कमसिन कली ने अपनी जवानी सौंप दी
Antarvasna, hindi sex stories: मेरे पिताजी 15 वर्ष पहले पुणे में आ गए थे हम लोगों का गांव पुणे के पास ही है मेरे पापा ने अपनी मेहनत से एक दुकान शुरू की और दुकान काफी अच्छे से चलने लगी। उनकी तबीयत अब कुछ ठीक नहीं रहती है इसलिए दुकान मैं ही संभाला करता हूं मेरे पिताजी की मेहनत की वजह से ही हम लोग पुणे में अपना घर खरीद पाए। हमारी दुकान का काम काफी अच्छा चलता है इसलिए घर की सारी समस्याएं दूर हो चुकी हैं शुरुआत में पापा काफी ज्यादा मेहनत करते थे जिसकी वजह से ही काम अच्छे से चलने लगा और सब कुछ ठीक होता चला गया। मेरे पापा चाहते थे कि मैं शादी कर लूं मेरी मां ने भी मुझे कई बार इस बारे में कहा लेकिन मैंने उन्हें कहा कि अभी मैं शादी नहीं करना चाहता हूं। मैं अपनी पढ़ाई सिर्फ बारहवीं तक ही कर पाया उसके बाद मैं पापा के साथ ही काम करने लगा क्योंकि मेरा पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं था अब मेरी उम्र 29 वर्ष हो चुकी है और पापा कहने लगे कि बेटा अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए। मैंने उन्हें कहा लेकिन पहले आप सरिता की शादी तो करवा दीजिए सरिता मेरी छोटी बहन का नाम है वह उम्र में मुझसे 5 वर्ष छोटी है लेकिन मैं चाहता था कि पहले उसकी शादी हो जाए। पापा और मम्मी ने जब इस बारे में सरिता से पूछा तो सरिता ने उन्हें बताया कि वह अपने साथ पढ़ने वाले लड़के से प्यार करती है।
इस बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी लेकिन पापा ने कभी भी सरिता पर कोई बंदिश नहीं लगाई थी और ना ही उन्होंने उसे किसी भी चीज के लिए कभी रोका था इसलिए वह चाहते थे कि वह उस लड़के से मिले। जब पापा उस लड़के से मिले तो पापा को वह लड़का काफी अच्छा लगा लेकिन अभी वह कुछ करता नहीं था इसलिए पापा ने रोहित से कहा कि बेटा पहले तुम अपने पैरों पर खड़े हो जाओ उसके बाद हम लोग तुम्हारी शादी के बारे में सोचेंगे। अभी सरिता की शादी नहीं होने वाली थी इसलिए मुझे भी समय मिल चुका था कुछ समय बाद सरिता की पढ़ाई भी पूरी हो चुकी थी और रोहित की भी नौकरी लग चुकी थी। रोहित की नौकरी लगने के बाद रोहित के परिवार वाले सरिता से उसकी शादी करवाने के लिए तैयार हो चुके थे वह लोग हमारे घर पर आए हुए थे पापा और रोहित के पापा ने आपस में बात करखे सगाई तय कर दी।
हमने अपने रिश्तेदारों को भी सगाई में बुला लिया था सगाई बड़े ही धूमधाम से हुई पापा चाहते थे कि सगाई में किसी भी प्रकार की कोई कमी ना रह जाए इसलिए सगाई बड़े ही धूमधाम से हुई। सगाई हो चुकी थी सगाई हो जाने के बाद कुछ ही महीनों में सरिता की शादी रोहित के तय साथ हो गई रोहित के साथ शादी तय होने से सरिता बहुत खुश थी। सरिता मुझे कहने लगी कि भैया आप आज मेरे साथ शॉपिंग पर चलिये मैंने सरिता को कहा ठीक है, मैं उस दिन अपनी दुकान में नहीं गया था मैं सरिता के साथ शॉपिंग के लिए चला गया सरिता ने ढेर सारी शॉपिंग कर ली थी और उसके बाद हम लोग वहां से घर लौट आए। जब हम लोग घर लौट आए तो सरिता बहुत खुश नजर आ रही थी उसने मां को अपनी शॉपिंग किए हुए कपड़े दिखाएं मां और वह एक साथ बैठे हुए थे क्योंकि मैं दुकान पर नहीं गया था इसलिए मैं घर पर ही था। शाम के वक्त मां मुझे कहने लगी कि बेटा घर में राशन खत्म हो चुकी है तो तुम मेरे साथ चलो मैं ही मां के साथ अक्सर राशन लेने के लिए जाया करता था इसलिए हम लोग हमारी पड़ोस की दुकान में चले गए। हमारे घर के पास एक दुकान है हम लोग वहां पर चले गए वहां से हम लोगों ने सामान खरीद लिया और उसके बाद हम लोग वापस लौट आए। जब हम लोग वापस लौटे तो हमने देखा कि पापा को तो काफी तेज बुखार है मैंने पापा से कहा कि क्या आप को डॉक्टर के पास ले चलूं वह कहने लगे नहीं बेटा मैं ठीक हूं। पापा डॉक्टर के पास जाना पसंद नहीं करते हैं वह जल्दी से कभी डॉक्टर के पास नहीं जाया करते हैं। अगले दिन से मैं अपनी दुकान पर जाने लगा और दुकान का काम अच्छे से चल रहा था अब सरिता और रोहित की शादी का दिन भी नजदीक आ गया सरिता और रोहित की शादी के लिए हम लोगों ने पूरी तैयारियां कर ली थी। हमने बैंक्विट हॉल बुक करवा दिया था और जब हम लोगों ने बैंक्विट हॉल बुक करवाया तो हम लोग चाहते थे कि वहां पर किसी भी प्रकार की कोई कमी ना रह जाए इसलिए हम लोगों ने पहले ही बैंक्विट हॉल के मालिक से इस बारे में बात कर ली थी उन्होंने कहा कि आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी।
हमारे सारे रिश्तेदार आ चुके थे हम लोगों ने उनके लिए रुकने की व्यवस्था भी एक होटल में करवा दी थी जिस दिन सरिता की शादी थी उस दिन सरिता बहुत ही सुंदर लग रही थी अब सरिता और रोहित एक दूसरे से शादी के बंधन में बनने वाले थे और इस बात की खुशी पापा और मां दोनों को ही थी। मैं भी काफी खुश था लेकिन अंदर से मैं काफी भावुक भी हो गया था क्योंकि सरिता अब अपने ससुराल जाने वाली थी सरिता की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई और सब कुछ बहुत ही अच्छे से हो चुका था उसके बाद वह अपने ससुराल चली गई। कुछ समय तक तो घर में काफी सूना सा लग रहा था क्योंकि सरिता की शादी हो चुकी थी सरिता जब घर पर रहती थी तो बहुत ही अच्छा लगता था लेकिन अब उसकी शादी हो जाने के बाद वह अपने ससुराल चली गई। करीब एक महीने बाद वह अपने ससुराल से घर लौटी तो वह काफी खुश थी और उसकी खुशी उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। कुछ दिनों तक सरिता घर पर ही रुकने वाली थी इसलिए हम लोग भी इस बात से काफी खुश थे पापा और मां के साथ उसने काफी अच्छा समय बिताया और फिर कुछ दिन वह घर पर रुकने के बाद चली गई।
पापा और मां मेरी शादी के लिए मुझे कहने लगे मैं भी शादी के लिए तैयार हो चुका था मेरे लिए भी अब उन्होंने लड़की ढूंढने शुरू कर दी थी लेकिन अभी तक मुझे कोई लड़की नहीं मिल पाई थी। हमारे पड़ोस मे एक परिवार रहने के लिए आया। जब वह लोग हमारे पड़ोस में रहने लगे तो उनकी मेरे परिवार से बातचीत होने लगी थी। उनकी लड़की जिसकी उम्र 22 वर्ष की थी वह अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी उसका नाम संगीता है। संगीता दिखने में बहुत ही सुंदर है और वह अपनी उम्र से करीब 3 वर्ष बड़ी लगती है क्योंकि उसका गदराया हुआ बदन किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकता है वह बहुत ही ज्यादा सुंदर है। उसे देख कर मुझे हमेशा ही बहुत अच्छा लगता एक दिन मे घर पर ही था उस दिन पापा और मां सरिता से मिलने के लिए गए हुए थे। उस दिन संगीता घर पर आई वह कहने लगी क्या घर पर कोई नहीं है? मैंने उसे कहा नहीं घर पर तो कोई नहीं है। मैंने उसे कहा क्या कुछ जरूरी काम था? वह कहने लगी बस ऐसे ही मुझे आंटी से मिलना था उस दिन वह