मेरे घमंड से मुझे लुंड मिले – पार्ट 1

मैं पहली बार शर्म से जमीन मे गढी जा रही थी फिर मैं शर्त के कारण राज को किस करने के लिये तैयार हो गई मैं जैसे ही उसे किस करने जा रही थी उसने मुझे रोक दिया और बोला..

राजवीर- रहने दो तु एक लडकी हो और ये सब करके तुम अपनी ही नजर मे गिर जाओगी जो मुझे अच्छा नहीं लगेगा और वैसे भी मैं लडकियों की बहुत इज्जत करता हुँ..

उसकी बाते मेरे दिल मे घर कर गई

बारात बिदा हो चुकी थी कुछ खास लोग ही रुके हुये थे राज भी रुका था मै राज को ही खोज रही थी मगर वो कहीं नजर नही आ रहा था तभी एक लडके ने मुझसे कहा की राज भाई ऊपर छत पर पानी मंगा रहे हैं मै पानी लेकर सबकी नजर से बच कर छत पर गई वहा राज अकेला था..

मुझे देखते ही राज ने कहा कि तुम चाहो तो अपनी शर्त यहां पर पूरी कर सकती हो वैसे भी अगर तुम जीत जाती तो तुम मुझसे सबके सामने अपनी जुती जरूर चुमवाती बोलो मै सही कह रहा हुँ ना.. मैने पानी का जग जमीन पर रख दिया और आगे बढ कर ऱाज के पास बैठ गई और उसके होठो पर अपने होठ रख दिये ऱाज मेरे होठों को किस करने लगा |राज ने मेरी कमर पे अपने हाथ रख दिये मुझे कुछ अलग तरहा का अनुभव हो रहा था मगर चाह कर भी मैं राज को रोक नही पा रही थी राज के हाथ मेरी कमर से होते हुये मेरे नित्म्भ तक पहुच गये…

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मेरे सारे शरीर मे चीटीं सी दौडने लगी मुझे राज का इस तरहा का स्पर्श बहुत ही रोमांचित कर रहा था राज मेरे चुतडों पर हाथ फेरने लगा मैने अपनी ऑखे बंद कर ली जैसे ही राज ने अपना एक हाथ मेरे चुचे पर रखा मेरे होश उड गये और मैं राज को मना करने लगी मगर उसने मेरी एक नही सुनी और उसने मुझे जमीन पर लिटा लिया मैने राज को धमकी दी कि मै शोर मचा दुंगी..

राज ने कहा कि नीचे के शोर की वजह से कोई तुम्हारी आवाज नही सुनेगा यकीन नही हो तो आजमा कर देख लो.. मेरे तो होश ही उड गये जिसे मैं एक शरीफ लडका समझ रही थी वो तो एक शातिर खिलाडी निकला मैं राज के आगे वेबस थी
राज ने मेरी चुची को मसलना शुरू कर दिया और फिर मेरी चोली के हुक खोलने लगा मै मचलने लगी और अपने आप को छुडाने की केशिश कर रही थी…

मगर राजवीर इतना हटटा खट्टा नौजबान था की मेरी उसके आगे एक ऩही चल रही थी मै तो उस बकरी की तरह तडफ रही थी जो शेर के कब्जे मे आ जाती है राज ने मेरी चोली को उतार दिया और मेरे चुचे को मुँह मे दबा कर चुसने लगा मेरे सारे शरीर मे लहरें दौड रही थी मुझे अब डर लगने लगा था क्योकि अभी तक मेरी चुदाई नही हुई थी मैं पूरी तरहा से कुवारी थी राज का एक हाथ मेरे पेट पर रेंगता हुआ मेरे लंहगे की तरफ बढ रहा था और जैसे ही राज ने मेरे लहंगे मे अपना हाथ डाला मै चिलाने लगी राज ने मेरा मुह बंद कर लिया और तभी वहॉ पर राजबीर के चार दोस्त और आ गये राज ने कहा और अगर एक बार तुमने शोर मचाया तो मेरे ये दोस्त भी मेरे साथ तुम्हारी चुत मारेंगे सोचलो..

राज की ये बात सुनते ही मेरे होश उड गये..

और मै डरके कारण एक दम शांत हो गई और सब भगबान पर छोड दिया..

राज मेरे लहंगे मे हाथ डालकर मेरी चुत सहलाने लगा मेरी समझ मे नही आ रहा था मै क्या करू मुझे शर्म भी बहुत आ रही थी और आपनी बेबकुफी पर हसी भी आ रही थी क्योंकि आज जो मेरे साथ हो रहा था उसको दाबत मैने ही दी थी.. राज जैसे ही मेरे लहंगे को उतारने लगा मैने राज का हाथ पकड लिया और कहा प्लीज ये मत करो मुझे शर्म आ रही है मै तुम सब के सामने नंगी नही रह सकती

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मेरी बात सुनते ही सबने अपने कपडे उतार दिये और बोले लो अब तो हम भी नंगे है और हसने लगे मेरी ऑखों के आगे 4 नंगे लंड लटक रहे थे मेरी जान गले तक आ रही थी मै राज के आगे हाथ जोडने लगी और जब मुझे बचने का कोई भी रास्ता नही दिखा तो मै राज से चुदने के लिये तैयार हो गई लेकिन एक शर्त पर कि उसके सिवा कोई और नही चोदेगा ऱाज ने हॉ मे अपना सर हिलाया और राज के दोस्त कपडे पहन कर हमें घेर कर दुसरी तरफ मुह करके खडे हो गये..

और राज ने मेरा लंहगा उतार दिया और मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चुत पर हाथ फेरने लगा मुझे न चाहते हुये भी न जाने क्यो ये सब अच्छा लगने लगा | राज मेरी चुचियों को अपने होठ मे दबा कर बारी बारी से चुस रहा था और मेरी पेंटी के किनारों से मेरी चुत को सहला रहा था मुझे दर्द के साथ साथ मजा भी आ रहा था….