कॉलेज का दोस्त मुंबई आया

सविता भाभी के दीवानों का क्या हाल है? मैं आज हाजिर हूँ आपके सामने एक हिंदी सेक्सी कहानी लेकर. ये कहानी अभी परसों की है. मेरा एक कॉलेज फ्रेंड यहाँ मेरे शहर मुंबई आया हुआ था. अचानक से उसकी कॉल आई तो मैं चौंक गयी. फिर मैंने उसको अपना पता बताया और उसे घर बुला लिया. वो जब आया तो मेरे पति भी घर पर थे. वो आया और बैठ गया.
मैंने उसको चाय वगैरह पिलाई और खाना भी खिलाया. वो रात भर सफ़र करके आया था इसीलिए मैंने उससे पूछा की अगर वो सोना चाहे तो सो सकता है. पहले तो उसने मना किया लेकिन फिर बोला की थोड़ी देर सो लेता हूँ, थोडा फ्रेश फील करूंगा. फिर मैंने उसको गेस्ट रूम में सुला दिया. उसके बाद मैंने अपने पति को खाना खिलाया. उसके बाद वो अपने ऑफिस चले गये. उसके बाद मैंने किचन का काम ख़त्म किया और नहा धो ली. अब मेरे कॉलेज फ्रेंड जिसका नाम अंशुल है, को सोये हुए तीन घंटे हो चुके थे. मैंने सोचा की अब उसको उठा देती हूँ. मैं गेस्ट रूम में गयी तो चौंक गयी. असल में अंशुल ने सोने से पहले कपड़े बदल लिए थे और मेरे पति का ढीला ढाला पायजामा पहना हुआ था.
जब मैं गेस्ट रूम में गयी तो देखा की उसका लंड पूरा खड़ा हुआ था और पायजामे के बीच से साफ़ पता लग रहा था. उसके इतने बड़े लंड को देखकर मेरी अन्तर्वासना जाग उठी. मैंने सोचा की आज तो मुझे इस लंड के मजे लेने हैं. मैंने अंशुल को देखा तो वो गहरी नींद में सो रहा था. एक बार कन्फर्म करने के लिए मैंने उसको धीरे से आवाज़ भी दी लेकिन उसकी नींद नही खुली. मैं समझ गयी की वो गहरी नींद में है. उसके बाद मैंने बहुत धीरे से अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया. उसकी नींद जब नही खुली तो मैं समझ गयी की अब मैं इस लंड के मजे ले सकती हूँ और अंशुल को पता भी नही चलेगा.
मैंने अब अंशुल के लंड को धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया. मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैंने देखा की उसके पायजामे का नाडा आधा खुला हुआ है तो मैंने हलके से वो नाडा पूरा खोल दिया. हल्का सा नाडा निचे सरकाने पर अंशुल का लंड मेरे सामने था, उसका लंड आठ इंच का और काफी मोटा था. मेरे मुह में पानी आ गया. मैंने सीधा उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने बीच बीच में उसकी गोलियां भी सहला रही थी. मेरे मुंह से गप्प गप की आवाज़ आ रही थी. थोड़ी देर बाद मुझे लगा की अंशुल मेरे मुंह में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा है. मैं थोडा डर गयी और मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा. मैंने देखा की वो जगा हुआ है और मुस्कुरा रहा है.
मैंने झट से अपना मुंह उसके लंड से हटा लिया तो वो बोला – अरे हटा क्यूँ लिया? मेरी इतने सालों की ख्वाहिश आज पूरी हो रही थी और तुमने अपना मुंह हटा लिया. मैंने बोली – ख्वाहिश मतलब? तब उसने बताया की वो मुझे कॉलेज टाइम से ही पसंद करता था लेकिन मेरा उस टाइम दूसरा बॉयफ्रेंड था इसीलिए कभी बोल नही पाया. मैंने बोला – तुम्हारी ख्वाहिश तो पूरी कर दूंगी लेकिन ये बाद किसी तीसरे तक नही जानी चाहिए. उसने बोला – कभी नही.
इतना कहकर उसने मेरे मुंह में अपना पूरा लंड खुसेड दिया. लंड मेरे गले तक पहुँच गया तो मैंने झट से बाहर निकाला और उसे चुसना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद वो बोला – चुदना भी है या बीएस चुसना है?
मैंने कहा – चुदना है.
वो बोला – आओ फिर, मेरे लौड़े पर बैठ जाओ.
उसका ये कहना था की मैंने तुरंत अपनी साड़ी और पेटीकोट ऊपर किया और उसके लौड़े को ओनी चूत पर सेट करके बैठ गयी. उसका लंड बड़ा था इसीलिए मेरी चूत में थोडा दर्द हुआ लेकिन चुदने की इच्छा के आगे ये दर्द कुछ भी नही था. मैंने फिर उछलना शुरू कर दिया. अंशुल को भी मजा आने लगा. उसने मुझे चोदते हुए ही मेरा ब्लाउज और मेरी ब्रा भी निकाल दी और मेरे बूब्स दबाने लगा.
मैं मजे से आह उह्ह उम् अह्ह्ह उईइ फक मी आह्ह उम् अहह करते हुए अपनी चूत चुदाई के मजे लेने लगी. थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद उनसे मुझे लिटा दिया और मेरी चूत चाटने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. वो जिस हिसाब से अपनी जीभ से मेरी चूत को चोद रहा था, मैं तो झड़ने ही वाली थी. मैं मजे से चूत चटाई के मजे लेने लगी. उसके बाद उसने मुझे उठाया और घोड़ी बना दिया. मैंने भी सोचा की अलग अलग पोजीशन में चुदाई के अलग ही मजे हैं. फिर उसने एक ही झटके में अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल दिया और चुदाई करने लगा.
मैं उह्ह अहह उम् उईइ अहह मर गयी मैं.. अहह उह्ह करती हुई ओनी चूत चुदवाने लगी. वो चोदते हुए मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगा. मेरे चूतड़ लाल हो गये. ये देखकर उसे और जोश आ गया और उसने चुदाई की स्पीड और तेज कर दी. थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई के बाद हम दोनों ने पोजीशन बदली और तीन–चार अलग अलग पोजीशन में चुदाई के मजे लिए. लगभग आधे घंटे की जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों थक गये. उसने पूछा – निकलने वाला है मेरा. चूत में ही निकाल दूँ या बाहर? मैंने कहा – बाहर.
फिर उसने मेरी चूत से अपना लंड निकाल लिया और फर्श पर अपना सारा माल गिरा दिया. इस चुदाई से हम दोनों की अन्तर्वासना शांत हो चुकी थी और हम दोनों थक चुके थे. उसके बाद हम दोनों ऐसे नंगे ही लेट गये. थोड़ी देर बाद उसका भी लंड जागने लगा और मेरी भी चूत में खुजली शुरू हो गयी. उसने मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए. मैं भी गरम होने लगी थी. हम दोनों ने फिर से एक दिन में ही दो बार और चुदाई के मजे लिए. रात में उसकी फ्लाइट थी इसीलिए उसे जाना पड़ा. अगर वो अगली बार मुंबई आया तो मैं उससे जरुर चुदुंगी.
आशा है की मेरी ये देसी कहानी आप लोगों को पसंद आई होगी. कहानी पढने के लिए धन्यवाद्.