savita bhabhi xxx, hindi sex story मेरा नाम सविता है, मेरी शादी को अभी 6 महीने ही हुए हैं मैं पंजाब के एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं। मेरी शादी मेरे पिताजी ने ही करवाई मेरी उम्र ज्यादा नहीं है मेरी उम्र 22 वर्ष है। मेरी शादी मेरे पिता ने बहुत जल्दी करवा दी लेकिन मैंने भी अपने ससुराल वालों को कुछ भी कमी नहीं होने दी। मैं सबको अपने यौवन का जाम पिलाती रहती हू, जिस दिन मेरी सुहागरात थी उस दिन मेरे पति ने जब दूध का गिलास पिया तो लाइट चली गई, मेरे देवर मेरे पास आ गए और वह मेरे साथ ही लेटे हुए थे, मेरे पति पता नहीं कहां बाहर चले गए थे और मेरे देवर ने ही मेरे साथ उस दिन सुहागरात मनाई। मैंने यह सब तब देखा जब लाइट आ गई लेकिन वह मुझे उठा उठा कर चोद रहे थे, मेरी योनि से खून भी निकाल दिया था। मेरी योनि उस दिन बहुत लहूलुहान हो चुकी थी लेकिन जिस प्रकार से उन्होंने मेरी इच्छा को पूरा किया मैं बहुत खुश हो गई थी।
जब मेरे पति आने वाले थे तो वह खिड़की के रास्ते से बाहर भाग गए और जब मेरे पति आए तो मैंने दोबारा से अपना घूंघट ओढ़ कर बैठी हुई थी उन्हें बिल्कुल भी शक नहीं हुआ वह कहने लगे आज तो मैं तुम्हारे जिस्म का रसपान करुगा। उन्होंने मेरे कपड़े खोल दिए और जब उन्होंने मेरे गुलाबी होठों का रसपान किया तो वह भी बड़े मजे में आ चुके थे। उन्होंने मुझे कहा तुम्हारे होठ तो बिल्कुल ही गुलाब जैसे हैं तुमने उस पर लाल रंग की लिपस्टिक भी लगा रख है वह मुझे अपनी तरफ और भी ज्यादा आकर्षित कर रही है। उन्होंने जैसे ही मेरे स्तन पर अपनी जीभ को रखा तो मैं मचल उठी थी और मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ जिस प्रकार से उन्होंने मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर रखा। काफी देर तक उन्होंने मेरे स्तनों को चूसा जिससे कि मेरी चूत का पानी निकलने लगा था और उन्होंने जैसे ही मेरी चूत के अंदर अपनी उंगली को घुसाया तो मुझे ऐसा लगा जैसे किसी का लंड मेरी योनि में जा रहा है क्योंकि उनकी उंगली ही इतनी मोटी थी। जब उन्होंने अपने कडक लंड को मेरी योनि में डाला तो मैं चिल्ला उठी थी और मेरी आंख से आंसू भी निकल आए।
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझे चक्कर आ जाएंगे लेकिन उन्होंने जिस प्रकार से मुझे पेला तो मैंने आज तक कभी भी उतना मोटा लंड अपनी योनि में नहीं लिया था क्योंकि उससे पहले भी मैंने कई लंड अपनी मखमली योनि के अंदर लिए थे लेकिन मैने इतना कठोर लंड पहली बार ही अपनी योनि के अंदर लिया था। उन्होंने जब मुझे घोड़ी बनाया और अपने लंड पर सरसों का तेल लगाया तो मैं बहुत ज्यादा डर गई थी। उन्होंने जैसे ही अपने कठोर लंड को मेरी मुलायम और नाजुक गांड के अंदर डाला तो मैं छटपटाने लगी। मैंने उन्हें कहा मुझसे नहीं हो पाएगा लेकिन वह कहने लगे तुम यह कर सकती हो। उन्होंने मेरी गांड के अंदर सरसों के तेल को लगा दिया और दोबारा से अपने लंड को उन्होंने मेरी नाजुक गांड के अंदर उतार दिया। जब उनका लंड मेरी नाजुक और मुलायम गांड के अंदर घुसा तो उन्होंने मेरी गांड को बुरी तरीके से छलनी कर दिया था मेरी गांड से खून निकाल कर रख दिया। जब वह मुझे धक्के मारते तो मुझे ऐसा लगता जैसे मेरी गांड के अंदर दो लंड एक साथ जा रहे हो लेकिन उन्होंने उस रात मुझे इतना ज्यादा संतुष्ट कर दिया कि उसके बाद मेरी कई दिनों तक सेक्स करने की इच्छा ही नहीं हुई। उन्होंने मुझे हमेशा ही चोदा और मुझे मेरी पैंटी तक नहीं पहनने दी, उन्होंने मुझे 2 महीने तक इतना बजाया कि मैंने चड्डी पहननी ही छोड़ दी थी, वह सिर्फ मुझे ही बजाते रहते थे। उन्होंने मेरी गांड और चूत को ऐसा बना दिया था जैसे मेरी गांड के अंदर किसी ने हवा भर दी हो मेरी गांड उठ गई थी। मैं जब भी चलती तो मुझे मेरे ससुर भी देखा करते और उनकी भी नजरे मुझ पर पड़ती तो मैं अपना घूंघट ओढ़ लेती लेकिन वह हमेशा ही मुझे अपनी हवस भरी नजरों से देखते रहते थे। एक दिन मेरे पति और मेरे देवर के बीच में बहुत झगड़ा हो गया, मैं बहुत ज्यादा दुखी थी क्योंकि मेरे देवर ने मुझे बहुत सुख दिया था और मेरे पति ने भी मुझे बहुत ही सुख दिया था परंतु मेरे ससुर मेरे देवर की ज्यादा तरफदारी करते थे इसीलिए उन्होंने मेरे देवर को ज्यादा जमीन और जायदात उनके नाम कर दी।
