सविता भाभी के दीवानों के लिए उनकी भाभी आज फिर से हाजिर है एक हिंदी सेक्सी स्टोरी लेकर। ये कहानी तब की है जब मेरे पति को एक बैंक से लोन चाहिए था लेकिन बैंक मैनेजर लोन पास नहीं कर रहा था। मैंने पति से बात की तो मुझे पता चला की वो मैनेजर थोड़ा अकड़ने वालों में से है। मैंने देखा की मेरे पति ज्यादा परेशान हैं तो मैंने सोचा की क्यों न मैं कुछ करूँ। मुझे मालूम है की अक्सर मर्दों को कैसे मनाया जाता है। मैंने पता किया और उस दिन गयी मैनेजर से मिलने जिस दिन मैनेजर की बीवी अपने मायके गयी थी।
मैं तैयार हुई और जान बूझ कर ब्लाउज ऐसा पहना की मेरे बड़े बड़े बूब्स आधे दिखें उसमे से। फिर मैं ऑटो से उसके घर पहुंची। मैंने फिर डोर बेल बजायी। मैनेजर ने दरवाजा खोला। जैसे ही उसकी नज़र मेरे बूब्स पर पड़ी तो उसकी अन्तर्वासना जाग गयी। मुझे उसकी आँखों में ही हवस दिख गयी। मैंने उसको नमस्ते किया और बताया की मैं विवेक की पत्नी हूँ और उससे मिलने आयी हूँ।
उसने मुझे अंदर बुलाया। फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया। मैं सोफे पर बैठ गयी। मैंने कहा आपकी पत्नी नहीं दिख रहीं। वो बोला –हाँ, वो अभी अपने मायके गयी हैं। उसने फिर मुझसे चाय वगैरह पूछा। मैं बोली – जब आपकी वाइफ नहीं हैं घर पर अभी तो क्यों आपको परेशान करूँ , आप मुझे किचन दिखा दीजिये, मैं बना देती हूँ। पहले तो उसने मना किया लेकिन फिर जब मैंने फिर से कहा तो वो मुझे साथ लेकर किचन में चल दिया। किचन में मैंने पहले तो गैस पर पानी रखा और फिर चीनी और चायपत्ती डाल दी। फिर मैंने पूछा की अदरक कहाँ है तो उसने बताया की निचे वाली अलमारी में। मैं अदरक निकालने के लिए झुकी और जान बूझकर अपना पल्लू गिरा दिया ताकि उसे मेरे बूब्स दिख जाएँ।
जब मैंने देखा की वो मेरे बूब्स की ओर देख रहा है तो मैं समझ गयी की आज मेरा काम बन जाएगा। मैंने उसको एक स्माइल दे दी। वो भी मुस्कुरा दिया और मेरे और पास आ गया। मैं बोली –जनाब के इरादे नेक नहीं लग रहे। वो बोला – जब आप जैसी हॉट कोई सामने हो तो कोई भी पिघल जाएगा। मैंने कहा – लेकिन आपको उसके लिए मेरा एक काम करना पड़ेगा। वो बोला – मुझे पता है की क्या काम है आपको। आपके पति का लोन कर दूंगा पास मैं। आप उसकी फ़िक्र छोड़ दो। मैंने कहा – पक्का ?
