Savita bhabhi xxx, hindi sex kahani: मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो शांतनु की पत्नी मुझ पर गुस्सा होता हुए कहने लगी तुम कौन हो? मैं कब से दरवाजे कि बेल बजा रही हूं शांतनु कहां है? मैंने शांतनु की पत्नी से कहा शांतनु यहां नहीं है वह कहने लगी लेकिन तुम यहां क्या कर रही हो और शांतनु यदि यहां नहीं है तो भला वह कहां गया। वह बेडरूम में शांतनु को देखने लगी लेकिन वह बाथरूम की तरफ नहीं गई। वह मुझसे कहने लगी मुझे जरूर दाल में कुछ काला नजर आ रहा है लेकिन आज तो तुम बच गई परंतु आगे से मैं तुम्हें नहीं छोड़ने वाली यदि तुम्हें मैंने कभी शांतनु के साथ देख लिया तो मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगी। शांतनु की पत्नी ने मुझे धमकी दी और वहां से वह चली गई वह गुस्से में तिल मिलाती हुई वहां से जा चुकी थी लेकिन अब मुझे यह जानना था आखिर सिक्योरिटी गार्ड ने ऐसा क्यों किया? मैं इस बारे में पूरी जानकारी निकलना चाहती थी शांतनु जल्दी से बाथरूम से बाहर आए और कहने लगे सविता मैं अभी चलता हूं। मैंने शांतनु को कहा ठीक है तुम मुझे भी मेरे घर तक छोड़ देना मैंने जब शांतनु से कहा तो शांतनु ने कहा हां मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ दूंगा और तुम्हारे पति का प्रमोशन पक्का है।
शांतनु ने मेरे पति का प्रमोशन कर दिया था जब मेरे पति का प्रमोशन हुआ तो वह खुश हो गए उस रात उनके साथ मैंने जमकर सेक्स का मजा लिया। मैं जानना चाहती थी शांतनु और मेरे बारे में किसने उनकी पत्नी को कहा था मैं इस बात की पूरी तरीके से जानकारी चाहती थी मैं जब बिल्डिंग के मेन गेट पर गई तो वहां पर तीन-चार गार्ड थे ऐसे ही मैं किसी पर भी शक नहीं कर सकती थी। उसके लिए मैंने चंदू को अपने जाल में फंसाया और चंदू जब मेरे जाल में फस गया तो मुझे पता चला कि चंदू के साथ काम करने वाले मोहन ने इस बात की जानकारी शांतनु की पत्नी को दी है। चंदू के साथ में सेक्स करने के लिए तैयार थी क्योंकि चंदू ने इसी शर्त पर मुझे यह सब बताने की बात कही थी चंदू मुझे अपने 10 बाई 10 के कमरे में ले गया वहां पर चंदू ने अपने कपड़ों को उतारा। मैंने चंदू के काले लंड को देखा मैंने उसे कहा तुम्हारे लंड को मैं अपने मुंह में लेना चाहती हूं? जब चंदू के लंड को मैंने अपने मुंह के अंदर उतारा तो वह खुश हो गया और मैं चंदू के लंड को बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी।
चंदू मुझे कहने लगा भाभी मैंने आपको मोहन के बारे में तो सब बता दिया है लेकिन आप किसी को भी इस बारे में मत बताना। मैंने चंदू से कहा ठीक है मैं इस बारे में किसी से नहीं कहूंगी फिलहाल तो तुम मुझे अपना काले लंड को चूसने दो। मैं चंदू के काले लंड को अपने गले के अंदर तक उतारती रही मैंने चंदू को पूरी तरीके से उत्तेजित कर दिया था। चंदू पूरी तरीके से गर्म हो चुका था वह मेरी चूत मारने के लिए तैयार था उसने अपने लंड पर सरसों के तेल की मालिश करते हुए अपने लंड की चिकनाई को बहुत अधिक कर लिया था। जब चंदू ने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर घुसाया तो मैं पूरी तरीके से हिल गई थी क्योंकि उसका मोटा और काला लंड मेरी चूत को फाडता हुआ मेरे पेट के अंदर तक जा रहा था। जब चंदू का लंड मेरी चूत को फाडता हुआ अंदर की तरफ जा रहा था तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी मैंने चंदू को कहा तुम्हारे लंड में बहुत ताकत है। चंदू कहने लगा भाभी आप भी बड़ी कमाल और गजब की है आपकी गांड के अंदर में लंड को डालना चाहता हूं चंदू ने भी अपने कठोर लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला लेकिन जैसे ही उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसके लंड से वीर्य बाहर की तरफ से निकल आया था और चंदू ने सारे वीर्य को मेरी चूत में पर गिरा दिया। चंदू ने मेरी चूतडो से वीर्य को साफ किया और अपने लंड को दोबारा से खड़ा कर दिया जब चंदू का लंड खड़ा हुआ तो चंदू ने अपने