मकानमालिक ने मेरी गांड के मजे लिए

आज मैं आपकी सविता भाभी आप लोगों के लिए हाजिर हूँ एक देसी कहानी लेकर। आशा है की ये कहानी आप लोगों को पसंद आएगी। ये बात पिछले महीने की है। मेरे मकानमालिक एक चालीस साल के इंसान हैं और दिखने में अच्छे हैं। एक दिन वो घर आये तो मेरे पति नहीं थे घर पर। वो आये और हाल चाल पूछने लगे। मैंने उनसे बात शुरू कर दी। फिर उन्होंने मेरे पति के बारे में पूछा तो मैंने बताया की वो ऑफिस गए हुए हैं।
उसके बाद मकानमालिक से मैंने पूछा की वो चाय पिएंगे क्या ? वो बोले – हाँ, जरूर। चलिए मैं भी आपके साथ चलता हूँ। इसी बहाने किचन भी देख लूंगा। मैं बोली – जरूर। फिर वो मेरे पीछे पीछे चल दिए। मैं जब किचन में पहुंचकर अदरक निकालने के लिए नीचे झुकी। मेरी उठी गांड देखकर मकानमालिक से रहा नहीं गया। शायद मेरी गांड देखकर उनकी अन्तर्वासना जाग उठी। उन्होंने बहाने से मेरे चूतड़ पर हाथ मार दिया। मैंने अनजान बनने का नाटक किया। अब जब वो खड़े थे तो उनके लंड के आगे आकर मैं काम करने लगी। उनका लंड मेरी गांड को छू रहा था। वो भी मेरा इशारा अमझ गए। उन्होंने बोला – बैडरूम में चलें सविता जी ? मैंने कहा – क्या हुआ ? वो बोले – कुछ काम था आपसे। मैंने कहा – आप चाहें तो मुझे उठा कर बैडरूम में ले चल सकते हैं। इतना कहते ही उन्होंने मुझे उठा लिया और बैडरूम में चल दिए।
बैडरूम में जाकर उन्होंने मेरी तरफ देखा तक नहीं और साड़ी के ऊपर करते हुए मेरी चूत को चाटना शुरू किया। वो मेरी चूत को वह बड़े अच्छे से चाट रहे थे। मेरी चूत को जिस प्रकार से उन्होंने चाटा उससे मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ को गिरने लगा था मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी। मकानमालिक ने भी अपने लंड को मेरे मुंह की तरफ किया मुझे अंधेरे में उनका लंड अच्छे से दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन मैंने अपने हाथ से उनके लंड को हिलाते हुए अपने मुंह के अंदर लिया तो वह खुश हो गए।
वह मेरे मुंह के अंदर तक अपने लंड को डालने लगे उन्होंने मेरे गले के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया था मुझे बहुत अच्छा लगा जिस प्रकार से मैंने उनके लंड का रसपान किया उनके लंड का नमकीन पानी मुझे अच्छा लगता वह मुझे कहने लगे आज तुम कुछ बोल नहीं रही हो? मैंने कुछ नहीं बोला और उनके लंड को अपने मुंह के अंदर लेती रहती अब वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। वह मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत मारनी पड़ेगी उन्होंने मेरे दोनों पैरों को चौड़ा किया और मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया। वह कहने लगे आज तुम्हारी चूत मुझे बड़ी टाइट महसूस हो रही है मैं सिसकिया ले रही थी उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
उन्होने मेरे ब्लाउज को खोलते हुए मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसा उन्हें बड़ा मजा आ रहा था जब वह मेरे स्तनों का सेवन करते और मुझे तेजी से धक्के मारते। उन्होने बहुत देर तक मेरी चूत के मजे लिए फिर उन्होंने अपने लंड पर तेल लगाकर लंड को पूरी तरीके से चिकना बना लिया। मेरी चूत से निकलता हुआ पानी भी उनके लंड पर लगा हुआ था मैंने उनके लंड को बहुत देर तक चूसा।
उनका लंड पूरी तरीके से चिकना हो चुका था मकानमालिक ने जैसे ही मेरी चूतड़ों को अपनी तरफ करते हुए मेरी चूतड़ों पर हाथ से प्रहार किया। उन्होने अपनी उंगली पर तेल लगाते हुए मेरी गांड के अंदर अपनी उंगली को घुसा दिया जैसे ही उन्होंने अपने लंड को मेरी गांड के अंदर घुसाना शुरू किया तो मैं चिल्ला उठी।
मेरे मुंह से बहुत तेज चीख निकली। मैंने कुछ नहीं बोला उनका लंड मेरी गांड के अंदर जा चुका था।
मकानमालिक मुस्कुराने लगे। वह अपनी पूरी ताकत के साथ मेरी गांड पर प्रहार करने लगे और कहने लगे सविता वैसे तुम मेरी बीवी से भी ज्यादा माल हो तुम्हारी गांड बहुत बड़ी है। मैंने मकानमालिक से कहा मेरे पति भी तो मेरी गांड का मजा लिया करते हैं मैं अपने पति के साथ सेक्स कर के बोर हो चुकी थी मुझे कुछ नया चाहिए था सोचा आपके साथ ही आज मजे कर लू। मकानमालिक कहने लगे आखिर तुम भी तो मेरी साली हो और तुम्हारे साथ सेक्स कर के आज मे खुश हूं।
मकानमालिक को अब सब पता चल चुका है। वह बोले तुम दोनों बहने बड़ी कमाल की हो सविता तुम तो वाकई में बड़ी गजब हो तुम्हारी गांड के छेद के अंदर जिस प्रकार से लंड अंदर बाहर हो रहा है उससे मेरे लंड से खून भी आने लगा है मुझे तो ऐसा लग रहा है मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका है क्या तुम्हारी गांड की गर्मी को मैं बुझा पाने में सफल रहा हूं? मैंने मकानमालिक को कहा मकानमालिक आपने तो मेरे गांड के घोड़े खोल कर रख दिया है मुझे तो लग रहा है यदि आप मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहे तो मुझे और भी ज्यादा मजा आ जाएगा।
मकानमालिक ने अपने लंड को मेरी गांड से बाहर निकाला मेरी गांड के छेद में उन्होंने अपनी उंगली को घुसा कर रखा हुआ था उन्होंने अपने लंड को और चिकना बना लिया। अब उनका मोटा लंड मेरी गांड के अंदर दोबारा से प्रवेश हुआ उनके लंड में एक अलग ही बात थी उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया था। जिस प्रकार से उन्होंने मेरी गांड मारी उससे तो मेरी हालत ही खराब हो गई थी मैं बिल्कुल भी समझ नहीं पा रही थी ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए क्योंकि मेरी गांड से खून बाहर की तरफ निकलने लगा था मकानमालिक रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
मकानमालिक ने नॉनस्टॉप चुदाई शुरू कर दी थी जिस प्रकार से उनका मोटा लंड मेरी गांड के अंदर बाहर होता मैं चिल्लाती जाती मेरे मुंह से तरह–तरह की आवाजें निकल रही थी मकानमालिक बिल्कुल भी रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। उन्होंने तो जैसे ठान लिया था आज मेरी गांड के घोड़े खोलकर रहेंगे आखिरकार मकानमालिक के लंड से वीर्य बाहर निकलने वाला था उन्होंने जब अपने लंड से निकलते हुए वीर्य को मेरी गांड के अंदर ही फिट किया तो मैंने कहा मकानमालिक आप तो बड़े कमाल के हैं आज अपने मुझको खुश कर दिया है।