पहली चुदाई का नशा – पार्ट 4

नमस्कार दोस्तो, मे राजेश फिर एक बार आपके सामने पुराने कहानियोसे जुडी कहानी लेके आया हु. बहोत लोगोने मेरी कहानी पढकर मुझे मेल करके कहानी को सहारा और अगली कहानी के बारेमे उत्सुकता दिखाई इसलीये उनका धन्यवाद. अगर आपने पिछली कहानी पढी नही हो तो जरूर पढे, तभी आपको मेरी कहानी का असली मजा आयेगा. यह कहानी मेरे जीवन मैं घटित घटना पे आधारीत है. padhiye kaise maine apne mota lund ghusaya rekha ki geeli chut me aur usne chudai apni antaravasna bhari sexy gand!

अब तक आपने पढा था: मेडिकल वाली पल्लवी की बच्चे की चाह पुरी करने के लिये हमने सेक्स करना शुरू किया. हमारे दमदार सेक्स के बाद मे बुरी तरह थक गया था , ऊस दिन मेने रेखा के साथ पहले पाच बार और बाद मे पल्लवी के साथ एक बार चुदाई की थी. मे पल्लवी के घरसे सायकल लेकरं घर निकला. बहोत समय से मे घर से बाहर था, तो घरवाले मुझे डाटेंगे ये तो तय था. मे घर पर पोहचा. रेखा हॉल मे TV देख रही थी.

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माँ किचन मे कुछ काम कर रही थी. मुझे देखकर रेखा ने माँ को आवाज दिया, मामी देखो राज आ गया. मेने गुस्से से रेखा की और देखा. तभी माँ ने बाहर आके पुछा, कहा गये थे इतनी देर, खाना खानेका भी ध्यान नही. मे मन मे सोच रहा था खाने से भी बडीया चीज खाने को मिली तो खाना भुलना ही था. फिर एक बार माँ ने डाटके पुछा, मे थोडा डरके, जी वो दोस्तो के साथ खेल ने गया था. बहुत थक गया हु माँ खाना लगा दे.

माँ ने डाटते हुवे कहा जा हाथ मु धो ले, देख क्या अवस्था की है. माँ ने रेखा को मुझे खाना लगाने को कहा और वो बाहर पडोस मैं गई. हमारे यंहा खाना होणे के बाद सभी महिलाये गप्पे मारणे बेठती थी. पिताजी भी किसीं दोस्त के घर गये थे. अब मे और रेखा ही घर मे थे. मे फ्रेश होकर खाना खाने को बैठ गया. तभी रेखा थाली लेके आगयी. थाली मेरे सामने रख कर मेरी गाल की चुटकी निकाल कर बोली,

रेखा-खा ले बेटा अभी रात को बहोत काम करने है तुझे.

मैं- यार आज नही कल सुबह सब जाने के बाद करेंगे , अभि मुझे नीचे दर्द हो रहा है.

रेखा- अरे जाते समय तो पहल कर रहा था. अभी क्या हुवा?

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मैं- अरे वो दर्द थोडी देर पहले चालू हुवा है.
(उसको क्या बोलू की आज मैने कुछ देर पहले एक कुवारी चुत की सील तोंडी है)

रेखा- ओहो … मुझे कुछ मालूम नही , तुझे मुझे थंडा करना पडेगा.

मैंने आगे कुछ बोला नही, और उसको जेब से माला डी गोली का पॅकेट निकाल कर दे दिया. उसने पाकीट लेते हुवे कहा,तुझे आने मे इतना समय क्यो लगा?
मेने बात टालते हुवे कहा , जावो सबजी लेके आओ. रेखा किचन मे अपनी गांड मटका मटका के गयी. उसकी गांड देख कर तो लग रहा था की इसकी गांड मारू पर क्या करू आज बहोत थक गया था और गांड मारणे का प्रयास आज रात को तो मुश्किल था क्यो की सब लोग हम हॉल मे सोते है. मेने सोचा कल सुबह जम कर चोदूगा रेखा को. रेखा ने मुझें सबजी लाके दि. मेने अपना खाना खतम किया और बेड पर बैठ कर tv देखणे लगा.