वो बोला – हाँ, आपके साथ इन हसीं पलों के लिए इतना तो कर ही सकता हूँ।
मैंने सोचा की इसने मेरा काम कर दिया है तो चलो आज इसको खुश ही कर देती हूँ। फिर मैं उठी और उसकी बाहों में आ गयी। उसने भी तुरंत मुझे जकड लिया और मुझे चूमने लगा। मैंने भी उसका साथ दिया और उसे चूमने लगी। फिर वो चूमते चूमते मेरी गर्दन पर चूमने लगा और मेरे चूतड़ अपने हाथों से दबाने लगा। मुझे भी जोश चढ़ रहा था अब। मैं आह्हः उम्म्म करने लगी। अब उसने मेरे बूब्स पर धावा बोल दिया और मेरे बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से चूसने लगा। मैंने कहा – बैडरूम में चल लें या सारा कुछ यहीं किचन में करना है ? वो हंस पड़ा। फिर उसने मुझे उठाया और किचन से बेडरूम में ले जाकर बेड पर लिटा दिया। अब वो मेरे ऊपर आ गया और मुझे चूमते हुए मेरा ब्लाउज निकालने लगा।
मैं भी अंदर से गर्म हो रही रही थी। मैंने फिर खुद ही ब्रा के हुक खोल दिया और अपने निप्पलों को आज़ाद कर दिया। उसने तुरंत मेरे निप्पल चूसने शुरू कर दिए। मुझे भी मजा आने लगा। मैं मस्ती से उम्म्म अह्ह्ह करने लगी। फिर वो दूसरा निप्पल चूसने लगा। उसके बाद वो मेरी नाभि पर किस करने लगा। मुझे मजा आ रहा था। उसके बाद उसने मेरी साड़ी खोल दी और पेटीकोट भी। मैंने कहा कंडोम है न ? वो बोला –हाँ, अभी लाया। फिर उसने अलमारी से कंडोम निकाल लिया और अपने सारे कपड़े भी उतार दिए।
उसके बाद वो मेरी पैंटी उतारने लगा। जैसे ही उसने मेरी चूत देखि तो वो खुश हो गया। वो बोला –मुझे रहा नहीं जा रहा। आज तो मैं चूत चाटूँगा। मैंने कहा – शौक से। फिर उसने मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा दी। मैं उछल पड़ी। फिर उसने मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदना शुरू कर दिया। मुझे भी मजा आ रहा था। मैं मजे से आह उह्ह्ह्हह्ह उम् अहह कर रही थी। वो मेरी चूत का रस पीने के लिए बेताब था। मेरी चूत में उसने अपनी जीभ और अंदर घुसा ली और मजे से चूसने लगा।
अब मेरी कामुकता पूरी तरह से जाग चुकी थी। मैंने कहा – अब तड़पाओ नहीं, डाल दो सीधा। वो तो जैसे मेरे कहने का ही इंतजार कर रहा था। उसने सीधा अपना लंड मेरी चूत पर टिकाया और एक ही झटके में अंदर कर दिया। मुझे दर्द तो हुआ लेकिन मजा भी आया क्यूंकि उसका लंड अच्छा था। फिर वो मजे से मेरी चूत को चोदने लगा। मैं भी मजे से ओह्ह आह्हः उम्म्म उईईई करके चुदवाने लगी। थोड़ी देर बाद वो बोला की चली पोजीशन बदलते हैं। मैना कहा जरूर। फिर वो लेट गया और मैं उसके ऊपर आ गयी। अब मैंने उसका लौड़ा टिकाया और उस पर बैठ गयी। उसके बाद मैं मस्ती से उछलने लगी और मजे से सिसकियाँ लेती हुई चुदाई का मजा लेने लगी। उसको भी मेरी कसी चूत बहुत अच्छी लग रही थी।
मैंने उछलना तेज कर दिया तो वो बोला – आज तो आप जान ही लेकर मानोगी। लोन तो मैं आपके दस बारह और कर दूँ अगर मुझे ऐसे पल और मिलें। मैं बोली – फिलहाल तो एक ही की जरूरत है बाकी ऐसा सेक्स हो सकता है की वैसे भी मिल जाए। वो खुश हो गया और मजे से मेरी चूत चोदने लगा। लगभग आधा घंटा हम दोनों ने अलग अलग पोजीशन में चुदाई के मजे लिए और उसके बाद उसने अपना माल कंडोम में झाड़ दिया। फिर हम दोनों लेट गए।
उस रात थोड़ी देर बाद फिर एक बार और हम दोनों ने चुदाई की और फिर मैं अपने घर चली आयी। अगले दिन मैनेजर ने मेरे पति का लोन पास कर दिया।