चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

उधर बाहर से कपिल जल्दी चलने के लिए आवाज दे रहा था। मजबूरी में मोना साड़ी पहनने लगी। ब्लाउज पहनते वक्त उसे ब्रा का ख्याल आया। वैसे तो उसके चूचे तो एकदम कसे हुए थे और बदन सुडौल था.. उसे ब्रा की कोई जरूरत भी नहीं थी। उसने अपनी चुची पर सीधे ब्लाउज पहना तो वो ब्लाउज भी साधारण ब्लाउज से छोटा था और थोड़ा टाइट भी था।

मोना ने जैसे-तैसे उसके हुक लगाए। ब्लाउज कसा होने के साथ गहरे गले और बैकलैस भी था। उसकी आस्तीनें भी नहीं थीं, सब मिला कर वो ब्लाउज कम और एक बड़ी ब्रा ज्यादा लग रहा था। साड़ी भी साइज़ में थोड़ी छोटी थी। मोना ने उस साड़ी को अपनी नाभि के नीचे से से ही बाँध लिया, थोड़ा सा पल्लू ले लिया।

अब वो बाहर आई, कपिल कार में उसका इन्तजार कर रहा था। मोना ने अपने आपको आइने में देखा.. साड़ी से उसका बदन बहुत सेक्सी दिख रहा था। कसे ब्लाउज में से उसके मम्मों के बीच का क्लीवेज बड़ा कामुक दिख रहा था उम्म्ह… अहह… हय… याह… साड़ी नीचे बंधी होने से उसकी गहरी नाभि भी कहर ढा रही थी। छोटे से ब्लाउज में से मोना के निप्पलों की घुन्डियां भी साफ़ झलक रही थीं।

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मोना ने मुड़ कर खुद के पिछवाड़े को शीशे में देखा.. तो बैकलैस ब्लाउज में से उसकी पूरी पीठ नंगी दिख रही थी.. नीचे कस कर बाँधी गई साड़ी के कारण चूतड़ों की दरार साफ़ दिख रही थी। इसलिए चलने पर उसकी चाल एकदम सेक्सी दिखने लगी। मोना का बदन इस ड्रेस में उभर कर दिख रहा था।

मोना नीचे आकर कार में बैठ गई। शुक्र था कि लॉज में इतनी सुबह कोई नहीं था। मोना कार में बैठी तो कपिल ने बार मोना के कामुक जिस्म की तरफ देखा और कार स्टार्ट करके तेज़ भगा दी।

वो दोनों दोपहर को एक सुनसान जगह पर बने एक ढाबे पर रुक गए। वहाँ कोई नहीं था.. बस ढाबे का मालिक और उसका छोटू नौकर ही था।

कपिल ने गाड़ी पार्क की, वो मध्य प्रदेश के बॉर्डर के आस-पास कहीं थे।
कपिल उतर कर फोन करने के लिए गया।

जहाँ उनकी कार पार्क की हुई थी, उधर पास ही कोने में एक ट्रक खड़ा हुआ था, उसमें दो लोग थे। कपिल वापस आया तो उसे वो ट्रक दिखा, उसने ट्रक वाले को आवाज दी।

उसमें से तकरीबन 60-65 साल के दो लोग उतरे, बाद में मालूम हुआ कि वो दोनों भाई थे। बड़े का नाम चरन प्रसाद था। वो बिल्कुल शांत ओर अच्छे स्वभाव का था, लोगों की मदद करने में आगे रहने वाला था। दूसरे का नाम रंगा था.. वो उसका चचेरा भाई था। एकदम घटिया किस्म का बड़े भैंसे सा, शराब से शबाब तक सब बुरी आदतें उसमें थीं।

बड़ा महात्मा था तो छोटा शैतान था। बड़े भाई की वजह से उसकी शराब और दूसरी आदतें नहीं चल पाती थीं। फिर भी वो चोरी छुपे इन सबकी जुगाड़ में लगा रहता था।

कपिल ने चरनप्रसाद से पेट्रोल पम्प के बारे में पूछा, उसे भी नहीं पता था। कपिल और वो ढाबे वाले से पूछने के लिए वापस गए। इधर मोना कार में अकेली बैठी थी। गर्मी का मौसम था। कार का एसी भी खराब पड़ा था। इधर मोना ने उसे कोई ना देख पाए, इसलिए उसने शीशे बन्द कर रखे थे, कार के अन्दर वो गरमी से झुलस रही थी, उधर कपिल भी बाहर बातें करने में लगा था।

मोना से रहा न गया तो वो थोड़ी देर के लिए कार से बाहर आ गई। उसे लगा कि ट्रक में से उसे कोई घूर रहा है। उसने पलट कर देखा तो वो रंगा था। रंगा की उम्र करीबन 65 साल की थी, वो बूढ़ा था फिर भी हट्टा-कट्टा और शक्ल से डरावना और कमीना लगता था। उसके सिर पर बारीक सफ़ेद बाल थे, दाड़ी भी थोड़ी बढ़ी हुई थी।

