Savita bhabhi, hindi sex story: मैं घर की साफ सफाई कर रही थी तभी दरवाजे की घंटी बजी। कोई काफी देर से घंटी बजा रहा था मैं कमरे के अंदर थी जिस से मुझे सुनाई नहीं दिया मैं दौड़ती हुई बाहर गई जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो मैंने सामने देखा चाचा जी खड़े थे। वह मुझे कहने लगे सविता मैं कब से दरवाजा की घंटी बजा रहा हूं लेकिन तुम दरवाजा ही नहीं खोल रही। मैंने उनके हाथ से बैग लिया और उन्हें कहा चाचा जी आपने अपने आने की कोई जानकारी नहीं दी कि आप शहर आ रहे हैं। वह मुझे कहने लगे सविता इस बारे में क्या जानकारी देता बस सोचा कि कुछ दिनों के लिए तुम्हारे पास हो आता हूं। चाचा जी का कोई भी नहीं है इसलिए वह हमे बहुत मानते हैं। मैंने उन्हें कहा मैं आपके लिए पानी ले आती हूं। अब मैं चाचा जी के लिए पानी ले आई जब मै उनके लिए पानी लेकर आई तो मैंने उन्हें पानी दिया। उन्होंने पानी पिया उसके बाद वह अपने कमरे में चले गए। वह कमरे मे आराम कर रहे थे वह कच्छे मे लेटे हुए थे।
मैने दोपहर मे उनके लिए खाना बना दिया था मैंने चाचा जी को कहा आप खाना खा लीजिए। वह कहने लगे हां सविता बस अभी आता हूं चाचा जी ने खाना खाया और वह कमरे में चले गए वह लेटे हुए थे जब लेटे हुए थे। मैंने उन्हें कहा चाचा जी आपको कुछ देना तो नहीं है। वह मुझे कहने लगे नहीं सविता रहने दो मैं आराम कर रहा हूं। उन्होंने मुझे कहा हो सके तो तुम मेरे पैरों को दबा दो। मैने चाचा जी से कहा क्यों नहीं मैं आपके पैरो को अभी दबा देती हूं। मैंने चाचा जी के पैरों को दबाना शुरू किया जब मैं चाचा जी के पैरों को दबा रही थी तो उनका लंड खड़ा होने लगा इस बुढ़ापे में भी उनका लंड तन कर कठोर हो गया था। मैंने चाचा जी से कहा आपका लंड तो बड़ा ही कठोर हो चुका है। वह कहने लगे सविता तुम यह कैसी बात कर रही हो मैंने उनके कच्छे को खोलते हुए उनके लंड को हाथ में लिया। उनका लंड देख मै उसे अपनी चूत मे लेने के लिए तड़प रही थी। मैंने चाचा जी के सामने अपनी साड़ी को उतारा दिया तो उनके अंदर सेक्स की भूख जाग गई थी। वह अपने आपको रोक नहीं पाए वह मुझे कहने लगे सविता लगता है आज तुमने मेरे अंदर की आग को जगा दिया है। मैंने चाचा जी से कहा आपकी आग जाग चुकी है तो उसे बुझाने का काम मेरा है।
वह कहने लगे ठीक है तुम मेरी आग को बुझा दो यह कहकर जब मैंने चाचा जी के मोटे लंड को अपने मुंह मे लिया तो मैं चाचा जी के मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे बड़े ही अच्छे तरीके से चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं चाचा जी के लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी चाचा जी की गर्मी को मैं बढ़ा रही थी। उनकी गर्मी इस कदर बढ़ने लगी थी कि वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। वह मुझे कहने लगे बहू में अब रह नहीं पा रहा हूं मैंने चाचा जी के लंड को चूसकर उनके लंड से पानी बाहर निकाल दिया था। चाचा का माल बाहर निकल चुका था वह कहने लगे अब इस बुड्ढे को तुम कितना तड़पाओगी। मैंने उन्हें कहा आप अभी तो जवान हो आपका लंड तो बहुत ही ज्यादा मजबूत है वह किसी नौजवान के लंड के जैसा है। यह बात सुन चाचा जी अब तैयार हो गए थे उन्होंने जब मेरी चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो वह मेरी चूत को चाटने लगे उनको मजा आने लगा। वह मेरी चूत को मजे से चाट रहे थे मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था और उनको भी बड़ा मजा आ रहा था चाचा जी के अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी और मेरे अंदर की गर्मी भी बढ़ चुकी थी। चाचा जी ने मेरी चूत से पानी बाहर निकाल दिया था और मेरी गर्मी को इतना बढ़ा दिया कि अब मैं उनके मोटे लंड के लिए तडपने लगी थी। मैंने अपने पैरों को खोल लिया जब मैंने अपने पैरों को खोला तो मैंने चाचा जी के लंड को अपनी चूत में लेने का पूरा मन बना लिया था। चाचा जी ने मेरी चूत के अंदर उंगली को डालकर मेरे अंदर की आग को बढ़ा दिया