आपकी सविता भाभी हाजिर है आज फिर एक प्यारी से हिंदी सेक्स कहानी लेकर। ये कहानी एक इलेक्ट्रीशियन के साथ की है जो मेरे घर में ए सी ठीक करने आया था। बात जुलाई की है जब गर्मी अच्छी खासी पड़ रही थी और अचानक से मेरे घर का ए सी खराब हो गया। मेरे पति उस दिन घर पर नही थे। मैंने फिर इलेक्ट्रीशियन को कॉल किया और बुला लिया। जब मैंने दरवाजा खोला तो मैंने चौंक गयी क्यूंकि वो इलेक्ट्रीशियन मेरे स्कूल टाइम का दोस्त था। मुझे उसका नाम भी याद था। मैं बोली “ललित तुम!!”। वो बोला “अरे सविता तुम!!”। मैंने कहा “तुम ये सब काम कब से करने लगे?” तो वो बोला की असल में उसकी दुकान है अपनी लेकिन आज दुकान पर कोई लड़का नही था तो वो खुद चला आया। मैंने फिर उसको बिठाया और पानी पिलाया। उसके बाद हम दोनों बात करने लगे. काफी देर यहाँ वहां की बातें हुईं तब तक वो अचानक से बोला “तुम काफी बदल गयी हो सविता”
मैनें कहा “अच्छी लगती हूँ पहले से या खराब?”
वो बोला “पहले से बहुत हॉट हो गयी हो तुम”
मैंने कहा “शर्माओ मत, सीधा खुल के बोल सकते हो, मैं बुरा नही मानूंगी”
तब उसने मेरे बदन की तारीफ़ शुरू कर दी और मेरे बूब्स और उठी हुई गांड की भी तारीफ करने लगा। मुझे बहुत अच्छा लगा क्यूंकि एक ज़माने से किसी ने मेरी इतनी तारीफ नही की थी। मैंने मन ही मन सोचा की क्यूँ न इसे एक मौका दूं मुझे चोदने का। मैंने उससे कहा की क्या मैं तुम्हे पसंद हूँ?”
वो तुरंत बोला “हाँ, मैंने तो कब से कह रहा हूँ। तुम जैसी लड़की मिल जाए तो मजे ही मजे हैं“।
मैंने कहा “हमेशा के लिए तो मैं किसी और की हो चुकी हूँ हूँ, लेकिन हाँ, एक बार के लिए तुम्हें मिल सकती हूँ।”
वो चौंक गया और बोला “क्या मैं सच सुन रहा हूँ?”
मैंने कहा “हाँ, लेकिन अगर तुम्हारा मन मुझे अपनी बाहों में लेने का नही है तो कोई बात नही।”
उसकी अन्तर्वासना जाग गयी और वो बोला “ऐसा किसने बोला“।
इतना कह कर उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मुझे चूमने लगा. मैंने उसे कहा पहले तुम मेरे स्तनों को चूस लो। वह मेरे स्तनों का रसपान करने लगा और उसे मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगा “सविता, अब मुझे और ना तड़पाओ, खुश कर दो आज मुझे“। मैंने फिर उसके लंड को बाहर निकाल लिया और अपने मुंह के अंदर समा लिया। उसका मोटा लंड मेरे मुंह में जा चुका था और मुझे बड़ा आनंद आने लगा था। जब मैं उसके लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी। मैंने ललित को कहा अब मुझसे भी बिल्कुल रहा नहीं जाएगा। ललित ने मेरी चूत को चाटना शुरू दिया तो मुझे मजा आने लगा। मैं चाहती थी मै ललित के साथ सेक्स के मजे लूं।
उअब ललित ने मुझे टांगें फ़ैलाने को कहा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर डाल दिया। उसका आठ इंच मोटा लंड मेरी चूत में जा चुका था और मुझे मजा आने लगा था। मैं उसे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो। वह मुझे बड़े अच्छे तरीके से धक्के मारने लगा था और मेरी गर्मी को वह बहुत ज्यादा बढा चुका था। उसने मुझे बहुत देर तक चोदा और फिर हमने पोजीशन बदलने की सोची। मैंने कमरे की बत्ती बुझा दी और ललित ने अपने लंड पर तेल लगाना शुरू किया। ललित का लंड अब पूरी तरीके से चिकना हो चुका था उसने अपने लंड को इतना ज्यादा चिकना बना लिया था वह मेरी चूत में जाने के लिए तैयार था। मैंने उसके सामने अपनी चूतड़ों को किया तो उसने मेरी योनि के अंदर भी तेल की कुछ बूंदों को डाल दिया और मेरी चूत में अपनी उंगली को घुसाने लगा। जब ललित ऐसा करने लगा तो मेरी चूत पूरी तरह से चिकनी हो गई। कुछ देर तक तो उसने अपनी उंगली को मेरी चूत के अंदर बाहर किया जिससे कि मेरी गर्मी पूरी तरह से बढ़ चुकी थी और मैंने उसे कहा अब तुम मेरी चूत में अपने लंड को घुसा दो।
मैंने जब ललित से कहा तो उसने मेरी चूत में अपने लंड को घुसा दिया और उसका मोटा लंड मेरी योनि को चीरता हुआ अंदर की तरफ जा चुका था। जब उसका मोटा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर की तरफ गया तो मैं जोर से चिल्लाने लगी और मुझे मजा आने लगा। उसे भी बड़ा मजा आने लगा था और वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है उसका लंड मेरी चूत की दीवार से टकराने लगा था। उसने मेरी कमर को कस कर पकड़ लिया और मुझे वह जिस तेज गति से चोद रहा है उससे मेरा पूरा शरीर हिल रहा था। मैंने उसे कहा तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते रहो।
वह मुझे ऐसे ही तेज गति से धक्के मार रहा था जिस तरह से वह मुझे चोद रहा था उससे मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने ललित से अपनी चूतड़ों को मिलाना शुरू कर दिया था उसका लंड मेरी चूत के अंदर तक जा रहा था उसने मुझे कहा भाभी अब आप मेरे ऊपर से आ जाइए। उसने अपने लंड पर दोबारा से तेल लगा लिया मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे लंड को चूसना चाहती हूं। उसके लंड पर जब मैंने अपनी जीभ को लगाया तो उसके लंड पर अलग महक आ रही थी जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी।
मैंने उसके लंड को बहुत देर तक सकिंग किया काफी देर तक उसको सकिंग करने के बाद मैंने उसके लंड को पूरी तरीके से चिकना बना दिया। उसने दोबारा से अपने मोटे लंड पर तेल को लगाते हुए मुझे कहा आप मेरे लंड के ऊपर बैठ जाइए। मैं उसके लंड के ऊपर बैठ गई उसका लंड मेरी चूत में प्रवेश हो चुका था और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था जिस तरह से मैं उसकी इच्छा को पूरी कर रही थी। वह बहुत खुश था वह मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ती जा रही थी और उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था। मैंने उसे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है वह कहने लगा सविता तुम भी ऐसे ही अपनी चूतड़ों को ऊपर नीचे करती रहो।
थोड़ी देर बाद ललित झड़ गया और उसने सारा माल चादर पर गिरा दिया। उसके बाद हम दोनों ने एक बार और सेक्स किया और फिर वो ए सी ठीक करके चला गया। अगर कभी मन किया तो उसको फिर से बुला लूंगी मैंने और चुदवा लूँगा अपनी चूत को।