लण्डधारी शैतान

नमस्ते दोस्तो मेरे नाम अनीकेत है में नागपुर का रहें वाले हू। मेरी लंबाई छे फ़ीट है और रंग सावला है और में एक ओडीट कम्पनी में फील्ड ओफीसर हू। ये मेरी पहली चूदाइ (chudai) की कहानी है। आशा है कि आप सभी को ये कहानी बेहद पसंद आएगी।

मेंरे पापा एक ढेकेदार है।

freehindisexstories.net par desi chudai kahani aur antarvasnaउनका कलरींग का काम चलता है हमारा चार कमरे वाला घर है जीसमे कीचन और होल ओर तीन बेट रोम है दो नीचे और एक ऊपर है मेरे परिवार में मैं, मैरी दीदी, पापा , माँ रहते हैं।

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बात उन दिनों की हैं जब मैं दसवीं के बाद गरमी की छुटी मना रहा था बस दीं भर बाहर घूमना, दोस्तों के घर जाना और फोन में चूदाइ के वीडियो देखन, फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पडना और उपर वाले से कोई जूगाड मंगना।

अब मैं कहानी की शुरुआत करताहूं।

एक दिन पापा एक मैरिज कपल को घर ले आये, और हम सब को बता ने लगे की ये दोनो अब कूछ महीनों के लिए यहाँ रहेगे क्यों वो आदमी जीसका नाम गणेश था पापा के पास काम करता था।

और जब मैंने उसकी पत्नी को देखा तो देखता ही रह गया, क्या वो बला की खूबसूरत थी, गोरा रंग, बड़ी बड़ी आखे, हाइट तकरीबन सडे 5 रही होगी। उस के बूब्स कमसे कम 38D के तो जरूर होगे और कमर 32 की होगी और गांड 36 की होगी।

उसे देखने के बाद अछे से अछा आदमी का भी लंड खडा हो जाये गया। बस कयामत की खूबसूरत थी।

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मै बस उसे देखेही जा रहा था, और उतना मे पापा की आवाज मैरे कानों पर पडी, और मेरी नज़र उसकी गांड पेसे हटी और पापा मुझे बोले की आज से तू भी नीचे वाले कमरे में सोयेगा, और ये दोनों तेरे कमरे में सोयेंगे, में बोला की नीचे वाले कमरा दे दो तो मम्मी कहने लगी नीचेवाले कमरे में पापा का का सामना रखा है।

और मैरा पूरा मुड खराब हो गया, क्योंकि मैं मैरे रूम में चूदाई के वीडियो देखकर मूठ मारा करता था और दोस्तों के साथ फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पडता था।

पेशल रूमना होने के कारण मूझे पूरी आजादी थी पर अब तो ये सब बहोत कम होगा पर पापा और मम्मी उने उपर वाले कमरे में लेकर चलेगी और मैं भी मेरे दोस्त अभी के घर चला गया अभी से भी मेरी इस बात पर बात हूँ तो वो बोल ने लगाया की अछा है कम से कम बूब्स देखने मीलेंगे, मैं उसे गाली देते हुए उस बातों को वही बंद कर दिया, पर उसके वजह से मैं और भी सोच ने लगा।

फिर कूछ हप्ते बाद में जब शाम को घर आया तो सीधे अपने कमरे में चले गए क्यों की उपर वाले कमरे की सीढ़ीया बरामदे से ही थी.

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मैं जेसे ही अंदर गया तो गणेश भाउ की बीबी सामने सो रहीं थी और साढी घूटने के उपर तक थी मूझे उस जांगे साफ साफ दिखाई दे रही थी।

उसके पैर और जांगे इतनी साफ और सफेद थी की दूध जेसी मैं उस की जांगो को घूरा जा रहा था तभी वो बोली, आप और मूजे याद आया की मेरा रुम में अब वो लोग रहते हैं में सोरी बोल के वहा से जाने लगा उतनें में उसने आवाज दी रोको और मैं रूक गया वो बोली की लाइट कब आएगी शायद बीजली नहीं थी, मैं बोला, बीजली तो वेसे जाती तो नहीं है पर भी मैं चेक करता हु, और मेने मम्मी को आवाज दी और पूछा की बीजली है क्या तो वो हा बोलीं, और में कमरे के अंदर जाने के लीया पुछा तो वो बोली आप काही घर है, और में अंदर गया और फीयुज चेक करने लगा क्या की उसका बंटन कभी कभी बंद हो जाता था और में उने भी बता या मेंने उसे उनका नाम पूछा क्यों गणेश का नाम पता था पर इनका नहीं..

तो वो बोली मेरे नाम राची है, और मै बोला मैर नाम, तो वो उतने में बोली अनीकेत और घर में सभी अंनी बूलाते है, मैं बटन दबाके बोला आप को के से पता, तो वो बोली आप की माँ ने बताया फिर मै बोला आप मुझे आप कहके मत बूलो ला करो तो वो बोली क्यों, क्या खराबी है आप कहने मे क्योंकि आज से पहले मूझसे येसी बात नहीं की और आप मुझसे उमर मे बडी हो इतना कह कर में नीचे चला गया, रात में मम्मी ने उन्हें खाने को नहीं चे ही भूलाया राची ने लाल रंग की साड़ी पेनी थी, जीसमे वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी। खाना खाते हूवे पूरी वक्त मेरी नज़र बस उसे ही देखते जा रही थी, उसके बडे बूब्स काफी कातीलाना दीख रहे थे। मेरे साथ नउ इंच लंड बार बार खड़ा हो रहा था उसे रात मे ने तीन बार उसके नाम की मूठ मारी…

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अगले कुछ दिन में वो सभी के साथ घूल मील गई जब वो टीवी देखने के लिए नीचे आती तो मैं उसके बदन को नीहारता, और रोज उसके नाम की मूठ मारता था।
ये सब तकरीबन एक से दो महीनों तक चला, एक दिन अभीने मूजे वीडियो का नया कलेक्शन दीया और मैं घर लौट कर पहले उपर के कमरे में देखा तो मेने सोचा की राची टीवी देखने के लिए नीचे गयी है और मैं उसके कमरे में जाकर वीडियो देखने लगा और अपने लंड को सहलाने लगा आचानक मरी नजर सामने की काच पर पडी और मेरे हूश उड गये। काच नमे की राची खडी थी और मेरे फोन में जाक रहीं थी।