मेरे पति मेरे साथ बैठे हुए थे वह मुझे कहने लगे मैंने अपने माता और पिता के लिए कोई कमी नहीं रखी लेकिन उन्होंने आज मुझे उसका यह सिला दिया। वह बहुत ही दुखी थे मैंने उन्हें कहा आप चिंता मत कीजिए मैं एक बार उनसे बात करूंगी तो क्या पता वह समझ जाए। मेरे पति मुझे कहने लगे वह तुम्हारी बात नहीं मानने वाले क्योंकि वह मेरे भाई से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और ना जाने उसने ऐसा क्या कर दिया है कि वह उसी के लिए पागल है। मैंने भी अपने इतने साल दिए हैं वह कभी भी मुझे नहीं समझ पाए। मेरे पति बहुत ज्यादा दुखी थे मैंने भी उनके लंड को उनके पजामे से निकाल लिया और उसे अपने मुंह में ले लिया। मै बहुत देर तक उनके लंड को सकिंग करती रही जब उनका पानी उनके लंड के टोपे पर पहुंच गया तो मैं उनके ऊपर बैठ गई। मैने उनके लंड को अपनी गांड के अंदर ले लिया, मैं उनके लंड को अंदर बाहर कर रही थी तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था और थोड़े बहुत मजे वह भी ले रहे थे। उनका मूड भी थोड़ा ठीक होने लगा था लेकिन हम लोगों ने दरवाजा बंद नहीं किया था इसीलिए मेरे ससुर ने हम दोनों को देख लिया। जब उन्होंने मेरी बड़ी गांड को देखा तो उनसे भी नहीं रहा गया था जैसे ही मेरे पति का वीर्य मेरी गांड के अंदर गिरा तो मैंने अपने कपड़े पहन लिए, उसके बाद मेरे पति चले गए।
मेरे ससुर मेरे पास आ गए जब वह मेरे पास आए तो मैं शर्मा रही थी लेकिन मैं भी नहीं चाहती थी कि मेरे पति का कोई हक मार ले इसलिए मैंने भी सोचा कि अपने ससुर को ही आज अपने यौवन का सुख दे दिया जाए जिससे कि उनका फैसला बदल जाए। मैंने भी उनके सामने अपने स्तनों को दबाना शुरू कर दिया मै बार बार अपने स्तनों को दिखा रही थी। वह भी समझ गए, वह मुझे कहने लगे बहू आ जाओ आज तुम्हें में अपने कमरे में लेकर चलता हूं। जब वह मुझे अपने कमरे में ले गए तो उन्होंने अपना कुर्ता पजामा उतार दिया। जब मैंने उनके लंड को देखा तो उनका लंड मेरे पति से भी ज्यादा बड़ा था मैंने उसे अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मैंने उनके लंड को अपने गले के अंदर तक उतार लिया था और मेरे गले से भी झाग निकलने लगा मेरे ससुर के लंड को मै बड़े अच्छे अपने मुंह के अंदर ले रही थी। काफी देर तक मैंने ऐसा किया अब वह पूरे उत्तेजित हो चुके थे। उन्होंने अपने लंड पर सरसों के तेल को ऐसे लगाया जैसे वह किसी जंग में जाने की तैयारी कर रहे हो। जब उन्होंने मुझे अपने बिस्तर पर उल्टा लेटाया तो सीधा ही उन्होंने अपने लंड को मेरी गांड के अंदर प्रवेश करवा दिया, मेरी गांड के अंदर जब उनका लंड प्रवेश हुआ तो मेरी गांड को फाडते हुए ऊपर की तरफ निकल रहा था। जिस प्रकार से वह मेरी गांड मार रहे थे मुझे ऐसा लग रहा था कहीं मेरी गांड और चूत एक साथ मिल ना जाए। मैंने उन्हें कहा आप थोड़ा आराम से कीजिए लेकिन वह तो बिल्कुल ही नही मान रहे थे। उन्होंने 2 मिनट तक मुझे इतना बजाया मुझे ऐसा लगा जैसे पता नहीं कितने दिन बीत गए हो उन्हें धक्के मारते हुए। जब उनका सफेद और गाढ़ा वीर्य मेरी गांड के अंदर गिरा तो वह खुश हो गए। मैंने उनसे कहा आप बराबर बंटवारा कीजिए तभी मैं आपको अपनी गांड का सुख दे पाऊंगी। वह मेरी बात मान चुके थे और उसके बाद मैंने अपने देवर से भी अपनी गांड मरवा ली जिससे कि वह भी मान चुके थे। मेरे पति और मेरे देवर को मेरे ससुर ने बराबर हिस्सा दिया जिससे मेरे पति बहुत खुश हो गए। मेरे पति ने मुझे कहा सविता तुमने तो मेरे बुड्ढे बाप पर जैसे कोई जादू ही कर दिया हो वह तो बिल्कुल भी मानने वालों में से नहीं है। मैंने अपने पति से कहा मैंने तो सिर्फ उनसे बात की और वह मान गए मैं मन ही मन मुस्कुरा रही थी।