लिया था मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो सुहानी ने तुरंत ही उसे अपने मुंह के अंदर समा लिया। सुहानी ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे चूसना शुरू किया तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और सुहानी को भी बड़ा मजा आने लगा था।
वह मुझे कहने लगी मैं तो बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं मैंने सुहानी को कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा है। मैने सुहानी की पैंटी को नीचे उतारकर उसकी चूत पर अपनी उंगली को लगाया उसकी गुलाबी चूत को चाटकर मुझे मजा आने लगा। मैंने उसे सोफे पर लेटा दिया था जब मैंने सुहानी के ब्रा को उतारकर उसके स्तनों को चूसना शुरू किया तो वह मचलने लगी उसके निप्पल को चूसकर मैंने खड़ा कर दिया था उसको बड़ा ही अच्छा लग रहा था जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह बहुत जोर से चिल्लाई और कहने लगी तुमने तो मेरी चूत में दर्द कर दिया है। मैंने उसे कहा बस थोडी देर तुम्हें दर्द होगा उसके बाद तुम्हें मजा आएगा हालांकि सुहानी मुझसे पहले भी अपने बॉयफ्रेंड से अपनी कई बार चूत मरवा चुकी थी लेकिन मुझे तो उसकी चूत टाइट महसूस हो रही थी।
मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था जब मैंने ऐसा किया तो मैं उसकी चूत पर बड़ी तेजी से प्रहार कर रहा था। उसको चोदने में मुझे अलग ही आनंद आ रहा था वह जिस प्रकार से मादक आवाज मे सिसकियां ले रही थी उससे मेरे अंदर की आग बढ़ती जा रही थी। मेरे अंदर की आग अब इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। जैसे ही मैंने अपने माल को सुहानी की चूत मे गिराया तो वह खुश हो गई। उसके बाद वह मेरे लंड को दोबारा से चूसने लगी उसने मेरे लंड को तब तक चूसा जब तक मेरे अंदर से गर्मी बाहर नहीं आ गई। मैंने दोबारा से उसकी चूत में अपने लंड को घुसाया मैं अच्छे से उसकी चूत का आनंद लेने लगा और मेरे अंदर की आग बढ़ती जा रही थी। मेरे अंदर की आग इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैंने उसकी चूत मे अपने वीर्य को गिरा कर उसकी चूत की गर्मी को शांत कर दिया उसके बाद उसे मेरे लंड की आदत हो चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ हर रोज सेक्स का मजा लिया करते और एक दूसरे को पूरी तरीके से संतुष्ट कर दिया करते।