तुम्हारा पति तुम्हारा ध्यान तो रखता है?

तुम्हारा पति तुम्हारा ध्यान तो रखता है?

Antarvasna, hindi sex stories: मैं अपने बचपन की सहेली सुहानी की शादी में गई हुई थी सुहानी की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई और सुहानी के चेहरे पर बहुत खुशी थी वह अपनी शादी से बहुत खुश थी लेकिन उस दिन जब मैं अजीत से टकराई तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे अजीत को मैं कई वर्षों से जानती हूँ। अजीत मेरी तरफ देख रहा था और मैं उसकी तरफ देख रही थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था अजीत और मैं एक दूसरे के साथ बात करने लगे। हम दोनों ने एक दूसरे से काफी देर तक बात की और यह सब सुहानी की शादी के दौरान ही हुआ। अजीत लड़के वालों की तरफ से था और उस दिन मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं अजीत को पसंद करने लगी हूं लेकिन उसके बाद काफी समय तक हम लोगों की कोई भी बात नहीं हुई करीब दो महीने बाद जब मैं सुहानी से मिली तो सुहानी से मिल कर मैं बहुत खुश थी।
वह मुझसे मिलने के लिए मेरे घर पर आई हुई थी हम दोनों मेरे रूम में बैठकर बात कर रहे थे मैंने उससे जब उसकी शादीशुदा जीवन के बारे में पूछा तो वह मुझे कहने लगी कि मेरा जीवन तो बहुत ही अच्छे से चल रहा है और वह अपनी शादी से बहुत खुश हुई थी। उसने मुझे बताया कि उसके पति उसका बहुत ध्यान रखते हैं और उसे बहुत प्यार भी करते हैं। बात जब अजीत की होने लगी तो सुहानी ने मुझे अजीत के बारे में बताया और कहा कि वह उसके पति के बहुत ही अच्छे दोस्त हैं। सुहानी ने अजीत की बहुत तारीफ की जिससे कि मुझे भी लगा कि अजीत एक बहुत ही अच्छा लड़का है लेकिन उसके बाद मेरी अजीत से कोई भी बात नहीं हो पाई थी। मैंने जब सुहानी को यह बात बताई कि अजीत को मैं पसंद करने लगी हूँ तो वह मुझे कहने लगी कि तुम अजीत से मिल क्यों नहीं लेती मैंने उससे कहा कि अजीत को मिलने के पीछे की वजह भी तो कोई नहीं है। सुहानी ने मुझसे कहा कि तुम मुझसे मिलने के लिए कब आ रही हो मैंने उससे कहा सुहानी तुम तो जानती ही हो की मैंने जब से अपना काम शुरू किया है तब से मेरे पास समय ही नहीं होता है लेकिन सुहानी के कहने पर मैं उससे मिलने के लिए जाने वाली थी। मैं कुछ दिनों के बाद सुहानी से मिलने के लिए उसके घर पर चली गई जब मैं सुहानी से मिलने के लिए उसके घर पर गई तो उसने उस दिन अजीत को भी घर पर बुला लिया था।
जब अजीत को मैंने देखा तो मैं बहुत ही खुश हुई मुझे ऐसा लगा कि जैसे अजीत के आने से मेरे जीवन में कितनी खुशियां आ गई हो। मैंने अजीत से हाथ मिलाया और हम लोग साथ में बैठे रहे सुहानी मुझे कहने लगी कि मैं अभी आती हूं तुम लोग बैठे रहो। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे शादी के दौरान तो हम लोगों की इतनी बात नहीं हो पाई थी लेकिन अब हम लोगों की काफी बात हुई और मैं बहुत ही ज्यादा खुश थी की अजीत के साथ मैं समय बिता पा रही हूं। अजीत भी इस बात से बहुत ज्यादा खुश था उस दिन के बाद हम लोगों की मुलाकात बढ़ने लगी मैं और अजीत एक दूसरे को समय देने लगे थे। हम लोग एक कॉफी शॉप में अक्सर मिला करते हम लोग जब भी उस कॉफी शॉप में मिलते तो हम लोगों के बीच काफी बातें होती। मैं अजीत से अब अपने दिल की बात कहना चाहती