Savita bhabhi xxx, xxx hindi story: रात के वक्त हम सब लोग साथ में बैठे हुए थे मौसम भी सुहाना था। हम लोग आपस में बात कर रहे थे लेकिन अब काफी रात हो चुकी थी। मैंने सुरेश को कहा आप दूध पी लीजिए तो रजत ने मुझे कहा भाभी आप मुझे भी दूध पिला दीजिए। यह बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगी और कावेरी भी इस बात पर मुस्कुराने लगी। मैंने सुरेश और रजत को दूध पिला दिया जब रजत और मैं कमरे में लेटे हुए थे। उस वक्त हम दोनों चुदाई का मजा ले रहे थे जब सुरेश और मैं पूरी तरीके से थक कर चूर हो चुके थे तो अब मैं रजत के कमरे में गई वह कावेरी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था। मुझे यह सब देखकर अच्छा लग रहा था सुरेश गहरी नींद में सो चुके थे और चाचा जी भी थके हुए थे क्योंकि चाचा जी को मैंने पूरी तरीके से संतुष्ट कर दिया था। जब मैं रजत और कावेरी को देख रही थी तभी मैंने देखा चाचा जी मेरे पीछे से खड़े हैं वह कहने लगे सविता क्या देख रही हो? मैंने चाचा जी को कहा कुछ नहीं बस ऐसे ही उन दोनों को देख रही थी चाचा कहने लगे चलो मेरे कमरे में आ जाओ।
चाचा जी मुझे अपने कमरे में ले गए वह मुझे कहने लगे तुम मेरे लंड को चूसो। मैंने चाचा जी के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसा मैंने चाचा जी के लंड को अच्छे से चूसा वह बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे। वह मुझे कहने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा है चाचा जी को बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत मजा आने लगा था। हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने चाचा जी के सामने अपनी गांड को किया। चाचा जी ने मुझे चोदना शुरू किया मेरे अंदर कि आग बढी हुई थी वह मुझे अच्छे से चोदते वह मेरी चूत की खुजली को मिटा रहे थे लेकिन फिर भी मुझे लग रहा था मुझे चाचा जी को खुश करना पड़ेगा। मैने चाचा जी के लंड को दोबारा से चूसा जब मैं उनके लंड को चूस रही थी तो मैंने देखा दरवाजे पर रजत खड़ा है वह हम दोनों को देख रहा था।
रजत जब कमरे में आए तो मुझे देखकर कहा आपका बदन बडा कमाल का है मैं कब से दरवाजे पर खडे होकर आप लोगों को देख रहा था। मै रजत के लंड को चूसने लगी और मैं चाचा जी के ऊपर बैठी हुई थी। चाचा जी मुझे बडे अच्छा सा चोद रहे थे मुझे बहुत मजा आ रहा था जब वह मेरी चूतडो पर प्रहार कर रहे थे तो मेरे अंदर की गर्मी को उन्होंने पूरी तरीके से बढा कर दिया था और मैं बहुत ज्यादा खुश हो चुकी थी। अब मैं रजत के साथ सेक्स करना चाहती थी जब चाचा जी ने मेरी चूत अपने माल को गिरा दिया तो उसके बाद हम लोग एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे। जब रजत ने मेरे स्तनों को चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा वह मेरे स्तनों का रसपान बड़े अच्छे से कर रहा था मेरी चूत से निकलता हुआ पानी इतना अधिक हो चुका था कि मैं बिल्कुल भी अपने आपको रोक नहीं पा रही थी और ना ही रजत अपने आप को रोक पा रहा था। रजत ने मुझे कहा सविता भाभी आप अपने मुंह मे मेरे लंड को ले लो। मैंने भी अपने मुंह के अंदर रजत के लंड लिया और अपनी जीभ से रजत के लंड को मैं तब तक चाटती रही जब तक रजत को मज़ा नही आ गया। वह मुझे कहने लगे भाभी आप बहुत ही अच्छी है जब मैंने रजत के लंड को चूसना शुरू किया तो रजत के मोटे लंड को मैं अपने गले तक लेने लगी। जब मैं रजत के लंड को अपने गले तक उतार रही थी तो रजत को बहुत ही अच्छा लग रहा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे रजत चाहता था वह मेरी चूत के मजे ले। जब रजत ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो चाचा जी बहुत गहरी नींद में सो चुके थे वह अब खराटे भरने लगे थे। रजत ने मेरी चूत को चाटा तो मुझे अब मजा आने लगा था और रजत ने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से रजत ने पानी बाहर निकाल दिया। मेरी गर्मी बढ़ चुकी थी मैंने रजत से कहा मै तुम्हारे लंड को चूत मे लेना चाहती हूं तुम मुझे चोदकर मेरी गर्मी को पूरी तरीके से मिटा दो। रजत बड़े ही खुश हो गए रजत ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया मैं चाचा जी के बगल में लेटी हुई थी लह बहुत ही गहरी नींद में सो चुके थे इसलिए उन्हें कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था।
