desi kahani, antarvasna
मेरा नाम सविता है मैं आठवी फेल हूं इसलिए मेरा घर वालों ने मेरी शादी जल्दी करवा दी। वह लोग चाहते थे कि मेरी शादी किसी अच्छे घर में हो। मेरे ससुराल पक्ष ने मेरे घर वालों को बहुत पैसा दिया इसीलिए उन्होंने मेरी शादी कम उम्र मे करवा दी। मेरी उम्र अभी 24 वर्ष है मेरे पति ने मुझे पहली बार चोदा था और उसके पास से तो मेरी चूत मे हमेशा ही खुजली होती रहती है इसीलिए मैं अपने वफादार कालू को अपने साथ ही रखवा लिया और कालू मेरी हर इच्छा को पूरा करता है।
मुझे नए नए लंड लेने की आदत हो चुकी है हमारे घर में जितने भी नौकर है उनसे मैने अपनी संतुष्टि करवा ली है। मेरे पति गांव के बहुत बड़े आदमी है इसीलिए हमारे घर पर काफी नौकर है। मैं उनसे ही अपनी प्यास बुझाती हूं और हमेशा ही मुझे नए नए लंड लेने की आदत है। कभी कभार मेरे पति भी मेरी प्यास बुझा देते हैं लेकिन वह मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते जब वह मुझे चोदते हैं तो 5 मिनट के अंदर ही उनका वीर्य पतन हो जाता है उसके बाद वह मेरी तरफ देखते भी नहीं है। मेरी इच्छा को मेरे नौकर पूरा करते हैं उन्होंने मुझे कभी भी कमी नहीं होने दी लेकिन एक दिन मेरे पति ने हमारे नौकर रामू के साथ मुझे पकड़ लिया। उसके बाद से उन्होंने हमारे घर में सिर्फ एक बुजुर्ग नौकर को रखा है और एक महिला को रखा है। मैं उस बुजुर्ग लंड से ही काम चला रही हूं लेकिन मेरी खुजली नहीं मिट पाती इसलिए में परेशान हो गई मै सोचने लगी मुझे कोई जवान और गबरु लड़का मिल जाए जो मेरी प्यास को बुझा सके मै उसी की तलाश में थी। मैं घर से थोड़ा बहुत बाहर निकलने लगी नहीं तो मेरे पति मुझे कहीं भी बाहर नहीं जाने देते थे। वह मझे कहते तुम घर पर ही रहो लेकिन मेरी भी इच्छा पूरी नहीं हो रही थी इसलिए मैं घर से बाहर जाने लगी। मैं अपने पति से चुपके से घर से बाहर जाती थी इस बात की बिल्कुल भी जानकारी मेरे पति को नहीं थी यदि उन्हें इस बात की जानकारी होती तो वह मुझे कभी भी नहीं जाने देते। एक बार में अपने गांव में घूम रही थी तो मैंने देखा एक जवान लंबा सा लड़का पेड़ काट रहा है।
मैं जब उसके पास गई तो मैंने उससे उसका नाम पूछा। उसका नाम कालू है वह मुझे घूर कर देखने लगा। उसने बड़े ही गंदे कपडे पहने थे लेकिन उसका शरीर बड़ा ही तंदुरुस्त था वह दिखने में बहुत अच्छा था। मैंने कालू से कहा तुम क्या करते हो। वह कहने लगा मैं तो खेती बाड़ी का काम करता हूं। वह मुझे घूर कर देख रहा था और मेरी तरह वह ऐसे ही देखता रहा। मै सोचने लगी क्या आज तक इसने कोई महिला नही देखी होगी। मैंने उससे पूछा कि तुम कहां रहते हो वह कहने लगा मेरा यही पास में घर है और मेरे माता पिता भी खेती का काम करते हैं। मैंने जब उसे बताया कि मैं ठाकुर सुरेंद्र की पत्नी हू तो वह कहने लगा मालकिन आप यहां अकेले कहां घूम रही हैं यदि मालिक ने मुझे आपके साथ देख लिया तो वह मुझे मार मार कर मेरी खाल निकाल देगे। वह बड़ी तेजी से वहां से भाग गया। मैं घर लौट गई जब मै घर लौटी तो मुझे लगा मेरे पति को इतना ज्यादा खुश कर दू कि वह कोई भी बात मना ना कर सके इसीलिए मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं अब अपने पति को अपने तरीके से मनाऊ। मेरे पति जब घर आए तो मैंने उनके पैर दबाने शुरू कर दिए। वह मुझे कहने लगे आज क्या बात है तुम मेरी बड़ी सेवा कर रही हो। मैंने उन्हें कहा कि बस ऐसे ही आज आप पर बड़ा प्यार आ रहा था। मैं उनके पैर दबा रही थी तो उनके लंड को भी मैने दबा दिया। वह मेरे इशारे समझ गए वह कहने लगे लगता है आज तुम्हें मेरे लंड की आवश्यकता पड़ रही है। मैंने उन्हें कहा हां आज मुझे तुम्हारे कडक लंड की जरूरत है। उन्होंने मेरी सांड को ऊपर किया और अपनी जीभ से मेरी योनि को कुछ देर तक चाटा उन्होंने जैसे ही अपने कठोर लंड को मेरी चिकनी चूत के अंदर डाला तो मैं चिल्लाने लगी। वह मुझे कहने लगे क्या तुम्हें मजा आ रहा है। मैंने उन्हें कहा हां मुझे बहुत मजा आ रहा है आप ऐसे ही मुझे धक्के देते रहो और मेरी इच्छा को पूरा करो। उन्होंने मुझे बड़ी तेज गति से चोदा उस दिन उन्होंने मेरी इच्छा को पूरा किया। ऐसा काफी समय बाद हुआ था इसलिए मैं भी उस दिन बहुत खुश थी। मैंने अपने पति से कहा कि मैं भी अब बाहर जाना चाहती हूं और थोड़ा बहुत खेती का काम करना चाहती हूं। वह कहने लगे हमारे इतने नौकर है तुम उनसे ही काम करवा लिया करो। मैंने उन्हें कहा नौकर काम कहां करते हैं वह तो सिर्फ मजे लेते हैं।