मोना गरमी से परेशान हो गई थी। उधर रंगा लगातार उसे देख रहा था, मोना को ये अच्छा नहीं लगा, वो वहाँ अकेली थी। उसके बदन पर ट्रांसपेरेंट साड़ी और छोटा सा सेक्सी सा ब्लाउज था। मोना इस वक्त मन ही मन उस बुढ़िया को भी कोस रही थी।

मोना को पता था कि ये ड्रेस दूसरी साड़ी ब्लाउज से बिल्कुल अलग किस्म की है। ये ड्रेस उन सेल्सगर्ल्स के लिए जानबूझ कर छोटा बनाया हुआ था, जो अपनी बॉडी दिखाने के लिए कपड़े पहने होती हैं।

उसी वक्त अचानक उसका पल्लू गर्म हवा के झोंके से उड़ा और पास के एक कंटीले पौधे में अटक गया। वो अपने पल्लू को कांटे से छुड़ाने की कोशिश करने लगी। इस वक्त मोना पसीने से लथपथ हो चुकी थी। रंगा को यही सब चाहिए था, वो मोना के सुडौल बदन को खुला देखना चाहता था।

अब मोना उसके सामने सेक्सी ब्लाउज में थी। उसका ऊपरी बदन लगभग खुला ही था। रंगा मोना का पसीने से चिकना हुआ बदन देख रहा था। वो ट्रक से बाहर आया और मोना के थोड़ा पास आकर खड़ा हो गया और ऊपर से नीचे तक उसे अपनी कमीनी नजरों से घूरने लगा।

मोना की गहरी नाभि, खुला पेट, बड़े-बड़े कसे हुए चूचे, साथ ही मोना के निप्पल भी साफ़ झलक रहे थे।

मोना ने पीछे मुड़कर पल्लू निकाल लिया, तभी उसकी नंगी पीठ को और उभरे हुए चूतड़ों को भी रंगा ने देख लिया। मोना जल्दी से कार में बैठ गई, रंगा अब कार के पास आकर शीशे से मोना के चूचे देखकर अपनी जीभ होंठों पर से अश्लील भाव से फिराने लगा।

इतने में उसका भाई और कपिल भी कार के नजदीक आ गए। उन दोनों को देख कर रंगा वापस ट्रक में जा कर बैठ गया। कपिल ने कार चालू की, पर वो स्टार्ट नहीं हुई।

काफी देर बाद प्रयास करने के बाद भी कार चालू नहीं हुई तो चरन प्रसाद ने कपिल से कहा- आप चाहें तो मैं आपको आपके शहर छोड़ देता हूँ, मैं भी वहीं जा रहा हूँ।

कपिल को किसी भी हालत में पहुँचना था, उसने ‘हाँ’ बोल दिया। ढाबे वाले से कार की हिफाजत के लिए बोल कर कपिल ट्रक में बैठ गया।

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चरन प्रसाद अच्छी नियत का आदमी था। रंगा उसकी नजरों में सुधरने का ढोंग करते हुए रहता था। चरन को भी रंगा की आदतें पता थीं, पर उसकी नजरों में वो अब सुधर गया था।

कपिल ने रंगा पर ध्यान नहीं दिया। सब ट्रक में बैठ गए। चरन प्रसाद के बाजू में कपिल बैठ गया, मोना उनके पीछे बैठ गई। मोना के पीछे, ट्रक में जो सोने के लिए जगह होती है, रंगा उस पर लेटा हुआ था। उसने मोना के पीछे का परदा बन्द किया और परदे के पीछे जाकर सो गया। ट्रक अपनी रफ्तार से चल रहा था, शाम को अँधेरा होने पर रंगा जग गया। कपिल मोना बैठे-बैठे सो रहे थे, चरन प्रसाद ट्रक चला रहा था।

रंगा की तरफ़ मोना की पीठ थी। ट्रक के अन्दर अँधेरा होने की वजह से चरन का ध्यान नहीं गया, वैसे भी उसका पूरा ध्यान ट्रक चलाने में था। सुहावनी हवा चलने लगी थी, जिस वजह से कपिल गहरी नींद में सो रहा था।

रंगा ने परदे के कोने से हाथ बाहर निकाला और मोना की पीठ को हौले से छुआ, इस स्पर्श से मोना जाग गई.. पर कुछ नहीं बोली। इससे उत्साहित होकर रंगा के दोनों हाथ हरकत में आ गए, अब वो मोना की नंगी पीठ को बेख़ौफ़ सहलाने लगा। मोना को काफी गुस्सा आया, पर वो चुप बैठी रही। उसने सोचा कि अगर उसने तमाशा किया तो चरन रंगा को मार ही देगा और चरन के अच्छे स्वभाव के कारण ही उन दोनों को लिफ्ट मिली थी।

वो चुपचाप बैठी रही, रंगा के सिर्फ दोनों हाथ ही परदे के बाहर थे, मोना की चुप्पी से उसका हौसला बढ़ गया था। उसने धीरे से दोनों हाथ आगे मोना के पेट पर सरका दिए। मोना का पल्लू गिर गया.. अब वो उसके पेट पर हाथ फेरने लगा। साथ ही मोना की गहरी नाभि को उंगली से कुरेदने लगा, इसके बाद रंगा के हाथ मोना के मम्मों पर आ गए।

मोना के शरीर में एक करंट सा दौड़ गया। वो कुछ मदमस्त सी होने लगी, उसने सोचा अगर कपिल बाहर सेक्स कर सकता है, तो मैं एक बार इसका लुत्फ़ क्यों ना उठाऊँ!