जब रजत मेरे गोरे स्तनों को अपने हाथों से दबाने लगा तो मुझे मज़ा आ रहा था रजत मेरे स्तनों का ऐसे दबा रहे थे जैसे कि वह मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनसे पूरे दूध को बाहर निकाल देंगा। जब रजत ने मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर मेरे स्तनों से दूध बाहर निकाल दिया तो मुझे अब बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। जब रजत ऐसा कर रहे थे तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी रजत भी पूरी तरीके से खुश हो चुके थे। मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जब रजत मेरे स्तनों को चूस रहे थे उन्होने मेरे बड़े स्तनों को चूसकर मुझे पूरी तरीके से गर्म कर दिया था और मेरे स्तनों से दूध को बाहर निकाल दिया। वह मुझे कहने लगे मैं आपके दूध को पीना चाहता हूं तो मैंने रजत को कहा मै आपको दूध पिला चुकी थी। वह मुझे कहने लगे भाभी वह दूध इतना ताकतवर नहीं है जितना कि आपका दूध है। रजत ने मेरे स्तनों से दूध को निकाल कर पीना शुरु किया मैं पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी।
जब रजत ने मेरी चूत पर अपने लंड को रगडना शुरू किया तो मेरी चूत से निकलता हुआ पानी बहुत अधिक मात्रा में बाहर की तरफ को निकलने लगा था। मेरी चूत से निकलते हुए पानी को रजत अपने मुंह में लेकर उसे चाटने लगे तो मुझे अच्छा लग रहा था। जब रजत ने अपने लंड को मेरी योनि पर सटाकर अंदर के तरफ डाला तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई और मै रजत को कहने लगी अब तुम मुझे जोरदार तरीके से चोदना शुरू कर दो। मैने अपने पैरों को खोल लिया था जिसके बाद मैं अब रजत की हो चुकी थी। रजत का मोटा लंड मेरी योनि के अंदर बाहर होता तो मुझे बड़ा ही मजा आता और मेरे अंदर निकलते हुए गर्मी में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। जब रजत ने मेरी चूतड़ों को पकडकर मुझे धक्के मारना शुरू किए तो मुझे अब और भी ज्यादा अच्छा लग रहा था। वह मुझे कहने लगे मैं आपकी चूत कमाल कि है। रजत ने मेरी चूतडो पर अपने हाथ से प्रहार भी किया जिसके बाद मैं पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। जब रजत ने अपने माल को मेरी चूछ के अंदर गिराया तो मैं खुश हो गई और रजत के लंड को मैंने तब तक चूसा जब तक रजत के लंड से पानी बाहर नहीं आ गया। मेरे अंदर की आग पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी लेकिन रजत भी बहुत ज्यादा खुश हो चुके थे और मेरे अंदर की गर्मी अब दोबारा से बढ़ गई। उसके बाद में हम लोगों ने दोबारा चुदाई का मजा लिया मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी। अगले दिन सुबह रजत और कावेरी घर से जा रहे थे तो मैने कावेरी से कहा तुम लोग दोबारा से घर पर आना। वह कहने लगी ठीक है हम लोग फिर कभी आपसे मिलने के लिए आएंगे। चाचा जी अभी भी घर पर ही थे उस दिन भी सुरेश ने मुझे बड़े ही अच्छे से चोदा। अब चाचा जी भी जा चुके हैं मैं और सुरेश एक दूसरे को पूरी तरीके से संतुष्ट कर दिया करते। कभी कभार रजत मेरे पास आ जाया करते और मुझे वह चोद कर पूरी तरीके से मजे दे देता। मुझे तो हर दिन लंड लेने की आदत हो चुकी है और मैं किसी के भी लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तड़पती रहती थी पडोस मे मुझे लगभग सब ने चोद डाला था। मुझे लंड लेने मे मजा ही आ जाता था।