रेखा भी उसका काम निपटा कर मेरे बाजू बैठ गयी. Tv देख ते देखते वो बार बार मुझे छेड रही थी. पर मेरा मुड कुछ बन नही रहा था. तभी रेखा मेरे कान मे बोली, रात को सब सोने का वेट कर सो मत जाना. मेने उसे कहा रेखा देख हमे रात को मन चाहा सेक्स करने को नही आयेगा, उससे भला हम कल सुबह सब जाने के बाद मन चाहा सेक्स करेंगे. अब रेखा का मुड कुछ उखडा उखडा लगणे लगा. मेने उसे एक होटो पे किस करके बोला अरे जान मे तेरे लिये ही हु ना. कल सुबह जम कर चोदूगा तुझे. तभी माँ आने की आहट हमे लगी. हम लोगोने अब tv देखणेका नाटक किया.

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माँ आ गयी और बोली, सोने की तैयारी करते है. तू कहा पे सोने वाली है रेखा, एक काम कर तू राज के साथ उपर बेड पे ही सो जा . हम नीचे सोते है. रेखा का मन मारो उछल गया. उसने मुझें चोरी से आख मारी. पिताजी भी आ गये. अब हम सब लोग सोने की तय्यारी कर अपने अपने जगह पर सो गये. रेखा मेरे बाजू मे सो कर tv देख रही थी. मे थक गया था तो थोडी देर मे ही मे सो गया.

करिब बारह साडे बारा बजे, मेरे लंड पे कुछ हलचल महसूस हुवी . रेखा पॅन्ट के उपर से ही मेरा लंड सहला रही थी. मे जाग गया. मेने भी उसकी तरफ मु करके करवत ली और अपना एक हाथ उसकी बुब पर रखा और उसके होटो को किस करने लगा. मे उसके बुब उपरसेही दबा रहा था उसको मजा आ रहा था, मेरा लंड भी अब हलचल करने लगा, और खडा होणे लगा. पर मुड कुछ बन नही रहा था. तभी रेखा उठी और बाजू का हाल देखा. सभी लोग गहरी निंद मे सो रहे थे. उसने अब मेरे पेर के तरफ मु करके अपने पेर मेरे मु के तरफ कर सोने की मुद्रा मे आ गयी.

थोडा उपर खिसकर उसका मु मेरे लंड के सामने आ गया और उसकी चुत मेरे मु के सामने. मे समज गया की इसका क्या इरादा है. उसने मेरे लंड को पॅन्ट की चेन खोल बाहर निकाल लिया. मेने भी उसका गाऊन उपर किया. उसने निकर पेहनी ही नही थी . वह पुरी तयारी कर के ही थी. उसने मेरा लंड को थोडा अपने हाथ से हिलाके आगे पिछे किया और मेरा लंड की चमडी पिछे कर लंड के टोपे पर अपनी जीभ से चाटने लगी. मे भी उसके चुत पे अपने होट रखा और उसको किस किया. वो सिहर उठी , उसकी चुत तो पहले से ही पानी छोड रही थी. उसने अब मेरा लंड मु मे पुरा भरा और चुसने लगी.

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मे ने भी अपनी जीभ उसके चुत से घुमाई, वो और जादा चुहक उठी. लेकींन मुझे डर लगणे लगा की इसकी इस आवाज से कोई जाग ना जाये, तो उसको मेने एक चुटकी निकाली और थोडा थप थपा कर शांत रहणे का इशारा किया. वो भी समज गयी और मेरा लंड जोर जोर से चुसने लगी. मे भी मेरी जुबान उसके चुत के छेद मे डाल अंदर ही घुमा रहा था..उसका स्वाद मुझे कुछ खास नही लग रहा था पर उसकी मेहक मुझे और उत्तेजित करने लगी. उसको और मुझे बहोत मजा आ रहा था. अब वो अपनी चुत मेरे मु पे दबा के अपनी गांड हिला रही थी , उसकी चुत से पाणी रिजना चालू हुवा.

उसकी पुरी चुत गिली हुवी. हम दोनो ही अब चरम पर पोहोच गये थे. मेने उसे अपना लंड उसके मु पे दबा कर उसको इशारा किया , उसने मुझे इशारा किया , उसने लंड चुसने की और मेने चुत चुसने की रफ्तार बढा दि, थोडी ही देर मे हम एक दुसरे के मु मैं झड गये. मेने अपना मु उसके गाऊन को पोछ लिया. उसने मेरा सारा माल पी लिया. मे उठ कर बाथ रम जाकर पेशाब की और अपना मु धोके आ के सो गया. थोडी देर बाद वो भी बाथरूम जा कर आई. फिर हम सो गये. कुछ भी कहो दोस्तो जो मजा और उत्साह चुपके से चुदाई और के चुदाईक्रीडा मैं आता है वह बाकी किसमे नही.