उधर रंगा अपनी उंगलियाँ मोना के निप्पलों पर गोल-गोल घुमाने लगा। मोना पीछे को खिसक कर बैठ गई। रंगा ने परदे का कोना बाजू करके मोना की पीठ को धीरे से चूमा, मोना के लिए ये एक नया अनुभव था। वो सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि एक बुड्डा इतना सेक्सी हो सकता है।

रंगा ने मोना को अपनी बर्थ पर खींचने का प्रयास किया तो मोना चुपके से परदे के अन्दर को सरक गई। उसके अन्दर होते ही रंगा ने उसे अपने बगल में लिटा लिया और उसका पेट, नाभि आदि चूमने लगा।

उसने अपनी जीभ मोना की नाभि में घुसा दी और बड़े सेक्सी तरीके से चाटने लगा। कुछ ही पलों में रंगा मोना के ऊपर चढ़ गया और मोना के होंठ चूमने लगा, उसके गाल, गला सब जगह खूब चूमा।

अब रंगा मोना की चुची को ब्लाउज के ऊपर से ही चूमने लगा, इससे मोना एकदम गर्म हो गई। उसने रंगा की लुंगी की तरफ़ देखा तो उसका लम्बा लंड उभर कर बाहर को आ गया था।
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मोना का हसीन बदन चखने वाला रंगा दुनिया का दूसरा सबसे खुशनसीब इंसान बनने वाला था। उसने मोना के ब्लाउज के हुक खोलने चाहे तो मोना ने विरोध किया।

वो कान में धीरे से बोला- सिर्फ एक बार मुझे तुम्हारी चुची पीनी हैं.. फिर मैं तुम्हें तंग नहीं करूँगा।
मोना चुदास से भर गई थी, उसने जानबूझ कर कहा- अगर दूध पीने के बाद तुमने मुझे चोदा तो?
वो मुस्कुरा कर बोला- कोई बात नहीं.. तुम चाहोगी तो मैं तुम्हें चोद भी लूँगा।

मोना ने मुस्कुरा कर हाथ हटा दिए, रंगा ने मोना के ब्लाउज के हुक खोले और उसके कड़क निप्पलों पर टूट पड़ा। वो धीरे-धीरे मोना की दोनों चुची को चुसक रहा था। अब उसने मोना का साया ऊपर करके अपना लंड उसकी चुत में घुसा दिया। मम्मे चूसते हुए वो मोना की चुत में अपना लंड आगे-पीछे करने लगा।

मोना को शुरू में उसके भीमकाय लंड से कुछ तकलीफ़ हुई.. पर बाद में मजा आने लगा।

उन दोनों ने दो बार पानी निकाला। एक घंटे तक ये सब चलता रहा। बाद में मोना उठी, उसने अपने कपड़े ठीक किए और अपनी जगह पर आ कर बैठ गई।

सुबह के 4 बज चुके थे, ट्रक शहर में आ चुका था। कपिल अब भी सो रहा था, उसका घर आने में आधा घंटा बाकी था।

एक चैक पोस्ट पर ट्रक रुका तो चरण प्रसाद कागज दिखाने नीचे उतर गया। अभी कपिल सो रहा था, मोना बाहर निकलने लगी, तो रंगा ने वापस उस पकड़ लिया और बोला- अब आखिरी बार मुझे तुम्हारे दूध पीने हैं।

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मोना ने कपिल की वजह से मना किया, पर रंगा जिद पर अड़ गया।

मोना ने मुस्कुराते हुए पल्लू हटा कर ब्लाउज के हुक खोल दिए, रंगा फिर से चुची चुसकने लगा।

मोना ने अपने हाथ से उसका मुँह अपने सीने से हटाने की कोशिश की, पर रंगा ने उसके हाथ पकड़ लिए, उसने मोना का पेट भी चूम लिया।

फिर मोना ने ब्लाउज के हुक वापस लगा दिए और कपिल के पास बैठ गई। चरन प्रसाद और कपिल को इस बात की खबर भी नहीं थी।

कपिल का घर आने पर मोना ने उसे जगाया, दोनों ट्रक में से उतर गए.. ट्रक निकल गया।

रंगा चरन के बाजू में आकर बैठ गया। मुँह पोंछते हुए रंगा को देख कर चरन प्रसाद को कुछ अजीब सा लगा। लेकिन उसे शराब की महक नहीं आई, इसलिए वो चुप रहा।

चरण ये समझ ही नहीं पाया कि रंगा ने आज दारु से भी अधिक नशीली चीज छानी है।