Savita bhabhi xxx, hindi sex story: सविता भाभी ज्यादा तर पार्टियों में ही रहा करती वह अपने आशिक के साथ इतनी बिजी हो गई थी कि उनका 10 वर्ष का लड़का बहुत बिगड़ने लगा था पढ़ाई में भी उसका मन नहीं लगता था। इस वजह से सविता भाभी के पति चाहते थे कि वह उनके बच्चे पर ध्यान दें। सविता भाभी की आजादी अब छिन चुकी थी लेकिन सविता भाभी किसी भी सूरत में यह नहीं चाहती थी कि वह बिल्कुल ही नीरस जिंदगी अपने घर पर जीने को मजबूर हो जाए। उन्होंने उसके लिए भी एक तरीका ढूंढ लिया वह चहती थी कोई उनके बेटे को भी अच्छे से पढा सके और उनके मदमस्त यौवन को भी अपना सकें।
इसी के लिए उन्होंने एक ट्यूशन टीचर की तलाश शुरू कर दी और आखिरकार उन्हें एक बढ़िया ट्यूशन टीचर मिल ही गया वह टीचर बंगाली भाषा थे उनका नाम शांतनु मुखर्जी है शांतनु मुखर्जी निहायती शरीफ और बहुत शांत स्वभाव के युवक हैं उनकी उम्र 30 वर्ष के आसपास की रही होगी। सविता भाभी उन्हें सेक्स का पाठ सिखाना चाहती थी यह तो उन्हें अपने आप पर पूरा भरोसा था। उस रात उन्होंने इसी खुशी में अपने पति के साथ सेक्स का आनंद लिया उनके पति थके हुए ऑफिस से आए थे और उन्होंने उनके मुरझाए हुए लंड को अपने नर्म होठों से खड़ा कर दिया जिससे कि उनके अंदर सविता भाभी को चोदने की इच्छा जाग उठी। जब सविता भाभी ने अपने हरे रंग की पैंटी ब्रा में अपने हुस्न को अपने पति को दिखाया तो वह भी उस रात अपने आप पर काबू ना कर सके और सविता भाभी ने उनकी पैंट को उतार दिया। सविता भाभी की चूत बहुत ज्यादा गिली थी उसके अंदर उन्होंने अपने लंड को एक ही झटके में घुसा दिया और सविता भाभी की गर्मी को शांत किया। सविता भाभी चाहती थी कि वह बंगाली टीचर के साथ में रंगरलिया मनाए और इसी के लिए वह हर रोज उस पर डोरे डालने लगी लेकिन शांतनु मुखर्जी बहुत ही शर्मीले स्वभाव के थे वह अपनी आंख उठाकर भी सविता भाभी की तरफ नहीं देखते थे। सविता भाभी उन्हें हर वह मौका देती जिससे कि वह उनकी इच्छा को पूरा कर सके लेकिन शांतनु तो इस बात को समझ ही नहीं पा रहा था कि उसे सविता भाभी जैसे टाइट माल मिलने वाले हैं।
यह सब शांतनु की परवरिश का असर था कि वह इतना ज्यादा शर्मिला था उसकी सविता भाभी को देखकर हालत खराब हो जाया करती थी लेकिन सविता भाभी ने भी अपने जाल को बुनना शुरू कर दिया था। एक दिन वह शांतनु के लिए चाय लेकर आई तो सविता भाभी ने कहा शांतनु आपके लिए चाय है। वह कहने लगे नहीं अभी जाने दीजिए मैं थोड़ी देर बाद चाय पी लूंगा लेकिन सविता भाभी कहां मानने वाली थी उन्होंने भी ट्रे से कप को उठाते हुए शांतनु की तरफ बढ़ाया और जानबूझकर उन्होंने शांतनु के ऊपर चाय गिरा दी जिससे शांतनु की सफेद रंग की कमीज पूरी खराब हो चुकी थी और उन्होंने शांतनु से कहा आप जाकर कपड़े चेंज कर लीजिए। वह कहने लगा नहीं कोई बात नहीं लेकिन सविता भाभी कहां मानने वाले थी उन्होंने शांतनु से कहां मैं आपको अपने पति की कमीज दे देते हूं आप कपडे बदल लीजिए वह भी चले गए। सविता भाभी कमीज लेकर बाथरूम मे चली गई वह उस वक्त अपनी कमीज़ बाथरूम में बदल रहे थे। उन्होंने अपनी कमीज को उतारकर रखा जिससे की सविता भाभी की नजरे शांतनु की छाती पर पड़ी शांतनु की छाती देखकर सविता भाभी के अंदर से करंट सा दौडने लगा। वह शांतनु के नजदीक गई और कहने लगी आपकी छाती तो बड़ी चौड़ी है। उन्होंने अपने नरम हाथों को शांतनु की छाती पर लगाया शांतनु सहम गया वह थोड़ा सा पीछे जाने की कोशिश करने लगे लेकिन सविता भाभी ने उसकी छाती पर अपनी लिपस्टिक के निशान लगा दिए और कहा मैंने शर्ट रखी है आप इसे पहन लीजिए सविता भाभी बाथरूम से बाहर चली आई। शांतनु काफी देर तक बाहर नहीं आए शायद उनके अंदर भी आग लग चुकी थी वह अपनी जवानी पर काबू नहीं कर पाए इसी वजह से उन्होंने उस दिन हस्तमैथुन किया यह पहला ही मौका था। सविता भाभी हर दिन ऐसा ही कुछ ना कुछ करने लगी थी जिससे कि शांतनु सविता भाभी के बदन की ओर खींचा चला आने लगा था।