मेरे साथ बैठी रही मैंने उससे पूछा क्या तुम्हारा बॉयफ्रेंड भी है? वह कहने लगी नहीं मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं है मैं समझ गया कि उसकी चूत सील पैक है मैं उसकी चूत मारना चाहता था। मैंने उसे अपनी बाहों में लेने की कोशिश की और वह मेरी बाहों मे आ गई जब वह मेरी गोद में बैठी तो मेरा लंड खड़ा होने लगा। वह भी समझ चुकी थी कि मैं उसे चोदना चाहता हूं उसके अंदर की जवानी भी फुटने लगी थी वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए बेताब हो चुकी थी। जब उसने मुझे किस किया तो मुझे भी बहुत अच्छा लगा और मैं भी उसे बड़ी अच्छी तरीके से किस करने लगा वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। मैंने जब उसके स्तनों को मसलना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी आज मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है और तुम मेरे बूब्स को दबाते रहो। मैने संगीता से कहा मै आज तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं।
हम दोनो बिस्तर पर लेट गए जब मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया तो मैंने उसके बदन से कपड़े उतारे मैने उसकी लाल कप वाली ब्रा को उतार दिया। मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया तो उसे बहुत ही अच्छा लग रहा मुझे बहुत आनंद आ रहा था, मैंने उसके बूब्स को बहुत देर तक चूसा जब संगीता उत्तेजित होने लगी तो वह मेरे लंड को दबाने लगी। मैंने संगीता के बूब्स को चूसने के बाद उसके पट को चूमा फिर उसे कहा तुम मेरे लंड को चूस लो। उसने मेरे लंड को हिलाया और मुंह के अंदर लेकर उसे चूसना शुरू किया तो उसने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढा दिया। उसने अपनी पैंटी को उतारा जब मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो वह गरम सिसकियां लेने लगी उसकी चूत को मैंने काफी देर तक चाटा। मैंने उसकी गोरी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी चूत गरम हो चुकी है मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया।
मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो वह कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैने उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था। मैं उसकी टाइट चूत के अंदर अपने लंड को डालता तो मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करता रहा। मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी वह भी बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी उसकी गर्मी इतनी अधिक बढ़ने लगी की वह पूरी तरीके उत्तेजित हो गई। वह मुझे कहने लगी तुम जिस प्रकार से मुझे चोद रहे हो उस से मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। मैं संगीता की मोटी जांघो को अपने हाथ से पकडा था और मै उसकी चूत मे लंड को डाल रहा था। वह मुझसे कहने लगी तुम ऐसे ही अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करे रहो। मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बहुत देर तक किया उसकी चूत से निकलती हुआ पानी अब कुछ अधिक हो चुकी थी जिससे कि मैं उसकी चूत से निकलते हुई गर्मी को बर्दाश्त ना कर सका। मेरा वीर्य संगीता की चूत मे ही गिर गया वह अपनी सील तुडवाकर बहुत खुश थी उसके साथ सेक्स कर के मुझे बहुत मजा आया।