थी लेकिन मैं अजीत को अपने दिल की बात ना कह सकी मैं चाहती थी कि पहले अजीत अपने दिल की बात कहे। अभी तक हम दोनों ने एक दूसरे से इस बारे में कोई भी बात नहीं की थी मुझे कुछ दिनों के लिए अपने मम्मी-पापा के साथ चंडीगढ़ जाना था और मैं कुछ दिनों के लिए अपने मम्मी-पापा के साथ चंडीगढ़ चली गई। मुझे उस वक्त एहसास हुआ कि शायद मैं अजीत के बिना रह ही नहीं सकती हूं और मैं अजीत को फोन करने लगी अजीत से मेरी जब भी बात होती तो मुझे बहुत अच्छा लगता कहीं ना कहीं अजीत को भी यह महसूस हो रहा था। मैं चंडीगढ़ कुछ दिनों तक रुकने वाली थी और उसके बाद मैं वापस लौट आई जब मैं वापस लौटी तो अजीत से मिल कर मैं बहुत खुश हुई। अजीत का जन्मदिन भी नजदीक आने वाला था और जब अजीत के जन्मदिन की पार्टी में उसने मुझे बुलाया तो उस दौरान सुहानी और उसके पति भी वहां आए हुए थे मुझे नहीं मालूम था कि अजीत मुझसे अपने दिल की बात कहने वाले हैं। अजीत ने मुझसे जब अपने दिल की बात कही तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई मैं इस बात से बहुत ही ज्यादा खुश थी कि अजीत ने मुझे अपने दिल की बात कही अब हम दोनों कुछ ज्यादा ही मिलने लगे थे।
मैं चाहती थी कि अजीत को मैं अपने परिवार वालों से मिलाऊँ क्योंकि मैं उनसे कुछ भी नहीं छुपाना चाहती थी। मैंने अजीत को अपने परिवार वालों से मिलवाया उन्हें भी अजीत से कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि अजीत एक अच्छे परिवार से आता है और अजीत ने भी मुझे अपने परिवार से मिलाया लेकिन हम दोनों अभी शादी नहीं करना चाहते थे हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों एक दूसरे के साथ कुछ समय बिताएं। अजीत के साथ मैं समय बिता कर बहुत खुश होती मुझे बहुत ही अच्छा लगता जब मैं अजीत के साथ समय बिताती सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था मेरे जीवन में अजीत के आने से बहुत खुशियां थी। सुहानी से जब भी मैं मिलती तो सुहानी भी इस बात से बहुत खुश थी और वह हमेशा ही मुझसे अजीत के बारे में पूछती। हालांकि अजीत उसके घर पर अकसर आता जाता था लेकिन उसके बावजूद भी वह मुझसे अजीत और मेरे बारे में पूछती। अजीत और मैं कॉफी शॉप में बैठे हुए थे तो मैंने अजीत से कहा कि हम लोगों को क्या अब शादी कर लेनी चाहिए तो अजीत ने मुझे कहा कि कविता मैं तो चाहता हूं कि हम लोगों को शादी कर लेनी चाहिए लेकिन मुझे थोड़ा वक्त चाहिए क्या तुम मुझे कुछ महीनों का वक्त दे सकती हो।
मैंने अजीत से कहा हां अजीत क्यों नहीं तुम सोच लो जैसा तुम्हें ठीक लगता है तुम मुझे बता देना। अजीत चाहता था कि वह कुछ महीनों का वक्त ले उसके बाद हम लोग शादी करने वाले थे। मैं अजीत को कुछ महीनों का समय दे चुकी थी जब हम दोनों मिलते तो बहुत ही अच्छा लगता। एक दिन मैं अजीत से मिलने के लिए उसके घर पर चली गई अजीत घर पर था वह निक्कर में ही था। अजीत और मैं साथ में बैठे हुए थे लेकिन मैं अजीत के लंड की तरफ बार-बार देख रही थी अजीत का लंड खड़ा हो रहा था। हम दोनों के रिलेशन को काफी समय हो चुका था लेकिन अभी तक हम लोगों ने इस तरह की कोई भी बात नहीं की थी और अजीत इस मामले में बहुत ही ज्यादा शर्माता था लेकिन मैंने जब अजीत के लंड को दबाना शुरू किया तो अजीत का लंड एकदम से खड़ा हो गया। मैंने