शांतनु एक दिन शाम के वक्त पढ़ाने आ ही रहे थे सविता भाभी ने उनके सामने फिसलने का नाटक किया जब वह फिसली तो उनके स्तन बड़ी तेजी से हिले और वह जमीन पर गिर पड़ी। वह ऐसा दिखाने की कोशिश कर रही थी जैसे उनके पैर में मोच आ चुकी है शांतनु शरीफ और लंगोट के पक्के इंसान थे। उन्होंने सविता भाभी को अपनी गोद में उठाया तो सविता भाभी अपने होठों से शांतनु के गाल पर चुम्मा देने लगी। सविता भाभी को शांतनु ने बिस्तर पर लेटा दिया सविता भाभी ने अपनी फैंसी साड़ी के पल्लू को नीचे किया और उनके चौडे गले वाले ब्लाउज से उनके स्तनों की लकीर दिखाई देने लगी। शांतनु के अंदर की आग बहुत बढ़ चुकी थी जैसे ही शांतनु ने सविता भाभी के पल्लू को ऊपर उठा कर रखने की कोशिश की तो सविता भाभी ने शांतनु का हाथ पकड़ लिया और कहने लगी अरे बंगाली साहब आप भी तडपा रहे है। इस बात से शांतनु के अंदर से भी आग पैदा होने लगी थी वह बिल्कुल भी अपने आपको ना रोक सके। सविता भाभी ने अपने ब्लाउज के बटन को खोलते हुए शांतनु से कहा मेरी ब्रा को खोल कर देखना तो शांतनु ने सविता भाभी की ब्रा को खोल दिया और उनकी पिंक रंग की ब्रा को खोल दिया। जब शांतनु ने सविता भाभी के बडे स्तनों को देखा तो शांतनु को बहुत अच्छा लगा।
शांतनु ने पहली बार ही किसी भाभी के इतने बड़े स्तन देखे थे शांतनु उनके स्तनों को निहारने लगा शांतनु अपने हाथों से काफी देर तक सविता भाभी के स्तनो को दबाने लगा, जब सविता भाभी की आग में चिंगारी लग चुकी थी तो उन्होंने शांतनु को किस करना शुरू कर दिया शांतनु उनके सामने बेबस हो चुका था। शांतनु को उन्होंने बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर से वह बैठ गई उन्होंने शांतनु के शर्ट के बटन को खोलना शुरू किया। उसके बाद उन्होंने शांतनु की छाती को अपनी जीभ से चटना शुरू किया जिससे की शांतनु पूरी तरीके से आग उगलने लगा था। शांतनु ने भी सविता भाभी के स्तनों का रसपान बहुत देर तक किया जिससे कि वह समझ चुकी थी की शांतनु के अंदर का जोश अब पूरे उफान पर है। उन्होंने शांतनु की पैंट को उतार कर उसके कच्चे से जब उसके मोटे लंड को बाहर निकाला तो वह खड़ा होने लगा। सविता भाभी कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है क्या तुमने आज तक कभी सेक्स नहीं किया? शांतनु ने सिर्फ अपनी गर्दन को हिलाया और ना में जवाब दिया। सविता भाभी अब रह ना पा रही थी उन्होंने शांतनु के 9 इंच मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर तक ले लिया और उसे तब तक चूसा जब तक कि उसके अंदर से जूस बाहर ना निकल आए। अब शांतनु भी पूरी जोश में था तो शांतनु ने भी भाभी के बदन से सारे कपड़े उतार दिए। सविता भाभी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी उन्होंने शांतनु से अपनी योनि को काफी देर तक चाटने के लिए कहा। शांतनु ने भी उनकी योनि को बहुत दर तक चाटा जब शांतनु ने अपने लंड को सविता भाभी की योनि पर सटाया तो सविता भाभी ने कहा पहले कंडोम पहन लो। सविता भाभी ने शांतनु को कंडोम दिया शांतनु ने अपने लंड को पकड़ा लेकिन उसे चढा ना सका फिर सविता भाभी ने उसके लंड पर कंडोम को चढाया और अपनी योनि के अंदर उसको लंड डालने की इजाजत दे दी।
जब शांतनु मुखर्जी ने अपने लंड को सविता भाभी की योनि के अंदर तक घुसा दिया तो वह अब अपने मुंह से आह ऊह की आवाज लेने लगी। शांतनु का यह पहला ही मौका था तो शांतनु ने भी सविता भाभी को दिन में तारे दिखा दिए वह तब तक उनकी चूत के मजे लेता जा रहा था जब तक कि वह पूरी तरीके से गर्म नहीं हो गई। सविता भाभी भी कहां हार मानने वाली थी सविता भाभी की योनि में शांतनु का वीर्य एक बार पहले ही गिर चुका था लेकिन उसके बाद भी वह दोनों अब तक लगे हुए थे और शांतनु भी हार मानने का नाम नहीं ले रहा था। शांतनु ने उन्हें जब पेट के बल लेटा कर धक्के देना शुरू किया तो सविता भाभी ने भी अपनी योनि को और ज्यादा टाइट कर लिया जिससे कि शांतनु का लंड पूरी तरीके से छिल चुका था। जब शांतनु ने अपने वीर्य की तेज धार को सविता भाभी की योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो वह खुश हो गया और उसके बाद यह सिलसिला आम हो गया।