लंड पर दोबारा से तेल की मालिश करते हुए मेरी गांड के अंदर प्रवेश करवाया चंदू का मोटा लंड मेरी गांड के अंदर तक जा चुका था जब उसका लंड मेरी गांड के अंदर तक जा रहा था तो मेरी गांड से गर्मी बहुत ज्यादा बाहर की तरफ को निकालने लगी थी। मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी चंदू ने मेरी गांड के मजे लिए चंदू मेरी गांड बड़ी तेजी से मारता रहा काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब चंदू ने अपने गरम वीर्य को मेरी गांड के अंदर ही गिराया तो मैंने उसे कहा तुम अब मेरी चूत को कुछ देर तक चाटो।
चंदू ने आपनी जीभ से मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा मेरी चूत से चंदू ने पानी निकाल दिया था। मुझे उसी वक्त शांतनु का फोन आया वह कहने लगे सविता तुम कहां हो? मैंने उन्हें कहा बस थोड़ी देर बाद में फ्लैट में पहुंच रही हूं मैंने चंदू से कहा चंदू तुम जल्दी से मेरे चूत को चाट कर थोड़ा सा पानी बाहर निकालो। चंदू ने मेरी चूत को चाट कर पानी बाहर निकाल दिया था हम दोनों ने कपड़े पहने और मैं शांतनु के पास चली गई। मैं जब शांतनु के पास गई तो मैंने शांतनु को सारी बात बताई और कहा यह सब मोहन ने किया है। शांतनु मोहन पर भड़क उठे थे शांतनु ने मोहन को काम से निकाल देने की बात कही मोहन शांतनु के पास आया। वह कहने लगा साहब मुझे माफ कर दीजिए मैं आगे से कभी भी मेम साहब को आपके बारे में कुछ नहीं बताऊंगा। मेम साहब ने मुझे पैसों का लालच दिया था इसलिए मैंने मेम साहब को आपके और भाभी के बारे में बताया आगे से कभी भी मैं भाभी और आपके बारे में नहीं बताऊंगा। मैंने भी शांतनु से कहा छोड़ो अब इस बात को जाने भी दो मोहन को माफ कर दो।
शांतनु ने मोहन को माफ कर दिया शांतनु चाहते थे कि मोहन को नौकरी से निकाल दिया जाए लेकिन शांतनु ने ऐसा मेरे कहने पर नहीं किया शांतनु सोसायटी के सेक्रेटरी भी थे इसलिए उनके पास ही पूरी पावर थी वह मोहन को नौकरी से निकाल सकते थे। जब मुझे मोहन मिला तो मैंने मोहन को कहा मैंने तुम्हारी नौकरी बचा ली। वह मुझे कहने लगा भाभी आपको जब भी मेरी जरूरत पड़े तो मैं आपके लिए हमेशा तैयार रहूंगा। मैंने मोहन को कहा तुम्हारी जरूरत मुझे जब पड़ेगी तो मैं तुम्हें घर पर बुला लूंगी। मोहन कहने लगा हां भाभी आप जब भी मुझे घर पर बुलाएंगी तो मैं आपसे मिलने दौड़ा चला आऊंगा। शांतनु की इच्छा को मैं पूरा कर दिया करती थी और शांतनु मेरी हर एक बातों का ख्याल रखते लेकिन अब मेरी चूत की खुजली कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी मुझे इस बात की खुशी थी मैंने मोहन को भी अपने घर पर बुलाया था और मोहन के साथ भी मैंने रात भर चूत चुदाई का खेल खेला। मोहन ने मुझे बड़े अच्छे तरीके से चोदा था और जिस प्रकार से मोहन ने मेरी चूत के मजे लिए थे उससे मैं बहुत ज्यादा खुश थी। अब शांतनु मेरी गांड भी मरा करते थे शांतनु को मेरी गांड मारना बहुत पंसद था मैं अपनी गांड शांतनु से मरवाती और वह मेरे पति के साथ बड़े अच्छे से पेशाते थे। मेरे पति हमेशा मुझे कहते सविता हमारे बॉस शांतनु तुम्हारी बडी तारीफ करते हैं। मैंने अपने पति से कहा यही तो मेरे जलवे हैं और तुम जानते तो हो ही जब भी कोई मुझे पहली बार मिलता है तो उसके बाद वह मेरा दीवाना जरूर हो जाता है। मेरे पति मुस्कुराते हुए कहने लगे सविता तुम बिलकुल ठीक कहती हो तुम्हारे अंदर यह काबिलियत तो है तुम किसी को भी अपना दीवाना बना सकती हो। मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी है कि तुमने मुझे अपना दीवाना बना लिया है, उस रात मेरे पति और मेरे बीच में जमकर सेक्स हुआ। मैं अपनी जिंदगी में बहुत खुश हूं क्योंकि मेरा मन जब भी जिसके साथ सेक्स करने का होता है तो मैं उसे घर पर बुला लिया करती हूं। शांतनु मुझे अपने फ्लैट पर बुलाते रहते हैं जब भी शांतनु को मेरी चूत मारनी होती थी तो वह मुझे फ्लैट पर बुला लिया करते और मैं फ्लैट पर चली जाया करती। शांतनु से मैं अपनी चूत मरवाकर बड़ी खुश हूं।