था। मेरी चूत के अंदर बाहर चाचा जी उंगली को कर रहे थे मुझे बहुत मजा आने लगा था और चाचा जी को भी अब मजा आने लगा था। हम दोनों की तडप बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी अब हमारी गर्मी इस कदर बढ़ गई थी कि चाचा जी ने अपने लंड को मेरी चूत के बीचो–बीच लगा दिया था जब वह लंड को रगड़ने लगे तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था। अब चाचा जी ने मेरी चूत पर अपने लंड को अच्छे से रगडना शुरू कर दिया था। जब वह ऐसा कर रहे थे तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी मेरे अंदर की गर्मी बहुत बढने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी।
मैंने चाचा जी से कहा आप जल्दी से अपने लंड को मेरी चूत में घुसा कर मेरी गर्मी को मिटा दीजिए। वह मुझे कहने लगे सविता तुम्हारी चूत में लंड डाल देता हूं। उन्होंने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया उनका लंड मेरी योनि मे जाते ही वह खुश हो गए थे। उनके अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी उन्होंने मुझे बड़ी तेज गति से चोदना शुरु कर दिया था उनके अंदर की गर्मी जिस प्रकार से बढी हुई थी उससे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और उनको भी बड़ा अच्छा लगने लगा था। चाचा जी मुझे कहने लगे सविता तुम्हारी चूत तो बहुत टाइट है। उन्होंने अपने जिंदगी का अनुभवो को मेरी चूत में घुसा दिया जब उन्होंने मेरी चूत के अंदर अपने 9 इंच मोटे लंड को अंदर बाहर करना शुरु किया तो मेरी चूत मे दर्द होने लगा। वह मुझे कहने लगे जवानी में तो मैंने ना जाने कितनी लड़कियों को चोदा था लेकिन आज तुम्हारी चूत मारकर मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मेरा जीवन सफल हो गया है। बुढ़ापे मे तुमने आज मेरे अंदर की जवानी को दोबारा से जगा कर रख दिया है मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है।
चाचा जी मेरी चूत मार रहे थे तो मुझे ऐसा लग रहा था वह मेरी चूत फाड़ कर ही मानेंगे। चाचा जी का माल बाहर आने का नाम नहीं ले रहा था हम लोगों को चुदाई करते हुए 10 मिनट हो चुके थे लेकिन चाचा जी झड नहीं रहे थे। वह मुझे बड़े अच्छे से चोद रहे थे उन्होंने मुझे काफी देर तक चोदा। जब उनका माल बाहर की तरफ आने को था तो उन्होंने अपने माल को मेरे अंदर ही गिरा दिया। मुझे मजा आ गया और उन्हें भी मजा आ गया था हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हो गए थे। चाचा जी का बुढ़ापा अब जवानी में तब्दील हो गया था मै चाचा जी की बाहों में मैं लेटी हुई थी। रात को भी चाचा जी ने मुझे चोदने की बात कही तो मैंने उन्हें कहा आज तो आप थकने का नाम ही नहीं ले रहा है। वह मुझे कहने लगे इतने समय बाद कोई जवान बदन मुझे मिला है और वह भी तुम जैसा गरमा–गरम माल भला उसे मैं कैसे छोड़ सकता हूं। मैं रात को भी अपने पति को सुलाने के बाद चाचा जी के पास चली गई जब मैं उनके पास गई तो हम लोगों ने रात को भी खूब मजे लिए और जमकर चुदाई का मजा लिया। चाचा जी बड़े खुश थे हम दोनों एक दूसरे के साथ मजे लेकर खुश थे। उन्होंने मेरी चूत का भोसड़ा रात को भी बनाया उन्होने मुझे उठा उठा कर चोदा और मेरी चूत की खुजली को मिटाया। अगले दिन चाचा जी की तबीयत खराब हो गई क्योंकि उन्होंने मुझे कुछ ज्यादा ही चोद दिया था जिस वजह से वह मेरी चूत की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाए। मैंने उन्हें दवा दी तो वह ठीक हो गए दो दिन बाद वह ठीक हो चुके थे और उनके अंदर की आग जल रही थी वह अपनी गर्मी को मेरी चूत में गिराना चाहते थे। उन्होंने ऐसा ही किया उन्होंने अपनी गर्मी को मेरी चूत मारकर उसे बुझाया। मेरी चूत की खुजली को मिटा कर वह गांव लौट चुके थे लेकिन मुझे चाचा जी की बड़ी याद आ रही थी। उन्होने जिस प्रकार से मेरे साथ गरमा गरम चुदाई का मजा लिया वैसी चुदाई भी मेरे पति मेरे साथ नहीं करते थे लेकिन चाचा जी ने अपने बुढ़ापे के अनुभवो को मुझे दिखाया और मुझे जन्नत की सैर करवा दी।