मेरी जुबान के स्पर्श से रेखाने अपने कुल्हे उठा दिये. मेरा पुरा लंड मु मे भर चुसने लगी. मेने भी उसकी चुत चाटना शुरू किया. उसके चुत से पानी अब रिज रहा था. करिब पाच मिनिटं बाद रेखा ने कहा बस राज अब डालदो नही तो मे अब झड जाऊगी. अब मे उठ कर उसके दोनो पेर अपने कंधो पे लिये अपना लंड उसके चुत पर घुमाँकर उसके छेद का मुवायना किया और एक झटके मे ही अंदर डाल दिया. चुत गिली होने की वजह से बडी आसनी से लंड अंदर चला गया.
मगर झटका इतना जबरदस्त था की रेखा को तकलीब हुवी उसने कहा आराम से राज . अब मेने उसके चुत मे लँड अंदर बाहर करना शुरू किया. रेखा भी जोश मे आ रही थी. मेने उसके पेर नीचे कर उसके पैरो के बीच आ गया. रेखा के उपर लेट कर उसके चुत मे लंड अंदर बाहर कर उसके बुब दबाकर ,होटो को किस करने लगा. रेखा भी अब पुरे आगोश मे मुझे चुंम रही थी. नीचे से कमर हिलांकर मेरा साथ दे रही थी. मे तो सातवी आसमान मे था.
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मेरा लंड मानो फटने को आय था. तो मे थोडा रुक गया. वह फील मुझे जादा समय लेना था. रेखा मानो जोश मे थी , वह नीचे से कमर उठा के खुद ही चूदवा रही थी. 1 मिनिट रुकर मेने भी वापीस लंड अंदर बाहर करना चालू किया. लंड धीमी गती से उसके चुत मे अंदर बाहर करने लगा. वाह क्या फील था. मे पुरा लंड बाहर निकाल अंदर डाले जा रहा था. लंड चुत मे पुरा घुसाकर दबा रहा था, चुत से निकले पाणी से लंड और मेरा अंडा तक भिग गया था. रेखा बडी कामुक सिसकीया ले रही थी. अब उसका सब्र तूट गया वो अब उसकी गांड जोर जोर से उठाने लगी. मे समज गया अब रेखा अपने चरम पर आ गयी है. मेने भी अपनी स्पीड बढा दि. मे तेजी से धक्के लगाने लगा. रेखा के मु से जोर से आवाजे निकली, मेने वैसे ही उसके मु पे हाथ रखा और अपने धक्को की स्पीड बढा दि.
आवाज नही होनी चाहीये इस लिये चुत पे लंड दबाके अंदर बाहर कर रहा था. मगर चरम पे पोहच ने के बाद मे भी कंट्रोल न कर सका और जोर से आवाज की परवाह किये बिना ही लंड अंदर बाहर करने लगा. चप चप ढप की आवाज होणे लगी एक जोर दार धक्के के साथ मे और रेखा एक साथ ही झड गये. कुछ पल के लिये जोर से आवाज हुवी थी इसलीये , मुझे डर लगा की आवाज बाहर किसींने सुनी तो नही. मेने रेखा के उपर गीर उसके कानो मे कहा. रेखा ने कहा मत टेंगशन ले इतनी आवाज बाहर नही जाती. मे भी थोडा रिलॅक्स हो कर बिना लंड बाहर निकाले रेखा के उपर ही लेट गया. कुछ पल मे ही हम लोगो को निंद आ गयी. हम एक दुसरे को चिपके सो गये. करिब 2 घंटे बाद रेखा ने मुझे उठाया. उसके बाद हमने एक बार चुदाई कर नंगे ही एक दुसरे को चिपकर सो गये.
