सविता भाभी की कमर में तिजोरी की चाबी

Savita bhabhi, xxx hindi story: सविता भाभी नई दुल्हन बनकर राजेश की धर्मपत्नी बनी थी लेकिन सविता भाभी को कोई भी स्वीकार करने को तैयार नहीं था। सबसे ज्यादा तो सविता भाभी के ससुर जी इस बात को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे उन्होंने अपने बेटे राजेश को कहा तुम किस गरीब परिवार की लड़की को उठाकर ले आए हो लेकिन राजेश भी तो अपने प्यार के पीछे बेबस था। वह सविता भाभी को अपने घर पर ले आया था राजेश कहने लगा मैं सविता से बहुत प्यार करता हूं इसलिए मैं उससे शादी कर के घर पर लाया हूं। घर पर सब लोगों की नाराजगी का शिकार सविता भाभी को होना पड़ता और सविता भाभी इस बात से बड़ी परेशान थी कि वह क्या करें लेकिन उनकी चाची ने उन्हें जो गुर सिखाया थे उसको वह आजमाने वाली थी। सविता भाभी के मन में सिर्फ यही बात थी वह अपने  गरमा गरम बदन से कुछ भी हासिल कर सकती हैं, सविता भाभी ने घर में प्यार जीतने के लिए अपने बदन का सहारा लिया।
उन्होंने राजेश को अपने गर्मी से तो पूरी तरीके से नहला दिया था एक दिन सविता भाभी ने राजेश को कहा तुम दरवाजे को खोलकर आज मुझे चोदते रहो। सविता भाभी यह बात अच्छे से जानती थी उनके बदन को देखकर जरूर उनके ससुर जी इस बात से पिघल जाएंगे उन्होंने ऐसा ही किया। राजेश ने दरवाजे को खोला हुआ था वह सविता भाभी के कहे अनुसार ही चल रहे थे सविता भाभी ने उन्हें कहा कि तुम मेरे बड़े स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसते रहो। राजेश ने उनके बड़े स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसा सविता भाभी भी उत्तेजित होने लगी थी और राजेश का लंड भी पूरी तरीके से हिलोरे मारने लगा था ना तो राजेश अपने आपको रोक पा रहा था और ना ही सविता भाभी अपने बदन की गर्मी को रोक पा रही थी। राजेश ने अपने लंड को सविता भाभी के मुंह के अंदर डाला तो सविता भाभी ने अपने गले के अंदर तक राजेश के लंड को उतार लिया। वह उनके लंड को अच्छे से चूसने लगी राजेश का लंड पूरी तरीके से तन कर खड़ा हो चुका था यह सब बाबूजी खिड़की से देख रहे थे।
सविता भाभी की नजर बाबूजी पर पड़ चुकी थी इसलिए वह भी जानबूझकर अपनी चूत को बाबूजी को दिखाई जा रही थी उन्होंने अपने दोनों पैरों को खोला हुआ था और बाबूजी की आंखों के सामने वह राजेश के साथ अपने अंतरंग संबंध का मजा ले रही थी। बाबूजी यह सब देख रहे थे सविता भाभी ने राजेश को कहा तुम मेरी चूत को चाटो तो राजेश भैया ने भी अपनी जीभ को जैसे ही सविता भाभी की चूत पर लगाया तो सविता भाभी पूरी तरीके से गर्म हो गई। वह कहने लगी आप तो मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डालो जैसे ही राजेश अपने लंड को सविता भाभी की चूत के अंदर डाल रहे थे तो सविता भाभी ने कहा अपने लंड को थोड़ा सा चिकना बना लो। सविता भाभी ने राजेश के लंड पर तेल की मालिश करते हुए उसे पूरी तरीके से चिकना बनाया जब सविता भाभी ने राजेश के लंड को चूत के अंदर लिया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी उन्होंने सविता भाभी की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया 10 इंच मोटा लंड जैसी सविता भाभी की चूत में घुसा तो वह अपने मुंह से सिसकियां लेने लगी वह सिसकियो ले रही थी उससे बाबूजी का लंड खड़ा होने लगा। बुढ़ापे में उनका 10 इंच मोटा हो चुका था राजेश भैया ने तो अपनी इच्छा को अच्छे से पूरा कर लिया था। सविता भाभी और राजेश के बीच बहुत देर तक कबड्डी का खेल चलता रहा जब कबड्डी का खेल पूरा हुआ तो राजेश भैया ने भी अपनी पिचकारी को सविता भाभी के स्तनों पर गिरा दिया। सविता भाभी के स्तनों पर राजेश भैया के वीर्य की पिचकारी गिरी तो सविता भाभी ने राजेश भैया के वीर्य को अपने स्तनों से साफ करते हुए बहुत देर तक अपने मुंह में राजेश भैया के लंड को लेकर चूसा। यह सब बाबूजी ने देख लिया था बाबूजी का रवैया सविता भाभी के लिए बदल चुका था घर में यदि कोई भी सविता भाभी को कुछ कहता तो बाबूजी इस पर गुस्सा हो जाया करते थे वह कहते वह घर की बहू है, घर में वही चौधरी थे और चौधराहट को दिखाने का हक था। अब सविता भाभी भी उनका इनाम देने वाली थी सविता भाभी जब भी बाबूजी के कमरे में सुबह के वक्त चाय लेकर जाती तो बाबूजी अपनी आंखों से सविता भाभी के बदन को देख लिया करते थे।