अजीत के निक्कर को उतारते हुए उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा लिया। मैंने जब उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर तक लिया तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मैंने उसके लंड को सकिंग किया उससे वह अपने आपको रोक भी नहीं पा रहा था और मैंने अपने कपड़े उतारते हुए अपनी चूत को अजीत का लंड पर लगा दिया। अजीत ने भी धक्का दिया और मैंने अजीत के लंब को अपनी चूत के अंदर तक ले लिया अब अजीत का लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था मेरी सील टूट चुकी थी। मैं अजीत के लंड के ऊपर नीचे हो रही थी मुझे उसके लंड को अपनी चूत में लेने में मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगा कविता मुझे तो बहुत ही अच्छा लग रहा है मैंने अजीत से कहा चलो हम लोग बिस्तर पर लेट जाते हैं और हम लोगों बिस्तर पर लेट चुके थे। मैंने अपने दोनों पैरों को खोल लिया था जिससे कि अजीत ने अपने मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर घुसा दिया। जब उसका लंड मेरी चूत के अंदर तक गया तो मैं बहुत जोर से चिल्लाई और वह मुझे कहने लगा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है।
अजीत ने करीब 2 मिनट तक मुझे चोदा उसके बाद अजीत ने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया। मैंने अजीत को कहा मुझे बहुत ही अच्छा लगा। अजीत मुझे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा अजीत ने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर घुसा दिया था और उसका लंड मेरी चूत के अंदर तक चला गया मै जोर से चिल्लाई। वह मुझे तेजी से धक्के मारने लगा वह जिस गति से मुझे धक्का मार रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और मुझे एक अलग ही फीलिंग आ रही थी। मैंने अजीत को कहा तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो। अजीत मुझे बहुत देर तक ऐसे ही चोदता रहा काफी देर तक अजीत ने मेरे साथ संबंध बनाए। अजीत ने कहा मुझे लगता है मेरा वीर्य गिरने वाला है लेकिन अभी तक उसका वीर्य गिरा नहीं था। कुछ देर बाद जब उसका वीर्य गिरा तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हुआ उसके बाद हम लोग एक दूसरे से मिलते रहे और हम लोग हमेशा सेक्स किया करते। अब हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया और जल्द ही हम दोनों की शादी होने वाली थी।
जब हमारी शादी की सुहागरात थी तो उस दिन मैं बहुत ज्यादा खुश थी अजीत जब कमरे में आए तो उस वक्त मैं अजीत का इंतजार कर रही थी। अजीत ने मेरी चूत मे लंड को डाला तो मुझे एक अलग ही फीलिंग आने लगी लेकिन मुझे नहीं पता था कि अजीत मेरी गांड मारना चाहता है। अजीत ने मेरी गांड के मजे लिए उससे मुझे गांड मरवाने का भी शौक होने लगा और अजीत मेरी गांड के बहुत ज्यादा मजे लेते हैं। अजीत हर रोज मेरी गांड मरा करते हैं अब हम दोनों शादी के बंधन में बंध चुके हैं और हम दोनों का शादीशुदा जीवन बहुत ही अच्छे से चल रहा है। हम दोनों एक दूसरे को खुश रखने की हमेशा कोशिश करते हैं मैं और सुहानी एक दूसरे से मिलते रहते हैं। सुहानी मुझसे हमेशा इस बारे में पूछती है क्या अजीत तुम्हारा ध्यान तो रखता है? मैं उसे कहती हूं हां अजीत मेरा बहुत ध्यान रखता है।