सुबह 8 बजे रेखा ने मुझे उठाया. हम दोनोने कपडे पहने. मे वापस लेट गया और सोने का नाटक करने लगा. रेखा बाहर चली गयी. करिब 15 मिनिट बाद मे उठकर बाहर आया. बाथरूम जाकर नहा धोकर तैयार हो गया. रेखा भी नहा धोकर तैयार होकर मुझे नाष्टा लेकरं आई और मेरे कानो मे कहा सरप्राईज के लिये तैयार हो जाओ. मेने भी नाष्टा किया और बाहर आंगण मे जाकर बेठ गया. करिब 10.30 बजे रेखा बाहर आई और मुझे कहा चलो राज कही घुम आते है. मे भी बैठे बैठे बोर हो रहा था तो बोला चलो. हम लोग चलते चलते गावसे आधा किलोमीटर दूर आ गये थे. सब तरफ खेत ही दिखाई दे रहे थे. कुछ दूर चलने के बाद मेने रेखा से पुछा, हम कहा जा रहे है. तो रेखा ने हाथो के इशारे से मुझे एक खेत मे दिख रहा घर दिखाया. मुझे लगा शायद रेखा मुझे वहा चुदवाने ले जा रही है. मे ने उससे पुछा वहा क्या है.
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उसने मुझे कहा तेरा सरप्राईज. मेरी भी उत्सुकता अब बढ गयी थी. करिब पाच मिनिटं चलने के बाद हम वहा पोहच गये. रेखा ने मुझे कहा तुम यंहा रुको मे आती हु. करिब 2 मिनिट बाद रेखा ने मुझे आवाज दि राज अंदर आ जाओ. मे अंदर गया, घर पुराना मिट्टी से बना हुवा था मगर बहोत बडा था. मे अंदर जाने के बाद रेखा को आवाज दि , तो अंदर के रुम से रेखा की आवाज आई. अरे यंहा आओ. मे अंदर गया तो रेखा नीचे बैठी थी और रेखा के सामने एक लंडकी बैठी थी. रूम मे जादा रोशनी नही थी तो मुझे वह ठीक से दिखाई नही दे रही थी. तभी मेने कहा अरे अंधेरे मे क्यो बेठो हो. लाईट लगावो. तभी रेखा उठी और मे उस लंडकी के सामने बैठ गया. रेखा ने लाईट जलाई वैसे ही मुझे वह लंडकी दिखी. लंडकी गोरीचिट्टी और एकदम मस्त माल थी.
भरा हुवा बदन, मिडीयम साईज के मम्मे कायामत लग रही थी. मेने उसे ठीक से देखा तो वो वही लंडकी थी जिसे मे बहोत चाहता था उसका नाम अंजली. जब भी मे गाव आता था तब हम लोग बहोत खेलते थे. बचपन से ही मे उसे चाहता था. अंजली मेरे उमर की याने 18 साल की थी. तभी रेखा बोली राज पेहचाना क्या. मेने भी सर हिला कर हा मे जबाब दिया. रेखा अब हमारे साथ बैठ गई. तभी रेखा ने मुझे कहा तुमने कभी माडी पी है क्या. हमारे गाव मे नारीयल जैसा एक पेड मगर उसके पत्ते थोडे अलग रहते है ऊस पेड से निकला रस को माडी बोलते है. गाव मे नशा करने को उसे पिते है. कुछ मात्रा मे उसे दवाई के रूप से पिया जाता है.उसके 2 ग्लास पिने से एक बियर इतनी नशा चढती है. मेने रेखा से कहा मेने कभी नही पी. तभी रेखा ने कहा पियेगा क्या? मेने कहा , मुझे भी ट्राय करनी थी लाओ. तभी अंजली उठी और बाजू मे रखा मटका ले आ गयी और 3 ग्लास भी ले आयी. मेने अंजली से पुछा ,तुमने कभी पी है.
अंजली बोली यार हमारी तो घरकी खेती है, मे नही पिऊनगी यौ कैसा.उसने बात करते करते तीन ग्लास भरे. हमने एक एक ग्लास उठा लिया. मेने उसे पिया उसका स्वाद मुझे थोडा खट्टा मिठा लगा. मुझे बहोत पसंद आया. मेने एक ग्लास फटाक से पी लिया. रेखा बोली आराम से पहली बार पी रहा है. मे ने अंजली से कहा और एक भरो ऐसें ही हम लोगो ने 3-3ग्लास पी लिये. अब उसका असर होने लगा था, मुझे बडा मस्त लग रहा था. मेरी हिम्मत मानो दुगणी हो गयी थी.तभी मेने रेखा से पुछा ए , कहा हे मेरा सरप्राईज. रेखा बोली सरप्राईज तो तेरे सामने है. मे कुछ समजा नही.
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