जब मेरे पति ने मुझे कहा कि ठीक है तुम कल से खेतों में चले जाना आजकल खेतों में गन्ने लगे हुए हैं और उनकी कटाई चल रही है। मैने उन्हें कहा ठीक है मैं कल से खेतो मे चली जाऊंगी। मै अगले दिन गन्ने के खेत में गई तो मैंने देखा कि कालू भी वहां पर काम कर रहा है। मैं कालू के पास ही बैठ गई वह मुझसे दूर दूर जा रहा था लेकिन मैंने उसे कहा कि तुम मुझसे डर क्यों रहे हो। वह कहने लगा यदि मालिक ने मुझे आपके साथ देख लिया तो वह मेरी चमड़ी उधेड़ देंगे और मेरा हुक्का पानी भी बंद हो जाएगा। मैं कालू से कहने लगी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो। मैंने कालू को कसकर पकड़ लिया और उसे कहा आज तुम गन्ने के खेतों में ही मेरी इच्छा को पूरा कर दो। कालू डर रहा था मैंने उसे कहा कि यदि तुम मेरी इच्छा पूरी नहीं करोगे तो मैं अपने पति से कह दूंगी और उसके बाद वह तुम्हें काम से निकाल देंगे। वह पूरे तरीके से डर चुका था और मुझे कहने लगा कि मैं आपकी इच्छा पूरी कर देता हूं आप गन्ने के खेतों के बीच में चली जाइए। जब मै गन्ने के खेतों के बीच चली गई तो कालू भी थोड़ी देर बाद आ गया वह पसीना पसीना हो रहा था उसके शरीर से पूरा पसीना बाहर निकलने लगा। मैने कालू की धोती को खोल दिया। जब मैंने उसका काला सा लंड देखा तो उसके लंड से भी पसीना निकल रहा था। मैंने तुरंत ही उसे अपने मुंह के अंदर लेते हुए चूसना शुरू कर दिया मै बडे अच्छे तरीके से उसके लंड को चूसने लगी।
कालू पूरे मूड में था वह कहने लगा मेरा वीर्य गिरने वाला है आप बड़े अच्छे से मेरे लंड को चूस रही है। वह बिल्कुल भी नहीं रह पा रहा था उसने जैसे ही मुझे घोड़ी बनाया तो मेरी बड़ी बड़ी चूतडो को देखकर वह मोहित हो गया। उसने तुरंत ही मेरी चिकनी योनि के अंदर अपने कठोर लंड को डाल दिया। जब उसका कठोर लंड मेरी योनि में गया तो मुझे थोड़ा दर्द हुआ क्योंकि मैंने इतना मोटा लंड आज तक अपनी मुलायम चूत मे नहीं लिया था इसीलिए मैं बहुत ज्यादा तड़पने लगी। कालू ने मुझे बड़ी तेज गति से चोदना शुरू कर दिया वह मुझे कहने लगा मालकिन आपका यौवन तो किसी अप्सरा से कम नहीं है यह तो मेरे लिए बड़ा ही सौभाग्य है कि मैं आपको चोद रहा हूं और आपकी इच्छाओं को पूरा कर रहा हूं। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें माला माल कर दूंगी तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो। कालू ने मुझे कसकर पकड लिया मैने भी अपनी चूतडो को हिलाना शुरू कर दिया। कालू बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था वह मुझे कहने लगा शायद मेरा वीर्य आपकी योनि के अंदर गिरने वाला है। मैंने उसने कहा कोई बात नहीं तुम मेरी योनि में अपने वीर्य को गिरा दो। मैने जब उसके वीर्य को अपनी योनि में लिया तो मैं अपने आप को काबू में नहीं कर पाई और मैंने उसे गले लगाते हुए कहा कि अब तुम मेरी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दो। कालू ने अपने मोटे लंड को मेरी गांड में डाला तो मैं बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी क्योंकि उसका इतना ज्यादा मोटा था मेरी गांड के अंदर जब उसका कठोर लंड अंदर बाहर हो रहा था तो मुझे बड़ा दर्द महसूस होने लगा। वह बड़ी तेजी से मेरी गांड मार रहा था मैं भी अपनी चूतडो को उसे मिलाने पर लगी हुई थी। काफी समय बाद जब उसका वीर्य मेरी गांड के छेद के अंदर गिरा तो मैंने उसके कठोर लंड को अपनी गांड से बाहर निकाला तो मेरी गांड से उसके वीर्य की पिचकारी बाहर निकलने लगी। उसके बाद मैंने उसे अपने पति से कहकर अपने घर पर ही रखवा लिया। कालू मेरा बहुत ज्यादा वफादार है मैं जब भी उसे बुलाती हू तो वह हमेशा ही मेरी इच्छा पूरी करने आ जाता है।