एक दिन तो बाबूजी ने सविता भाभी की पतली कमर पर हाथ मारते हुए कहा तुम्हारी कमर पर चींटी चल रही थी। सविता भाभी ने भी मुस्कुराते हुए कहा बाबूजी अच्छा हुआ चींटी ही थी कहीं कुछ और होता तो पता नहीं कहां काट लेता? इस बात से सविता भाभी मुस्कुराने लगी बाबूजी का लंड हिलोरे मारने लगा था बाबूजी भी अपने आपको ज्यादा समय तक रोक नहीं पाए। जब सविता भाभी ने सुबह के वक्त बाबूजी को चाय दी तो बाबूजी अपने कमरे में लेटे हुए थे उनका लंड धोती से बाहर की तरफ को निकला हुआ था। यह सब देखकर सविता भाभी ने बाबूजी के लंड को ढकने की कोशिश की लेकिन बाबू जी की आंख खुल गई। उन्होंने कहा सविता तुम क्या कर रही थी सविता भाभी चुपचाप कमरे से बाहर जाने लगी बाबूजी ने जैसे ही सविता भाभी के हाथ को पकड कर उन्होंने सविता भाभी को कहा कि आओ ना बहू यहां बैठ जाओ। उन्होंने अपनी गोदी में सविता भाभी को बैठाते हुए सविता भाभी के होठों का रसपान करना शुरू किया और उनकी स्तनों को दबाना शुरू कर दिया। वह सविता भाभी के स्तनों को दबा रहे थे सविता भाभी पूरी तरीके से मचलने लगी थी सविता भाभी ने उनके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर लेते हुए सकिंग करना शुरू किया तो उन्हें बड़ा मजा आने लगा।
बाबूजी का लंड तन कर खड़ा हो चुका था वह सविता भाभी की चूत मे जाने के लिए तैयार था सविता भाभी की साड़ी को उठाते हुए उन्होंने सविता भाभी की चूत में लंड को रगडना शुरू किया। सविता भाभी की चूत के अंदर उनका लंड प्रवेश हो चुका था जैसे ही सविता भाभी की चूत में बाबूजी का मोटा लंड घुसा तो सविता भाभी चिल्ला उठी वह कहने लगी बाबूजी आपका लंड तो बड़ा ही मोटा है। इसी के साथ बाबूजी ने भी अपनी जवानी के जोश को दिखाना शुरू किया हालांकि उनकी उम्र 70 पार हो चुकी है लेकिन जिस प्रकार से वह सविता भाभी की चूत का मजा ले रहे थे उससे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता था कि बाबूजी अभी कोई 25 वर्ष के लड़के होंगे लेकिन बाबू जी ने सविता भाभी की चूत का मजा बहुत देर तक लिया। सविता भाभी की चूत से उन्होंने खून बाहर निकाल दिया था सविता भाभी ने भी बाबूजी से कहा बाबूजी आपके लंड को गांड में लेना है बाबूजी ने भाभी की गांड के अंदर अपने लंड को घुसाया। सविता भाभी की गांड के अंदर लंड प्रवेश हुआ तो सविता भाभी चिल्ला उठी बाबूजी का लंड सविता भाभी की गांड के अंदर तक जा चुका था वह सविता भाभी की गांड का मजा ले रहे थे और जिस प्रकार से बाबूजी ने सविता भाभी की गांड मारी उस से सविता भाभी की गांड से खून बाहर निकल आया था। वह कहने लगी बाबूजी आपके लंड ने मेरी गांड के अंदर पूरी तरीके से तहलका मचा दिया है मुझे बहुत अच्छा लग रहा है बाबूजी का वीर्य बाहर की तरफ को निकलने वाला था। सविता भाभी ने कहा आप अपने वीर्य को मेरी गांड में गिरा दीजिए बाबूजी ने भी अपने वीर्य को सविता भाभी की गांड के अंदर गिरा दिया और सविता भाभी से कहा बहु मेरे लिए कल से तुम बादाम भिगो कर रखना मुझे ऐसा लग रहा है मेरे अंदर अब दोबारा से वही जवानी का जोश आने लगा है। सविता भाभी ने भी अपने कपड़ों को ठीक किया और बाबूजी से कहा बाबूजी कल से मैं आपके कमरे में सुबह के वक्त जल्दी आ जाया करूंगी। बाबूजी के चेहरे पर मुस्कुराहट थी सविता भाभी को घर मे कोई कुछ कहता तो वह उस पर गुस्सा हो जाया करते थे। सविता भाभी आखिरकार अपने मकसद में कामयाब रही और राजेश भैया इस बात से अनजान होते हुए भी खुश है कि भाभी को घर में सब ने स्वीकार कर लिया है लेकिन यह तो सविता भाभी के ही जलवे थे उन्होंने बाबूजी को अपने बदन की गर्मी से अपना बना लिया।